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छावनी में नई टोल व्यवस्था पर टकराव बढ़ा, तीन दिन का अल्टीमेटम

आठ दिसंबर से छावनी परिषद की नई टोल व्यवस्था पर घमासान शुरू हो गया है। सोमवार को कैंट विधायक ने कैंप कार्यालय पर बैठक कर रणनीति बनाई फिर कैंट बोर्ड के सीईओ से मिलकर आपत्ति दर्ज कराई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 08:00 AM (IST)
छावनी में नई टोल व्यवस्था पर टकराव बढ़ा, तीन दिन का अल्टीमेटम
छावनी में नई टोल व्यवस्था पर टकराव बढ़ा, तीन दिन का अल्टीमेटम

मेरठ, जेएनएन । आठ दिसंबर से छावनी परिषद की नई टोल व्यवस्था पर घमासान शुरू हो गया है। सोमवार को कैंट विधायक ने कैंप कार्यालय पर बैठक कर रणनीति बनाई, फिर कैंट बोर्ड के सीईओ से मिलकर आपत्ति दर्ज कराई। विधायक ने तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद कानून व्यवस्था बिगड़ने पर कैंट बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया है।

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शहर के बीच में प्रवेश शुल्क वसूलने के लिए छावनी परिषद के ठेकेदार ने बैरिकेंिडंग लगाई है। इसका शुरू से ही विरोध हो रहा है। कई जगह पर अव्यवस्था फैली हुई है। सोमवार को कैंट विधायक ने अपने कैंप कार्यालय पर भाजपा पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, व्यापारियों के साथ बैठक की। बैठक में बोर्ड के सदस्य भी रहे। सभी ने एक स्वर में कैंट की नई व्यवस्था का विरोध किया। कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि अगर कैंट बोर्ड दिल्ली रोड, मवाना रोड, रुड़की रोड से अपने बैरियर नहीं हटाता है तो जनता खुद हटाएगी। बैठक में रणनीति बनाने के बाद कैंट विधायक और अन्य पदाधिकारी सीईओ प्रसाद चव्हाण से मिले। विधायक ने साफ कहा कि पहले से जिन छह जगहों पर शुल्क वसूले जा रहे थे, उसका विरोध नहीं है। दिल्ली रोड, मवाना रोड, रुड़की रोड छावनी की नहीं है, ऐसी सड़कों पर शुल्क वसूलने का कोई औचित्य नहीं है। सीईओ ने कहा कि बोर्ड में यह पास हुआ है। सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश है। भाजपा के महानगर अध्यख मुकेश सिंघल ने विरोध जताया। कहा कि इससे ला एंड आर्डर बिगड़ सकती है। कैंट विधायक ने टोल हटाने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। इसमें विशेष बैठक बुलाकर निर्णय करने को कहा है। 13 दिसंबर तक कैंट बोर्ड को निर्णय करना है। सीईओ ने आश्वस्त किया कि कानून व्यवस्था का वह पूरी तरह से ख्याल रखेंगे। इस दौरान पूर्व महापौर हरिकांत अहलूवालिया, सुशील गुर्जर, वार्ड सदस्य अनिल जैन, नीरज राठौर, अनंत जैन, अजमल कमाल, गौरव गोयल भी रहे।

यह है मामला

छावनी परिषद पहले छह जगह से व्यवसायिक वाहनों से प्रवेश शुल्क वसूलता था। आठ दिसंबर से 11 जगह से शुल्क वसूल रहा है। प्रवेश शुल्क भी बढ़ाए गए हैं। दिल्ली रोड, मवाना रोड, रुड़की रोड और कंकरखेड़ा की सड़कें पीडब्लूडी की हैं। इन जगहों पर प्रवेश शुल्क वसूलने का विरोध हो रहा है।

टीपीनगर बंद करने की चेतावनी

टीपी नगर में सोमवार को संयुक्त ट्रांसपोर्टर संघ की बैठक हुई। इसमें छावनी के नए एंट्री टैक्स का विरोध किया गया। संघ के अध्यक्ष पिंकी चिन्योटी ने कहा कि अगर दिल्ली रोड, मवाना रोड, रुड़की रोड से बैरियर नहीं हटा तो बैरियर खुद हटाएंगे। सभी ने तय किया कि वे मंडलायुक्त को ज्ञापन देंगे। अगर बात नहीं सुनी गई तो वे ट्रांसपोर्ट नगर को बंद कर देंगे।

सवाल खड़े कर रही सदस्यों की चुप्पी

बोर्ड बैठक में भाजपा के सदस्य हैं, बावजूद दिल्ली रोड सहित अन्य जगह टोल लगाने का प्रस्ताव पास हुआ। इसे लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं। वहीं सोमवार को सदस्य टोल हटाने के विरोध में खुलकर नहीं आए। उनका कहना था कि राजस्व बढ़ाने के लिए कैंट के पास विकल्प क्या है। उन्होंने बताया राज्य और केंद्र सरकार से कोई फंड नहीं है। रेलवे, आयकर विभाग, स्कूलों पर करोड़ों रुपये का टैक्स बकाया है।

बीच सड़क में बैरियर से जाम

दिल्ली रोड फैज ए आम इंटर कॉलेज के सामने टैक्स के लिए बैरियर लगाने से यह दुर्घटना का केंद्र भी बन गया है। सोमवार को तेजी से आ रहे वाहनों को रोकने की वजह से पीछे के वाहनों में टक्कर लगने, दुर्घटना होने की आशंका बनी हुई है। वहीं बगैर किसी व्यवस्था के वाहनों को रोकने से जाम की समस्या बनने लगी है। यहीं हाल मवाना रोड और रुड़की रोड पर भी है। दिल्ली रोड पर कैंट के टोल से बचने के लिए छोटे व्यवसायिक वाहन शहर के अंदर से रास्ता तलाशने लगे हैं। इससे शहर के भीतर भी जाम की समस्या होने लगी है। मवाना रोड पर बैरियर लगाने से कई वाहन चालक कमिश्नरी आवास चौराहे से मवाना रोड की ओर जाने की जगह सीधे कमिश्नरी चौराहे से होकर निकले। इसकी वजह से कमिश्नरी आवास के सामने भयंकर जाम लगा रहा।


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