नैक बिना नहीं चलेगा कालेजों का काम, एक हजार कालेज में केवल 55 ही मानक पर खरे Meerut News
सीसीएसयू से जुड़े कालेजों की संख्या एक हजार से अधिक है लेकिन नैक कराने वाले की संख्या करीब 55 है। बहुत से कालेज नैक नहीं करा रहें हैं। नैक से दूरी बनाने वाले कालेजो की मुश्किल बढ़ सकती है।
मेरठ, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से जुड़े कालेजों की संख्या एक हजार से अधिक है, लेकिन नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद) कराने वाले की संख्या करीब 55 है। बहुत से कालेज नैक नहीं करा रहें हैं। नैक से दूरी बनाने वाले कालेजो की मुश्किल बढ़ सकती है।
शासन स्तर पर नैक कराने के लिए लगातार कालेजों से कहा जा रहा है। विश्वविद्यालय स्तर पर सख्ती है। विश्वविद्यालय ने इस बार नैक न कराने की स्थिति में नए कोर्स की मान्यता देने से भी मना कर दिया है। नई शिक्षा नीति के तहत कालेजों में नैक की अहमियत और बढ़ने वाली है।
अभी यह है स्थिति
मेरठ और सहारनपुर में चार राजकीय कालेजों में नैक है। इसमें तीन कालेजों में बी ग्रेड और एक का सी ग्रेड है। अनुदानित कालेजों में करीब 17 में नैक हुआ है। इसमें 14 कालेजों में बी ग्रेड और तीन कालेजों में ए ग्रेड है। सेल्फ फाइनेंस के 33 कालेजों में नैक हुआ है।
ग्रांट के लिए जरूरी है नैक
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा. राजीव गुप्ता ने बताया है कि राजकीय से लेकर निजी कालेज सभी के लिए नैक अनिवार्य है। नैक के आधार पर ही अब कालेजों की ग्रांट जारी की जाएगी। विश्वविद्यालय से मान्यता के लिए भी यह जरूरी होगा। नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद बगैर नैक के कालेज नहीं संचालित हो पाएंगे।
अब आनलाइन जाती है रिपोर्ट
नैक के निरीक्षण का तरीका बदल गया है। अब कालेजों को पूरी रिपोर्ट आनलाइन तैयार कर भेजनी होती है। जिसके सत्यापन के बाद नैक की टीम भौतिक सत्यापन की तिथि तय करते हैं। विवि के कुछ कालेजों ने अपनी रिपोर्ट दी है। कोविड की वजह से उनका भौतिक सत्यापन नहीं हो पाया है।