राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा : कोड और कोटा को लेकर असमंजस में प्रतियोगी Meerut News
31 दिसंबर तक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) के ऑनलाइन फार्म भरे जाएंगे। लेकिन कोड और कोटा को प्रतियोगी छात्रों में अभी भ्रम है।
मेरठ, जेएनएन। 31 दिसंबर तक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) के ऑनलाइन फार्म भरे जाएंगे। मेडिकल की तैयारी में जुटे बहुत से प्रतियोगी छात्रों को नीट के आवेदन को लेकर असमंजस की स्थिति है। आधार कार्ड की अनिवार्यता की वजह से कोटा तय करने में परेशानी है, तो दूसरी ओर बोर्ड के कोड को लेकर भी दुविधा है।
गलती पर निरस्त हो सकता है फार्म
वर्ष 2020 में नीट के माध्यम से मेडिकल के सभी तरह के कोर्स में प्रवेश होंगे। एम्स और जिपमर में भी नीट से प्रवेश मिलेगा। साल भर में एक बार मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षा होने से मेडिकल के छात्र- छात्राएं फार्म भरने में बेहद सावधानी बरत रहे हैं। अभ्यर्थियों को डर सता रहा है कि अगर फार्म भरने में गलती हुई तो उनका फार्म निरस्त हो सकता है। ऐसी स्थिति में उनका पूरा साल बर्बाद हो जाएगा। आधारकार्ड नंबर फार्म में भरने की वजह से बाहर तैयारी करने वाले छात्र असमंजस में हैं।
अलग-अलग कोड
नीट के रिजल्ट के समय हर साल अलग- अलग राज्यों का एक कोटा भी निर्धारित किया जाता है। मेरठ के बहुत से प्रतियोगी छात्र दिल्ली और कोटा में जाकर तैयारी करते हैं। इसमें उनके डमी एडमिशन भी होते हैं। इसकी वजह से बहुत से छात्र इस बात को लेकर असमंजस में हैं वे फार्म में आधार कार्ड का पता भरते हैं तो उनका कोटा उस पते के हिसाब से ही तय होगा। वहीं छात्रों को फार्म में बोर्ड का कोड भरना है। जिसके लिए अलग-अलग कोड दिए गए हैं। छात्र 12 वीं में पढ़ते हैं या 12वीं पास हो चुके हैं, उन सभी का उल्लेख कोड में करना है। इसमें बोर्ड का भी उल्लेख करना है।
सावधानी से पढ़ें निर्देश
विशेषज्ञों की राय है कि फार्म भरने से पहले छात्रों को सावधानी से उसके निर्देशों को पढ़ना चाहिए। हालांकि गलत फार्म भरे जाने पर एनटीए ने 15 दिन का समय फार्म में संशोधन के लिए भी दिया है।