मंदी में भी कारोबारियों ने भर दी झोली, लक्ष्य की तुलना में 121 प्रतिशत टैक्स जमा Meerut News
मंदी के बावजूद मेरठ के कारोबारियों ने भर दी झोली। इस वर्ष के अगस्त माह में वाणिज्य कर विभाग मेरठ ने लक्ष्य की तुलना में 121 प्रतिशत टैक्स जमा किया है।
मेरठ, [ओम बाजपेयी]। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजधानी कहे जाने वाला मेरठ के उद्यमी और व्यापारी मंदी के दौर में भी सरकार की झोली भरने में आगे हैं। इस वर्ष के अगस्त माह में वाणिज्य कर विभाग मेरठ ने लक्ष्य की तुलना में 121 प्रतिशत टैक्स जमा किया है। सबसे ज्यादा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की अदायगी मंगलपांडेय नगर, शास्त्रीनगर और उसके आसपास के क्षेत्र से हुई है। वाणिज्य कर विभाग में वस्तु एवं सेवा कर के लिए जनपद को 13 सेक्टरों और दो तहसील क्षेत्र सरधना और मवाना में बांटा गया है। इसके अलावा कारपोरेट सेक्टर है। अगस्त में मेरठ जोन वाणिज्य कर विभाग में 126.16 करोड़ रुपया जमा हुआ है। जबकि लक्ष्य 104.29 करोड़ का था। गत वर्ष इसी माह में केवल 87.60 का कलेक्शन हुआ था। पेश है एक रिपोर्ट..
कारपोरेट सेक्टर से कम जमा हुआ टैक्स
वाणिज्य कर विभाग के कारपोरेट सेक्टर में जनपद की नामी व्यापारिक प्रतिष्ठान और औद्योगिक इकाईयां शामिल होती हैं। सभी टॉप इकाईयां इसी में होती हैं। इस बार 34 करोड़ रुपये जमा हुए हैं जबकि पिछले वर्ष 35.46 करोड़ जमा हुए थे। इसी तरह सरधना में जहां हैंडलूम इकाई हैं वहां से गत वर्ष अगस्त माह में नौ करोड़ रुपये जमा हुए थे इस बार केवल 6.04 करोड़ रुपये बतौर कर जमा हुए हैं।
मोबाइल कंपनियों और सेवा क्षेत्र ने दिया सहारा
बाजार की सुस्त रफ्तार में जीएसटी कलेक्शन को परवान चढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान सेक्टर-13 ने दिया है। सेक्टर 13 में शास्त्रीनगर और मंगलपांडे नगर का बाजार तेजी से विकसित हुआ है। इंस्टीट्यूशनल क्षेत्र में कई बैंक, मोबाइल कंपनियों, ब्रांडेड आयटमों के शोरूम हैं। 42 करोड़ 5 लाख रुपये इसी सेक्टर में जमा हुए हैं। सूत्रों के अनुसार सबसे ज्यादा टैक्स मोबाइल कंपनियों ने दिया है। सीए केपी सिंह के अनुसार इस सेक्टर में एयरटेल, वोडाफोन, इंश्योरेंस, बैंक और कोचिंग सेंटर हैं। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तो मंदी है लेकिन, सेवा क्षेत्र पर उतना असर नहीं है। जिसके चलते अच्छे टैक्स की रिकवरी हुई है।
इनका कहना है
कर और राजस्व वसूली को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से बैठक कर निर्देश दिए जाते हैं। लक्ष्य के सापेक्ष अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को आगामी बैठक में सराहना की जाएगी और जो अधिकारी लापरवाही करेंगे उनके खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
- अनीता सी. मेश्राम, मंडलायुक्त मेरठ
करदाताओं से निरंतर संपर्क और अनुश्रवण की प्रक्रिया अपनाने से लक्ष्य से अधिक वसूली संभव हुई है। इस प्रक्रिया बनी रहे इसके पूरे प्रयास किए जाएंगे।
- संपूर्णानंद पांडे, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन