कूड़े से बनेगी सीएनजी और खाद, गांवड़ी में प्लांट के लिए टेंडर जारी
मेरठ में कूड़े से सीएनजी, खाद और सीमेंट फैक्ट्री के लिए ईंधन तैयार होगा। गांवड़ी में कूड़ा निस्तारण प्लांट के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Wed, 24 Oct 2018 11:30 AM (IST)Updated: Wed, 24 Oct 2018 11:30 AM (IST)
मेरठ (जेएनएन)। गांवड़ी में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने के प्रस्ताव को शासन की स्वीकृति के बाद अब इसका टेंडर भी निकाल दिया गया है। टेंडर डालने की अंतिम तिथि नवंबर है।
डीपीआर शासन को भेजी थी
नगर निगम ने प्रतिदिन 400 टन कूड़ा निस्तारित करने के लिए 122.26 करोड़ का प्रस्ताव व डीपीआर शासन को भेजी थी। इसके तहत कूड़े से सीएनजी बनाने की योजना है। प्रस्ताव को जुलाई में शासन की उच्चाधिकार समिति के पास भेजा गया था, जिसे नौ अक्टूबर को स्वीकृति दे दी गई थी। शासन ने प्लांट स्थापित करने को जल्द से जल्द कंपनी चयन के लिए निर्देशित किया था। इसी क्रम में नगर निगम ने कंपनी के चयन के लिए टेंडर जारी कर दिया है।
प्रतिदिन 400 टन कूड़ा निस्तारण
उधर, महाराष्ट्र (सोलापुर) की एक कंपनी ने एक साल पहले गांवड़ी में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने के लिए शिलान्यास तक कर दिया था, लेकिन उस समय न तो डीपीआर स्वीकृत हुई थी और न ही कोई विशेष योजना बन सकी थी। इसी कंपनी ने प्रतिदिन 400 टन कूड़ा निस्तारित करने के लिए प्लांट लगाने के बारे में नगर निगम से बात की थी। उसी के अनुसार नगर निगम ने जो डीपीआर तैयार की, उसमें प्रतिदिन टन कूड़ा निस्तारित करने का जिक्र किया है। गौरतलब है कि शहर में प्रतिदिन टन कूड़ा उत्पन्न होता है। इसमें से टन कूड़ा इस प्लांट को दिया जाएगा।
चार माह बाद बनने लगेगी खाद
प्लांट तैयार होने में महीने लग जाएंगे, लेकिन खाद चार महीने बाद ही बनने लगेगी। प्लांट पूरी तरह से बनने पर सीएनजी और सीमेंट फैक्ट्री का ईंधन भी तैयार होने लगेगा।
निगम का नहीं होगा खर्चा
योजना को पीपीपी मोड पर संचालित किया जाए और उसी अनुरूप एजेंसी का चयन किया जाए। करोड़ लागत की इस परियोजना में इक्विटी 32.45 प्रतिशत (39.68 करोड़), वायबिलिटी गैप फंडिंग 35 प्रतिशत (42.79 करोड़) व ऋण 32.55 (39.78 करोड़) प्रतिशत है। परियोजना लागत की अधिकतम 35 प्रतिशत धनराशि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत वायबिलिटी गैप फंडिंग के रूप में केंद्र सरकार देगी, जोकि तीन किश्तों में मिलेगी। परियोजना लागत में ननि को हिस्सेदारी नहीं करनी पड़ेगी।
मंगतपुरम के लिए दो ही कंपनियों ने दिखाई रुचि
मंगतपुरम डंपिंग ग्राउंड पर भी करीब 17.5 लाख टन कूड़े का ढेर लगा हुआ है। इसको निस्तारित करने के लिए डेढ़ माह पहले 20 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला गया था, जिसमें दो ही कंपनियों ने आवेदन किया। बाद में इसकी तिथि एक सप्ताह के लिए बढ़ाई गई थी, लेकिन अन्य किसी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में अब दो कंपनियों में से ही चुनाव किया जाएगा। गौरतलब है कि यहां पर सिर्फ इसी कूड़े को निस्तारित किया जाना है, इसलिए इसके लिए किसी बड़े प्लांट की जरूरत नहीं पड़ेगी।
गाड़ी नहीं पहुंचेगी तो बोरी में ले जाएंगे कूड़ा
डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के तहत हर घर तक गाड़ी जाती है, लेकिन संकरी गली होने के कारण जिन घरों तक गाड़ी नहीं पहुंच पा रही है वहां बोरी में कूड़ा लिया जाएगा। स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में बेहतर रैंकिंग पाने की दौड़ में नगर निगम ने दावेदारी की है। इसी के अंतर्गत डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन भी कुछ वार्डो में शुरू हुआ है। जल्द ही सभी 90 वाडरें में इस सुविधा की शुरुआत होगी। बहरहाल जिन वार्डो डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन योजना शुरू हो गई है, वहां भी दिक्कत आ रही है।
संकरी गलियों में गाड़ी नहीं पहुंचती
कई कालोनियों में संकरी गली होने के कारण सभी के घरों तक गाड़ी नहीं पहुंच पा रही है। इस दिक्कत को देखते हुए नगर आयुक्त ने खाद के कट्टे की तरह बोरी खरीदने का निर्देश दिया है, जिसमें गीला व सूखा कूड़ा ऐसे घरों से भरा जाएगा और फिर उसे लाकर कूड़ा गाड़ी में डाला जाएगा।
स्वच्छता मित्रों से मांगे गए गलियों के नाम
कूड़ा गाड़ियों को ट्रैस करने के लिए स्वच्छता मित्रों से सभी कालोनियों की गलियों के नाम या उनके नंबर मांगे गए हैं। इससे ऑनलाइन मानीटरिंग सिस्टम आसान हो सकेगा। नगर आयुक्त ने स्वच्छता मित्रों से जल्द से जल्द यह सूचना देने को निर्देश दिया है। चेतावनी दी कि लापरवाही बरतने वाले स्वच्छता मित्रों पर कार्रवाई की जाएगी।
नाले में नहीं बहेगा मल, 12 हजार सेफ्टी टैंक बनेंगे
शहर में अभी भी तमाम कालोनियां ऐसी हैं, जहां घरों में शौचालय तो हैं लेकिन उसका मल सीधे नाले-नालियों में बहाया जाता है। इसको रोकने के लिए सेफ्टी टैंक बनवाए जा रहे हैं। 12 हजार 500 टैंक बनवाने का लक्ष्य है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. कंवरसैन ने बताया कि टैंक के लिए गड्ढे खोदे गए हैं। इसके सत्यापन व कार्य पूर्ण करने की जानकारी रखने के लिए कर्मचारियों को ड्यूटी दी गई है। इसी महीने टैंक निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
कंप्यूटर, टीवी के फ्रेम को खरीद लेती है हेलमेट बनाने वाली कंपनी
स्वच्छता के मॉडल से मशहूर हुए छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में कूड़े से रोजगार पर पूरा ध्यान दिया गया है। यहां पर कंप्यूटर व टीवी के फ्रेम व रिमोट भी कूड़े में दिखाई दे जाता है। इसे कूड़े से अलग करके साफ-सुथरा किया जाता है, इस प्लास्टिक को हेलमेट बनाने वाली कंपनी खरीद लेती है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी अंबिकापुर भ्रमण पर हैं। उन्होंने बताया कि वहां जबरदस्त जागरूकता है। घर-घर से कूड़ा लाने वाले कर्मियों का भी ध्यान रखा जाता है। उन्हें मोबाइल दिया गया है, जिसमें वाहन ट्रैस करने की सुविधा है। इसमें उन्हें प्रतिदिन एक जीबी डाटा मिलता है, इसका अधिकतम उपयोग वे गाना सुनने में करते हैं। ऐसे ही कई कार्य वहां होते हैं जिसे मेरठ शहर में लागू करके शहर को साफ व स्वच्छ बनाया जा सकता है।
इनका कहना है
गांवड़ी में कूड़ा निस्तारण प्लांट के लिए ऑनलाइन टेंडर जारी कर दिया गया है। उम्मीद है कि देश की कई कंपनियां इसमें प्रतिभाग करेंगी, जो भी कम से कम लागत पर बेहतर विकल्प प्रस्तुत करेगी उसे प्राथमिकता दी जाएगी। प्लांट के शुरू होते ही शहर को कूड़ा निस्तारण की समस्या से और नहीं जूझना होगा।
-मनोज कुमार चौहान, नगर आयुक्त
डीपीआर शासन को भेजी थी
नगर निगम ने प्रतिदिन 400 टन कूड़ा निस्तारित करने के लिए 122.26 करोड़ का प्रस्ताव व डीपीआर शासन को भेजी थी। इसके तहत कूड़े से सीएनजी बनाने की योजना है। प्रस्ताव को जुलाई में शासन की उच्चाधिकार समिति के पास भेजा गया था, जिसे नौ अक्टूबर को स्वीकृति दे दी गई थी। शासन ने प्लांट स्थापित करने को जल्द से जल्द कंपनी चयन के लिए निर्देशित किया था। इसी क्रम में नगर निगम ने कंपनी के चयन के लिए टेंडर जारी कर दिया है।
प्रतिदिन 400 टन कूड़ा निस्तारण
उधर, महाराष्ट्र (सोलापुर) की एक कंपनी ने एक साल पहले गांवड़ी में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने के लिए शिलान्यास तक कर दिया था, लेकिन उस समय न तो डीपीआर स्वीकृत हुई थी और न ही कोई विशेष योजना बन सकी थी। इसी कंपनी ने प्रतिदिन 400 टन कूड़ा निस्तारित करने के लिए प्लांट लगाने के बारे में नगर निगम से बात की थी। उसी के अनुसार नगर निगम ने जो डीपीआर तैयार की, उसमें प्रतिदिन टन कूड़ा निस्तारित करने का जिक्र किया है। गौरतलब है कि शहर में प्रतिदिन टन कूड़ा उत्पन्न होता है। इसमें से टन कूड़ा इस प्लांट को दिया जाएगा।
चार माह बाद बनने लगेगी खाद
प्लांट तैयार होने में महीने लग जाएंगे, लेकिन खाद चार महीने बाद ही बनने लगेगी। प्लांट पूरी तरह से बनने पर सीएनजी और सीमेंट फैक्ट्री का ईंधन भी तैयार होने लगेगा।
निगम का नहीं होगा खर्चा
योजना को पीपीपी मोड पर संचालित किया जाए और उसी अनुरूप एजेंसी का चयन किया जाए। करोड़ लागत की इस परियोजना में इक्विटी 32.45 प्रतिशत (39.68 करोड़), वायबिलिटी गैप फंडिंग 35 प्रतिशत (42.79 करोड़) व ऋण 32.55 (39.78 करोड़) प्रतिशत है। परियोजना लागत की अधिकतम 35 प्रतिशत धनराशि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत वायबिलिटी गैप फंडिंग के रूप में केंद्र सरकार देगी, जोकि तीन किश्तों में मिलेगी। परियोजना लागत में ननि को हिस्सेदारी नहीं करनी पड़ेगी।
मंगतपुरम के लिए दो ही कंपनियों ने दिखाई रुचि
मंगतपुरम डंपिंग ग्राउंड पर भी करीब 17.5 लाख टन कूड़े का ढेर लगा हुआ है। इसको निस्तारित करने के लिए डेढ़ माह पहले 20 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला गया था, जिसमें दो ही कंपनियों ने आवेदन किया। बाद में इसकी तिथि एक सप्ताह के लिए बढ़ाई गई थी, लेकिन अन्य किसी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में अब दो कंपनियों में से ही चुनाव किया जाएगा। गौरतलब है कि यहां पर सिर्फ इसी कूड़े को निस्तारित किया जाना है, इसलिए इसके लिए किसी बड़े प्लांट की जरूरत नहीं पड़ेगी।
गाड़ी नहीं पहुंचेगी तो बोरी में ले जाएंगे कूड़ा
डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के तहत हर घर तक गाड़ी जाती है, लेकिन संकरी गली होने के कारण जिन घरों तक गाड़ी नहीं पहुंच पा रही है वहां बोरी में कूड़ा लिया जाएगा। स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में बेहतर रैंकिंग पाने की दौड़ में नगर निगम ने दावेदारी की है। इसी के अंतर्गत डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन भी कुछ वार्डो में शुरू हुआ है। जल्द ही सभी 90 वाडरें में इस सुविधा की शुरुआत होगी। बहरहाल जिन वार्डो डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन योजना शुरू हो गई है, वहां भी दिक्कत आ रही है।
संकरी गलियों में गाड़ी नहीं पहुंचती
कई कालोनियों में संकरी गली होने के कारण सभी के घरों तक गाड़ी नहीं पहुंच पा रही है। इस दिक्कत को देखते हुए नगर आयुक्त ने खाद के कट्टे की तरह बोरी खरीदने का निर्देश दिया है, जिसमें गीला व सूखा कूड़ा ऐसे घरों से भरा जाएगा और फिर उसे लाकर कूड़ा गाड़ी में डाला जाएगा।
स्वच्छता मित्रों से मांगे गए गलियों के नाम
कूड़ा गाड़ियों को ट्रैस करने के लिए स्वच्छता मित्रों से सभी कालोनियों की गलियों के नाम या उनके नंबर मांगे गए हैं। इससे ऑनलाइन मानीटरिंग सिस्टम आसान हो सकेगा। नगर आयुक्त ने स्वच्छता मित्रों से जल्द से जल्द यह सूचना देने को निर्देश दिया है। चेतावनी दी कि लापरवाही बरतने वाले स्वच्छता मित्रों पर कार्रवाई की जाएगी।
नाले में नहीं बहेगा मल, 12 हजार सेफ्टी टैंक बनेंगे
शहर में अभी भी तमाम कालोनियां ऐसी हैं, जहां घरों में शौचालय तो हैं लेकिन उसका मल सीधे नाले-नालियों में बहाया जाता है। इसको रोकने के लिए सेफ्टी टैंक बनवाए जा रहे हैं। 12 हजार 500 टैंक बनवाने का लक्ष्य है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. कंवरसैन ने बताया कि टैंक के लिए गड्ढे खोदे गए हैं। इसके सत्यापन व कार्य पूर्ण करने की जानकारी रखने के लिए कर्मचारियों को ड्यूटी दी गई है। इसी महीने टैंक निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
कंप्यूटर, टीवी के फ्रेम को खरीद लेती है हेलमेट बनाने वाली कंपनी
स्वच्छता के मॉडल से मशहूर हुए छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में कूड़े से रोजगार पर पूरा ध्यान दिया गया है। यहां पर कंप्यूटर व टीवी के फ्रेम व रिमोट भी कूड़े में दिखाई दे जाता है। इसे कूड़े से अलग करके साफ-सुथरा किया जाता है, इस प्लास्टिक को हेलमेट बनाने वाली कंपनी खरीद लेती है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी अंबिकापुर भ्रमण पर हैं। उन्होंने बताया कि वहां जबरदस्त जागरूकता है। घर-घर से कूड़ा लाने वाले कर्मियों का भी ध्यान रखा जाता है। उन्हें मोबाइल दिया गया है, जिसमें वाहन ट्रैस करने की सुविधा है। इसमें उन्हें प्रतिदिन एक जीबी डाटा मिलता है, इसका अधिकतम उपयोग वे गाना सुनने में करते हैं। ऐसे ही कई कार्य वहां होते हैं जिसे मेरठ शहर में लागू करके शहर को साफ व स्वच्छ बनाया जा सकता है।
इनका कहना है
गांवड़ी में कूड़ा निस्तारण प्लांट के लिए ऑनलाइन टेंडर जारी कर दिया गया है। उम्मीद है कि देश की कई कंपनियां इसमें प्रतिभाग करेंगी, जो भी कम से कम लागत पर बेहतर विकल्प प्रस्तुत करेगी उसे प्राथमिकता दी जाएगी। प्लांट के शुरू होते ही शहर को कूड़ा निस्तारण की समस्या से और नहीं जूझना होगा।
-मनोज कुमार चौहान, नगर आयुक्त
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