कामनवेल्थ गेम्स 2022 : मां अनीता के सपनों में दौड़े घोड़े, बेटी प्रियंका की बढ़ गई रफ्तार
Commonwealth Games 2022 पैदल चाल में प्रियंका गोस्वामी ने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ जीती चांदी। जैसे ही प्रियंका ने रजत पदक विजयी कदम रखा माधवपुरम स्थित उनके घर व मोहल्ले के लोगों की आंखों चमक उठी। ढोल-नगाड़े संग मोहल्ले में मना जश्न।
मेरठ, जागरण संवाददाता। बरमिंघम कामनवेल्थ गेम्स में पैदल चाल इवेंट के तीन दिन पहले ही प्रियंका की माता अनीता गोस्वामी ने सपने में घोड़े दौड़ते हुए देखे थे। उसी दिन प्रियंका ने फोन किया और सहसा की मां से पूछ बैठी कि मन में क्या चल रहा है। मां ने दौड़ते घोड़ों को सपने में देखने की बात कहीं। बेटी प्रियंका ने भी मानों मां का सपना साकार करने की ठान ली और पूरे आत्मविश्वास के साथ पैदल चाल प्रतियोगिता में उतरी और अंत तक अपनी लय को बरकरार रखा। परिवार और रिश्तेदार भी प्रियंका के हर कदम पर निगाहें गड़ाए बैठे रहे। जैसे ही प्रियंका ने रजत पदक विजयी कदम रखा माधवपुरम स्थित उनके घर व मोहल्ले के लोगों की आंखों चमक उठी। उस पल में हर किसी ने प्रियंका के साथ वह प्रतियोगिता जीत ली थी।
हर एक मीटर पर घटती-बढ़ती रही प्रियंका की रफ्तार
प्रियंका ने 10 हजार मीटर पैदल चाल में पहले से लेकर 10वें हजार तक हर एक हजार मीटर की दूरी 4:17 मिनट से 4:28 मिनट के बीच तय किया। पहले एक हजार मीटर की दूरी 4:21:67 मिनट में पूरी की। दूसरे और तीसरे हजार में रपु्तार बढ़ाकर 4:18 और 4:17:58 मिनट तक पहुंची। चौथे हजार में रफ्तार थोड़ी धीमी हुई तो पांचवें में बढ़ाने की कोशिश भी दिखी। छठे, सातवें और आठवें हजार मीटर में रफ्तार धीमी रही। नौवें से रफ्तार बढ़ाई और 10वें हजार मीटर की दौड़ 4:18:08 मिनट में पूरी कर दूसरे स्थान पर रहीं।
हमेशा याद रहेगी प्रियंका की यह रेस वाक
कामनवेल्थ गेम्स में पहली बार रेस वाक यानी पैदल चाल प्रतियोगिता को शामिल किया गया। 10 हजार मीटर वाक से हुई शुरुआत में प्रियंका ने पहली ही बार पदक जीतकर हमेशा के लिए कामनवेल्थ गेम्स की पैदल चाल प्रतियोगिता में अपनी छाप छोड़ दी है। इसके बाद के गेम्स में भी पैदल चाल के पहले प्रदर्शन को हमेशा याद रखा जाएगा। इतनी बड़ी उपलब्धि की एक झलक उनके मोहल्ले में भी दिखी। कोच गौरव त्यागी ने घर पहुंचकर पूरे परिवार को बधाई दी। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने भी दिल्ली से प्रियंका गोस्वामी के पिता मदनपाल को फोन पर बधाई दी और रविवार को वह घर जाकर बधाई देंगे। शनिवार शाम को भाजपा नेता विनीत शारदा सहित अन्य ने भी घर पहुंचकर प्रियंका के स्वजन को बधाई दी।
प्रियंका ने दिया मानसिक मजबूती का परिचय : कोच गौरव
प्रियंका गोस्वामी के शुरुआती दिनों के कोच रहे गौरव त्यागी बताते हैं कि छोटी सी प्रियंका ने कैलाश प्रकाश स्टेडियम में एक बैग पाने की जिद में एथलेटिक्स के अलग-अलग इवेंट में हिस्सा लिया और पैदल चाल में सफल हो गई। उसके बाद उन्होंने पैदल चाल को ही अपनी पहचान बना ली और फिर टोक्यो ओलिंपिक गेम्स तक पहुंची। टोक्यो ओलिंपिक गेम्स 17वें स्थान पर और पिछले महीने अमेरिका के ओरेगन में हुई वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 34वें स्थान पर रहने के बाद प्रियंका ने मानसिक मजबूती का परिचय देते हुए खेल में वापसी की और अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन में सुधार करते हुए 10 हजार मीटर की वाक 43:38:83 मिनट में पूरी कर ली। बताया कि वह उस समय स्टेडियम में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण करा रहे थे तभी वहां उपस्थित बालिका एथलीट दौड़ती हुई आई और प्रियंका के रजत पदक जीतने की खुशखबरी दी। सभी के चेहरे की चमक उनकी अपनी उपलब्धि का एहसास दिला रहे थे। वर्तमान में रेलवे में कार्यरत प्रियंका के कोच गौरव के अनुसार प्रदेश सरकार की ओर से कामनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वालों को पुलिस डिप्टी एसपी पद पर नौकरी दी जाती है। प्रियंका के पास चुनने का अवसर होगा।