फटी पॉलीथीन में पैक हो रहे कोरोना संक्रमित शव
ोरोना संक्रमित शवों के लिए बनाए गए प्रोटोकाल मजाक बन कर रह गए हैं। मेडिकल कालेज प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मानो किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है।
जेएनएन, मेरठ। कोरोना संक्रमित शवों के लिए बनाए गए प्रोटोकाल मजाक बन कर रह गए हैं। मेडिकल कालेज प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मानो किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है। सूरजकुंड श्मशान घाट पर शनिवार को मुजफ्फरनगर निवासी व्यक्ति के शव को अंतिम संस्कार के लिए लाया गया तो शव को कपड़े में लपेटा गया था। उस पर काली पन्नी चढ़ी थी जो कई जगह से फटी हुई थी।
श्मशान स्थल पर दो व्यक्तियों ने अंतिम संस्कार के लिए शव को एंबुलेंस उठाकर चितास्थल पर रखा और शव पर लकडि़यां आदि लगाई। उनमें से एक ने तो पीपीई किट के नाम पर फटी पालीथीन ओढ़ी हुई थी। सिर पर किसी मिठाई का कैरी बैग लपेट रखा था। बताते चलें कि डब्लूएचओ और स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमित शवों के लिए विशेष प्रोटोकाल जारी किए हैं। संक्रमित शवों में जब तक तरल पदार्थ रहता है उनसे संपर्क में आने वाले व्यक्ति में कोरोना संक्रमण खतरा बना रहता है। इसीलिए अंतिम संस्कार के लिए पीपीई किट पहना जाना अनिवार्य है। संक्रमित शव से किसी को संक्रमण न हो इसके लिए शव को थ्री लेयर प्लास्टिक बैग में शव को पैक किया जाता है। इसे खोलने की अनुमति स्वजनों को भी नहीं होती है। पर शनिवार को श्मशान घाट लाए गए शव को कपड़े में लपेटा हुआ था उस पर काले रंग की पालीथीन थी जो पूरी तरह फट चुकी थी।
अस्पताल में हो गए थे संक्रमित श्मशान घाट पहुंचे मृतक के पुत्र ने बताया कि पिता को सांस की तकलीफ पहले से थी इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। वहीं उन्हें संक्रमण हो गया। इसके बाद तबियत बिगड़ने पर मेरठ मेडिकल कालेज लाया गया। शुक्रवार को सूचना मिली कि उनकी मौत हो गई। पुत्र ने बताया कि मेडिकल कालेज में उसने एक हजार रुपये शव को पैक करने के लिए दिए। बताते चलें कि कोरोना संक्रमित शवों की बेकद्री के पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. एसके गर्ग ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। इस बारे में संबधित अधिकारी से पूछताछ की जाएगी। गाइड लाइन का पालन सुनिश्चित कराया जाएगा।