Corona Effect: कोरोना महामारी ने बदल दिया बाजार, इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाओं की सेहत बुलंद Meerut News
कोरोना महामारी में दवा बाजार बदल गया। क्लीनिकों और अस्पताल बंद होने से दवाओं की खपत में भारी गिरावट आई। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं की बिक्री में उछाल है।
मेरठ, जेएनएन। Corona Effect कोरोना महामारी में दवा का बाजार भी पूरी तरह बदल गया। क्लीनिकों और अस्पताल बंद होने से दवाओं की खपत में भारी गिरावट आई। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं की बिक्री में उछाल है। शुगर, बीपी व न्यूरो की दवाओं की बिक्री पर्ची के आधार पर हो रही है। इसी बीच कई नई दवाओं ने भी प्रवेश किया।
पर्ची पर बिक रही बीपी-शुगर की दवा
जिले में थोक और खुदरा मिलाकर करीब 5300 मेडिकल स्टोर हैं। इन पर हजारों प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं। 230 अस्पताल हैं। इनमें मेडिकल स्टोर भी हैं। कोरोना की वजह से क्लीनिकों में डाक्टर बैठ नहीं पा रहे हैं। वे टेलीफोन पर ही मरीजों को दवाएं दे रहे हैं। इमरजेंसी वार्ड में उपचार हो रहा है। इसके चलते अस्पताल के मेडिकल स्टोर की चांदी है। बाजारों में संचालित स्टोरों की कमाई में गिरावट हुई है। मेरठ में दवा मंडी खैरनगर में मास्क, सैनिटइजर व किट बेचने वाले दर्जनों नए प्रतिष्ठान खुल गए हैं।
ऐसी है दवाओं की ब्रिकी
पैरासिटामाल व दर्द निवारक
बुखार की दवा पैरासिटामॉल खूब बिक रही है। सिर दर्द, बुखार से लेकर कई अन्य बीमारियों में यह कारगर है। कोरोना जैसे लक्षण उभरें नहीं, इसलिए लोग एडवांस में पैरासिटामाल का सेवन कर रहे हैं।
एंटी एंजायटी
लॉकडाउन में लंबे समय से घरों में कैद लोगों में घबराहट, डर, आशंका, धड़कन बढ़ने, अनिद्रा व पैनिक अटैक जैसे लक्षण बढ़े हैं। ऐसे में न्यूरोसाइकेट्री की दवाएं ज्यादा बिक रही हैं।
मल्टी विटामिन्स
इस दवा को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खरीदा जा रहा है। डाक्टर बताते हैं कि जिंक की वजह से यह इम्युनिटी बढ़ाने में कारगर है।
एंटीबायोटिक
मेरठ में इस ग्रुप की दर्जनों दवाओं की सर्वाधिक बिक्री है। इसमें अब भारी गिरावट आई है। अस्पतालों में आपरेशन नहीं हो रहे हैं। फोन पर डाक्टर एंटीबायोटिक बताने से बचते हैं।
दवा मंडी में 50 फीसद मंदा
दवा विक्रेताओं की मानें तो खैरनगर में रोजाना दो के बजाय एक करोड़ की बिक्री हो रही है। जिले में करीब पांच हजार करोड़ की मेडिकल इंडस्ट्री है। इसमें चुनिंदा दवाएं ही बिक रही हैं। सांस, त्वचा, आंख, दांत व ईएनटी के मरीज न क्लीनिक पहुंच पा रहे हैं और न बाजार। डाक्टरों का कहना है कि एलोपैथ में कोरोना का इलाज नहीं मिला तो लोग आयुर्वेद की तरफ झुक गए।
इनका कहना है
जिंक युक्त मल्टीविटामिन का प्रयोग खूब बढ़ा है। यह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। अनिद्रा व तनाव की वजह से साइकेट्री दवाएं बिक रही हैं। बीपी, शुगर, व हार्ट की दवाएं फोन पर परामर्श लेकर लोग खा रहे हैं। एंटीबायोटिक समेत अन्य दवाओं का प्रयोग घट गया है।
- डा. तनुराज सिरोही, सीनियर फिजिशियन
लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं, ऐसे में डायरिया व डिहाइड्रेशन की दवाएं बिकनी बंद हैं। आइवी, कैनुला, डिप्स नहीं बिक रहे। सैनिटाइजर, मास्क, दस्ताना, स्पिरिट खूब बिक रहे हैं। जिले में हर माह करीब 130 करोड़ रुपए की दवाएं बिकती हैं, जिसमें 50 फीसद गिरावट आई है।
- रजनीश कौशल, दवा व्यापारी
खैरनगर का दवा व्यवसाय हर माह 60 करोड़ से गिरकर 30 करोड़ के आसपास रह गया है। पर्ची पर लिखी पुरानी दवाओं को ही लोग खरीदकर खा रहे हैं। मल्टीनेशनल कंपनी की दवाएं बिक रही हैं। मल्टीविटामिन की बिक्री जरूर बढ़ी है।
- उपेंद्र बंसल, महामंत्री, मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन