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मेरठ में तैनात सरकारी अधिकारी के फेसबुक एकाउंट से प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी

मेरठ जोन के संपत्ति कार्यालय में संपत्ति अधिकारी के रूप में सुभाष चंद्र मौर्य की गत माह ही तैनाती हुई है। उनके फेसबुक एकाउंट से प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी का मामला सामले आया है। इसकी प्रधानमंत्री प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्‍य उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 09:19 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 09:19 PM (IST)
मेरठ में तैनात सरकारी अधिकारी के फेसबुक एकाउंट से प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी
मेरठ में सरकारी अधिकारी के फेसबुक एकाउंट से प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी

मेरठ, जेएनएन। आवास विकास परिषद के संपत्ति अधिकारी के फेसबुक एकाउंट में प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने का मामला सामने आया है। इस मामले के साथ अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री और परिषद के उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई है। यह फेसबुक एकाउंट संपत्ति अधिकारी के सीयूजी नंबर से लिंक है। उसमें उनके प्रोफाइल में उनकी फोटो, नाम और पद भी लिखा है।

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अधिकारी की मेरठ में गत माह हुई है तैनाती

मेरठ जोन के संपत्ति कार्यालय में संपत्ति अधिकारी के रूप में सुभाष चंद्र मौर्य की गत माह ही तैनाती हुई है। दिल्ली रोड ध्यानचंद नगर निवासी दिनेश चौधरी ने संपत्ति अधिकारी पर निजी व्यक्ति के माध्यम से आवंटियों से लेनदेन करने का आरोप लगाया है। मुरादाबाद में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप के मुकदमे का हवाला दिया है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि सुभाष चंद मौर्य के फेसबुक एकाउंट पर प्रधानमंत्री के खिलाफ की गई टिप्पणी को तथ्यात्मक एवं भावपूर्ण बताया गया है। यह टिप्पणी सोबरन कबीर नाम के एकाउंट से पोस्ट हुई थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभद्र भाषा प्रयोग की गई है। यह पोस्ट 21 मार्च 2021 की है।

संपत्ति अधिकारी बोले, फेसबुक आइडी हैक कर किसी शरारती तत्व ने डाली पोस्‍ट

संपत्ति अधिकारी का कहना है कि यह पोस्ट उन्होंने नहीं डाली है। किसी शरारती तत्व ने उनकी फेसबुक आइडी हैक कर इस तरह की कमेंट पोस्ट की है। वह सरकारी पद पर हैं और राजनीतिक टिप्पणी करना नियम विरुद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति वह पूर्ण आदर और सम्मान रखते हैं। संपत्ति अधिकारी सुभाष ने कहा कि कथित भ्रष्टाचार के मामले में विभागीय जांच चल रही है। साक्ष्यों के आधार पर उनका निलंबन वापस लिया गया है। 


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