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दिल्ली में टनल के लिए 20 मीटर गहरे शाफ्ट का निर्माण शुरू

देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम यानी रैपिड रेल कारिडोर के लिए

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 08:12 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 08:12 AM (IST)
दिल्ली में टनल के लिए 20 मीटर गहरे शाफ्ट का निर्माण शुरू
दिल्ली में टनल के लिए 20 मीटर गहरे शाफ्ट का निर्माण शुरू

मेरठ, जेएननए। देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम यानी रैपिड रेल कारिडोर के लिए दिल्ली और मेरठ में दो स्थानों पर टनल भी बनाई जाएगी। दिल्ली में टनल की खोदाई करने वाली मशीन को जमीन में भेजने के लिए शाफ्ट का निर्माण शुरू कर दिया गया है।

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दिल्ली के आनंद विहार में रविवार से टनल (सुरंग) बनाने के लिए शाफ्ट का निर्माण कार्य शुरू हो गया। इसके लिए लगभग 20 मीटर गहरे (10 मंजिला इमारत की ऊंचाई के बराबर) और पांच मीटर चौड़े आकार के पहले डायफ्राम वाल (डी-वाल) पैनल को जमीन के नीचे पहुंचाया गया। डी-वाल भूमिगत हिस्से में मिट्टी की खोदाई करते समय ढाल या फ्रेम के रूप में कार्य करता है, जिससे मिट्टी के गिरने की संभावना कम हो जाती है, साथ ही यह पानी के रिसाव को भी रोकता है।

यह लांचिग शाफ्ट 20 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा है, जो आनंद विहार भूमिगत आरआरटीएस स्टेशन के दक्षिण दिशा की ओर स्थित है। आनंद विहार से सराय काले खां की ओर आरआरटीएस के लिए दो बराबर में टनल की खोदाई होगी। इसलिए इस शाफ्ट में दो टनल बोरिग मशीन (टीबीएम) को उतारा जाएगा। इन दोनों टीबीएम मशीनों द्वारा लगभग तीन किलोमीटर की सुरंग बनाई जाएगी। किसी भी आपात स्थिति के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरंगों के दोनों किनारों को जोड़ने वाले इस बड़े खंड के बीच एक वायु संचार या एयर वेंटिलेशन शाफ्ट का निर्माण किया जाएगा। सुरंगों से यात्रियों के सुरक्षित निकास की सुविधा के लिए आपातकालीन निकासी सुविधा का निर्माण भी किया जा रहा है, जो किसी विपरीत परिस्थिति में यात्रियों की निकासी के लिए आवश्यक होता है। इसके साथ ही आनंद विहार से मेरठ की ओर दो किलोमीटर से अधिक लंबाई की जुड़वा सुरंगों के निर्माण कार्य के लिए आनंद विहार स्टेशन के उत्तरी दिशा में शाफ्ट का निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा। ये टनल 180 किमी प्रति घंटे की उच्च डिजाइन गति के कारण देश में अन्य मेट्रो सिस्टम की तुलना में अधिक बड़ी (ज्यादा व्यास की) होंगी। इन ट्रेनों की गति अधिक होने के कारण सुरंगों में शाक तरंगें उत्पन्न होने से यात्रियों पर हवा के दबाव और असुविधा को कम करने के लिए इन सुरंगों का आंतरिक व्यास 6.5 मीटर है।


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