Move to Jagran APP

Coronavirus: दिल्ली छोड़कर इलाज के लिए मेरठ पहुंच रहे हैं कोरोना मरीज, 50 से ज्‍यादा का हो चुका है ट्रीटमेंट

गाजियाबाद और नोएडा के 50 से ज्यादा मरीजों का मेडिकल में इलाज हो चुका है। इस वार्ड में 20 मरीजों की हो मौत चुकी है। गंभीर बीमारियों की वजह से कोरोना घातक हो गया है।

By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 12:07 AM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 09:11 AM (IST)
Coronavirus: दिल्ली छोड़कर इलाज के लिए मेरठ पहुंच रहे हैं कोरोना मरीज, 50 से ज्‍यादा का हो चुका है ट्रीटमेंट
Coronavirus: दिल्ली छोड़कर इलाज के लिए मेरठ पहुंच रहे हैं कोरोना मरीज, 50 से ज्‍यादा का हो चुका है ट्रीटमेंट

मेरठ, जेएनएन। कोविड-19 के इलाज को लेकर दिल्ली में मचे हाहाकार के बीच अब मरीजों का रुख मेरठ की ओर हो रहा है। सप्ताहभर पहले पत्नी की मौत के बाद एक व्यक्ति अपने बेटे और बेटी को बाइक पर बिठाकर दिल्ली से सीधे मेरठ मेडिकल कालेज आ गया। यह अकेला मामला नहीं है, दिल्ली से मेरठ के कोविड अस्पताल में इलाज के लिए 15 मरीज पहुंचे हैं।

loksabha election banner

गाजियाबाद और नोएडा के मरीजों के आने से मेरठ में बढ़ रहा है दबाव

वहीं गाजियाबाद और नोएडा के गंभीर मरीजों का लोड बढऩे से यहां की व्यवस्था चरमराने लगी है। मेडिकल प्रशासन ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि दिल्ली व आसपास के मरीजों की वजह से कोविड वार्ड में मौतों की दर बढ़ती जा रही है। इस क्षेत्र के अब तक 20 मरीज मेडिकल कालेज में दम तोड़ चुके हैं। मेडिकल कालेज में मौत की दर 19 फीसद मिली है, जो महाराष्ट्र से तीन गुना है।

तीन दिनों में 90 मरीज

वेस्ट यूपी में लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज को कोविड के इलाज के लिए एल-3 सेंटर के रूप में विकसित किया गया है। लॉकडाउन हटाने से पहले वार्ड में 43 मरीज थे, लेकिन अगले तीन दिनों में मरीजों की संख्या 90 तक पहुंच गई। दिल्ली के अस्पतालों में संक्रमण, वहां बेड की कमी और अफरातफरी की वजह से मरीज मेरठ समेत आसपास के अस्पतालों में इलाज के नए ठिकाने तलाश रहे हैं।

16 मई से 10 जून तक 18 मरीजों की मौत

एक जून को मेरठ के दौरे पर आए चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना के सामने मेडिकल कालेज प्रशासन ने तर्क रखा था कि नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली के मरीजों की संख्या बढऩे से वार्ड में स्थानीय मरीजों का इलाज मुश्किल होता जा रहा है। बाहर से आए मरीज गंभीर हालत में मेडिकल कालेज पहुंचते हैं, ऐसे में मौतों का ग्राफ बढ़ा है। मेडिकल कालेज के चिकित्सकों का कहना है कि 16 मई से दस जून के बीच गाजियाबाद और नोएडा के 18 मरीजों की मौत हुई। भर्ती होने के समय ज्यादातर मरीजों के शरीर में आक्सीजन कम मिली। कई मरीजों को वेंटीलेटर पर रखना पड़ा, जिसमें ज्यादातर की जान चली गई। इसमें से आठ मरीजों के इलाज में सात घंटे से भी कम मौका मिला। एक से चार जून के बीच सर्वाधिक मरीजों की मौत हुई। कोविड वार्ड प्रभारी डा. सुधीर राठी का कहना है कि नई दिल्ली के आसपास वाले मरीज काफी वक्त गंवाकर इलाज के लिए पहुंचते हैं और इस समय तक स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी होती है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.