फ्रेट कॉरीडोर के निर्माण कार्य ने पकड़ी गति, ये काम हो गए शुरू
रेलवे की महत्वाकांक्षी परियोजना पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के लिए दौराला और मछरी में पटरी के लिए मिट्टी डालने का काम शुरू हो गया है।
By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 03:28 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 03:28 PM (IST)
मेरठ, [योगेश आत्रेय]। रेलवे की महत्वाकांक्षी परियोजना पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर धरातल पर उतरने लगी है। दौराला और मछरी में पटरी के लिए मिट्टी डालने का काम शुरू हो गया है जबकि पोहल्ली से खिर्वा नौआबाद तक खेत समतल कर चिह्न्ति किए जा रहे हैं।
33 गावों से होते हुए रेलवे लाइन गुजरेगी
पश्चिम बंगाल के डानकुनी से लुधियाना तक निर्माणाधीन पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर अब क्षेत्र के गांवों में धरातल पर उतरने लगा है। सदर और सरधना तहसील के 33 गावों से होते हुए रेलवे लाइन गुजरेगी। जिन पर माल ढोने वाली ट्रेन दौड़ेगी। फिलहाल कार्यदायी कंपनी एलएंडटी ने दौराला और मछरी में पटरी के लिए मिट्टी डालने का काम शुरू कर दिया है जबकि पोहल्ली से लेकर खिर्वा नौआबाद तक खेतों में मिट्टी डालने और समतलीकरण कर जमीन पर निशान लगाए जा रहे हैं।
जमीन की नपाई का हो रहा काम
मिट्टी डालने के बाद इन पर पत्थर डालने काम होगा और उसके बाद पटरी बिछाई जाएगी। हालांकि खिर्वा नौआबाद में जमीन का प्रतिकर दिए जाने के बाद भी भूमि अधिग्रहण में कुछ तकनीकी परेशानी आ रही है जिसके लिए जमीन की नपाई का काम किया जा रहा है। जहां से रेलवे लाइन जानी है वहां के खेतों को खाली कराकर उनमें मिट्टी डालकर समतल करने व मिट्टी लदे ट्रक अंदर तक जाने के लिए संपर्क मार्ग की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। तहसील क्षेत्र के करीब 28 गांवों से होकर कॉरीडोर गुजरेगा।
रैपिड रेल के लिए मोदीपुरम में बनेगा वर्कशॉप
मेरठ शहरवासियों के लिए एक अच्छी खबर है। रीजनल रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के लिए मुख्य डिपो और वर्कशॉप मोदीपुरम में बनेगा। यहीं पर वैगन से लेकर उपकरणों के मेंटीनेंस आदि कार्य होंगे। इससे यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा और आसपास के क्षेत्रों पर भी इसका असर पड़ेगा। गाजियाबाद के दुहाई में सब-डिपो बनेगा, वहां वर्कशॉप नहीं खोला जाएगा।
दो डिपो होंगे
82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरीडोर के लिए सिर्फ दो डिपो होंगे। इसका मुख्य डिपो मोदीपुरम होगा, जबकि सब-डिपो दुहाई में बनेगा। एक वर्कशॉप बनेगी और यह वर्कशॉप मोदीपुरम में खोली जाएगी। मोदीपुरम की वर्कशॉप में स्टेबलिंग, रोलिंग स्टॉक का रिपेयर, बिजली संबंधी कार्य, सिग्नल, संचार आदि से संबंधित सभी कार्य होंगे। दुहाई स्थित सब डिपो में सिर्फ स्टेबलिंग और ट्रेन की सफाई के कार्य होंगे।
वर्कशॉप में होंगे 21 रैक
मोदीपुरम वर्कशॉप में कुल 21 रैक होंगे। इनमें से 16 स्टेबलिंग लाइन, चार इंस्पेक्शन लाइन, चार वर्कशॉप लाइन व दो हैवी रिपेयर लाइन होंगे। फिलहाल इस ट्रेन में नौ कोच होंगे, लेकिन इन लाइनों की क्षमता 12 कोच वाली ट्रेन को खड़ी करने की भी होगी।
मोदीपुरम वर्कशॉप में होंगे ये कार्य
- रिपेयर और मेंटीनेंस ऑफ रोलिंग स्टॉक
- रिपेयर और मेंटीनेंस ऑफ पी-वे एंड रेल बेस्ड ओएचई जैसे कि टावर, वैगन, मोटराइज्ड एलीवेटेड प्लेटफार्म
- रिपेयर और मेंटीनेंस ऑफ एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन, डीजल बैट्री लोकोमोटिव, इंजीनियरिंग ट्रेन
- रिपेयर और मेंटीनेंस ऑफ ऑल मैकेनिकल, इलेक्टिकल, एस एंड टी, वी-वे, एआरटी
इनका कहना है
खुर्जा से मेरठ तक तेजी से काम चल रहा है। मुजफ्फरनगर में जमीन में समस्या के चलते काम धीमा है। बारिश भी खलल डाल रही है। मौसम खुलते ही काम तेजी से शुरू कराया जाएगा।
-रमन चौधरी, एडमिन हेड, एलएंडटी
33 गावों से होते हुए रेलवे लाइन गुजरेगी
पश्चिम बंगाल के डानकुनी से लुधियाना तक निर्माणाधीन पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर अब क्षेत्र के गांवों में धरातल पर उतरने लगा है। सदर और सरधना तहसील के 33 गावों से होते हुए रेलवे लाइन गुजरेगी। जिन पर माल ढोने वाली ट्रेन दौड़ेगी। फिलहाल कार्यदायी कंपनी एलएंडटी ने दौराला और मछरी में पटरी के लिए मिट्टी डालने का काम शुरू कर दिया है जबकि पोहल्ली से लेकर खिर्वा नौआबाद तक खेतों में मिट्टी डालने और समतलीकरण कर जमीन पर निशान लगाए जा रहे हैं।
जमीन की नपाई का हो रहा काम
मिट्टी डालने के बाद इन पर पत्थर डालने काम होगा और उसके बाद पटरी बिछाई जाएगी। हालांकि खिर्वा नौआबाद में जमीन का प्रतिकर दिए जाने के बाद भी भूमि अधिग्रहण में कुछ तकनीकी परेशानी आ रही है जिसके लिए जमीन की नपाई का काम किया जा रहा है। जहां से रेलवे लाइन जानी है वहां के खेतों को खाली कराकर उनमें मिट्टी डालकर समतल करने व मिट्टी लदे ट्रक अंदर तक जाने के लिए संपर्क मार्ग की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। तहसील क्षेत्र के करीब 28 गांवों से होकर कॉरीडोर गुजरेगा।
रैपिड रेल के लिए मोदीपुरम में बनेगा वर्कशॉप
मेरठ शहरवासियों के लिए एक अच्छी खबर है। रीजनल रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के लिए मुख्य डिपो और वर्कशॉप मोदीपुरम में बनेगा। यहीं पर वैगन से लेकर उपकरणों के मेंटीनेंस आदि कार्य होंगे। इससे यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा और आसपास के क्षेत्रों पर भी इसका असर पड़ेगा। गाजियाबाद के दुहाई में सब-डिपो बनेगा, वहां वर्कशॉप नहीं खोला जाएगा।
दो डिपो होंगे
82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरीडोर के लिए सिर्फ दो डिपो होंगे। इसका मुख्य डिपो मोदीपुरम होगा, जबकि सब-डिपो दुहाई में बनेगा। एक वर्कशॉप बनेगी और यह वर्कशॉप मोदीपुरम में खोली जाएगी। मोदीपुरम की वर्कशॉप में स्टेबलिंग, रोलिंग स्टॉक का रिपेयर, बिजली संबंधी कार्य, सिग्नल, संचार आदि से संबंधित सभी कार्य होंगे। दुहाई स्थित सब डिपो में सिर्फ स्टेबलिंग और ट्रेन की सफाई के कार्य होंगे।
वर्कशॉप में होंगे 21 रैक
मोदीपुरम वर्कशॉप में कुल 21 रैक होंगे। इनमें से 16 स्टेबलिंग लाइन, चार इंस्पेक्शन लाइन, चार वर्कशॉप लाइन व दो हैवी रिपेयर लाइन होंगे। फिलहाल इस ट्रेन में नौ कोच होंगे, लेकिन इन लाइनों की क्षमता 12 कोच वाली ट्रेन को खड़ी करने की भी होगी।
मोदीपुरम वर्कशॉप में होंगे ये कार्य
- रिपेयर और मेंटीनेंस ऑफ रोलिंग स्टॉक
- रिपेयर और मेंटीनेंस ऑफ पी-वे एंड रेल बेस्ड ओएचई जैसे कि टावर, वैगन, मोटराइज्ड एलीवेटेड प्लेटफार्म
- रिपेयर और मेंटीनेंस ऑफ एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन, डीजल बैट्री लोकोमोटिव, इंजीनियरिंग ट्रेन
- रिपेयर और मेंटीनेंस ऑफ ऑल मैकेनिकल, इलेक्टिकल, एस एंड टी, वी-वे, एआरटी
इनका कहना है
खुर्जा से मेरठ तक तेजी से काम चल रहा है। मुजफ्फरनगर में जमीन में समस्या के चलते काम धीमा है। बारिश भी खलल डाल रही है। मौसम खुलते ही काम तेजी से शुरू कराया जाएगा।
-रमन चौधरी, एडमिन हेड, एलएंडटी
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