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सीएम के फैसले का उद्यमियों ने किया स्‍वागत लेकिन अभी उद्योग चलाने में असमंजस Saharnapur News

उद्योग को चलाने को लेकर अभी उद्यमीयों में असमंजस बना हुआ है। स्‍वत घोषणा पत्र देने को लेकर अभी इनमें एक मत नहीं बन पा रहा है। कहना है कि इसके लिए ऑनलाइन घोषणा पत्र पर्याप्‍त है।

By Prem BhattEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 04:58 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 04:58 PM (IST)
सीएम के फैसले का उद्यमियों ने किया स्‍वागत लेकिन अभी उद्योग चलाने में असमंजस Saharnapur News
सीएम के फैसले का उद्यमियों ने किया स्‍वागत लेकिन अभी उद्योग चलाने में असमंजस Saharnapur News

सहारनपुर, जेएनएन। रेड जोन में उद्योग चलाने की अनुमति देकर डेढ़ माह से बंद उद्योग को गति देने के फैसले का उद्यमियों ने स्वागत किया है। उद्योग चलाने के लिए उद्यमी भी कोविड-19 की सभी शर्तों को मानने के लिए तैयार हैं। परंतु इसके लिए स्व घोषणा पत्र देने पर अभी उद्यमी संगठन एक मत नहीं हैं। उनका कहना है कि इसके दूसरे ग्रीन व ऑरेंज जोन की तरह ऑनलाइन या घोषणा पत्र ही पर्याप्त होना चाहिए।

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लॉकडाउन की मार से डगमगाए उद्योग जगत फिर संभालने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयासरत है। सिर्फ घोषणा पत्र के आधार पर ही उद्योगों का संचालन किया जा सकेगा। इसके लिए शासन ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश देकर यह साफ कर दिया है कि लॉकडाउन-3 की अवधि में इकाइयों के स्व-घोषणा पत्र लेकर उन्हें चलाने की अनुमति दी जाए। जनपद सहारनपुर रेड जोन में है यहां डीएम की अनुमति ही अनिवार्य होगी। इसके लिए डीएम अखिलेश सिंह ने बिना किसी देरी के इकाई संचालित करने के लिए जीएम डीआईसी सिद्धार्थ सिंह को इसके लिए अधिकृत किया है कि वह आवेदन किये जाने के तीन दिन के भीतर ही उद्योग संचालित करने की अनुमति दी जाए। जनपद में चीनी मिलों को छोड़ सभी छोटे-बड़े उद्योग पिछले करीब डेढ़ माह से बंद हैं। बड़े उद्योगों की बात करें तो उनमें आईटीसी, स्टार पेपर मिल, यूनिटेक, राईस मिलें, इंडियन हर्ब्स, इंडियन फिल्टर्स, समेत वुडकार्विंग व हौजरी की करीब एक हजार औद्योगिक इकाईयां बंद हैं।

उद्यमियों की राय

आईआईए के चैप्टर चेयरमैन रविंद्र मिगलानी का कहना है कि मंगलवार को उत्तर प्रदेश शासन ने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्रीन और ऑरेंज जोन में स्थित उद्योगों को चलाने के लिए केवल स्वत: घोषणा पत्र देना है। जबकि रेड जोन में स्थित उद्योगों को चलाने के लिए स्वत: घोषणा पत्र संबंधित उपायुक्त उद्योग को देना है और उन्हें शीघ्रता से शीघ्र उद्योगों को चलाने की अनुमति देनी है एवं ज्यादा से ज्यादा विलंब से भी 3 दिन के अंदर अंदर उद्योगों को चलाने की अनुमति हर हाल में देनी है। उनका कहना है कि इसके लिए अभी उद्यमी खुद को असहज मान रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह आनलाइन या स्वत: घोषणा पत्र को ही पर्याप्त माने। कोविड-19 की शर्तों में जो पांच फीसदी कर्मचारियों के सैंपलिंग की शर्त रखी है उसे पूरा किया जाना संभव नहीं है।

इनका यह है मानना 

उद्यमी आरके धवन का कहना है कि अभी लॉक डाउन की स्थिति भी स्पष्ट नहीं है यदि माल तैयार हो जाए तो उसकी बिक्री कहां होगी। सहारनपुर जैसे जिले में जहां 80 से 90 प्रतिशत उद्योगों में केवल पांच से 10 कर्मचारी ही काम करते है, ऐसे लघु उद्योगों को भी केवल ऑनलाइन स्वत: घोषणा पत्र भेजने की सुविधा मिलनी चाहिए जो जिला उद्योग केंद्र की ईमेल या जिलाधिकारी की ईमेल पर हो ताकि छोटे उद्यमियों का उत्पीड़न ना हो और शासन की मंशा के अनुसार रेड जोन में भी उद्योग चल सके हैं। कहा कि इस प्रकार के आदेश गाजियाबाद एवं गौतमबुद्ध के जिलाधिकारी ने अपने जिले के उपायुक्त उद्योग को ऐसे आदेश जारी किये है।

हौजरी उद्योग से जुड़े मंजीत सिंह अरोड़ा का कहना है कि यदि डीएम सहारनपुर इस तरह के आदेश सहारनपुर के उपायुक्त उद्योग को जारी करें ताकि उत्तर प्रदेश शासन की मंशा के अनुरूप सहारनपुर में भी जल्द से जल्द उद्योग शुरू हो सके और यहां के श्रमिकों को काम व पैसा मिल सके। कुल मिलाकर अभी उद्यमियों में उद्योग चलाने को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। यही कारण है कि अभी तक जनपद में किसी भी उद्यमी द्वारा उद्योग चलाने के लिए कोई आवेदन नहीं किया गया है। 


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