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Corona Update: शहर में क्‍यों न फैले कोरोना, हॉटस्पॉट पर न तो सील, न पुलिस और ही न मजिस्ट्रेट Meerut News

Corona Update शहर में कोरोना को लेकर पुलिस भी आदेश को अब गंभीरता से नहीं लेती। कई-कई दिन तक इन संक्रमण के शिकार क्षेत्रों को सील तक नहीं किया जाता।

By Prem BhattEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 11:01 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 11:01 AM (IST)
Corona Update: शहर में क्‍यों न फैले कोरोना, हॉटस्पॉट पर न तो सील, न पुलिस और ही न मजिस्ट्रेट Meerut News
Corona Update: शहर में क्‍यों न फैले कोरोना, हॉटस्पॉट पर न तो सील, न पुलिस और ही न मजिस्ट्रेट Meerut News

मेरठ, जेएनएन। Corona Update कोरोना संक्रमण यदि शहर और जनपद से तेज गति से फैल रहा है तो इसमें उसका कोई दोष नहीं है। दोष अब थक चुकी व्यवस्था का है। अब नया केस मिलने पर हॉटस्पॉट निर्धारण का कार्य संबंधित एसडीएम और एसीएम का है। मजिस्ट्रेट केस आने के 48 से 72 घंटे बाद जाकर हॉटस्पॉट निर्धारण के संबंध में आदेश करे हैं। संबंधित पुलिस को उक्त इलाका सील करने का आदेश दिया जाता है। लेकिन किसी मजिस्ट्रेट की ड्यूटी वे नहीं लगाते। लिहाजा पुलिस भी आदेश को अब गंभीरता से नहीं लेती। कई-कई दिन तक इन संक्रमण के शिकार क्षेत्रों को सील तक नहीं किया जाता।

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यह अब नहीं हो रहा

कोरोना से लड़ रहे विभिन्न विभागों के अधिकारी अब शायद थक चुके हैं। उसका असर शहर में बनने वाले हॉटस्पॉट पर साफ देखा जा सकता है। पूर्व में सीएमओ की संस्तुति पर जिलाधिकारी के हस्ताक्षर से जो हॉटस्पॉट के आदेश जारी किए जाते थे उन्हीं में नए प्रत्येक हॉटस्पॉट के लिए मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाती थी। लेकिन अब एसीएम द्वारा जारी किए जाने वाले आदेश में ऐसा नहीं होता। केवल संबंधित थाना पुलिस को इलाका सील करने का आदेश होता है। दो दिन बाद यह आदेश जारी होता है और पुलिस भी उसे उतनी ही गंभीरता से लेती है।

ताजा उदाहरण

ताजा उदाहरण लालकुर्ती थानाक्षेत्र का तोपखाना है। यहां आरए बाजार में संक्रमण का केस दो दिन पहले मिला है। मंगलवार को एसीएम ने आदेश जारी किया लेकिन बुधवार रात तक भी पुलिस ने उक्त क्षेत्र को सील नहीं किया था। जिसके फलस्वरूप वहां सभी गतिविधियां जारी हैं। इन हालात में कोरोना संक्रमण पर किस प्रकार रोक लगेगी? यह सोचने वाली बात है।

400 में से 270 इपिक सेंटर खत्म

जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने बताया कि जनपद में अभी तक लगभग 400 स्थानों पर कोरोना संक्रमण मिला। इन सभी को इपिक सेंटर बनाया गया। बुधवार तक इनमें से 270 इपिक सेंटर ग्रीन जोन में बदले जा चुके हैं। अब केवल 128 इपिक सेंटर जनपद में हैं।

इनका कहना है

जनपद में हॉटस्पॉट की संख्या काफी ज्यादा हो गई है। वहीं सभी सरकारी विभाग भी खुल गए हैं। मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किए गए अफसरों पर विभागीय कार्य का भी दबाव है। इन हालात में अब कई कई हॉटस्पॉट पर एक मजिस्ट्रेट तैनात करने का निर्देश है। इसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा है इस संबंध में पूछताछ की जाएगी।

- अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी  


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