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ऐसी हुई सफाई कि फिर जाम हो गया ओडियन नाला

ओडियन नाले से सिल्ट निकाले जाने के बाद भी उसकी स्थिति वैसी ही हो गई है जैसी एक माह पहले थी। नाला गोबर व कूड़े से इस कदर अटा पड़ा है कि यदि बारिश हो गई तो यह उफन जाएगा। दैनिक जागरण के नालानामा अभियान के तहत चार मई के अंक में ओडियन नाले की स्थिति तस्वीर समेत प्रकाशित की गई थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Jun 2019 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 05 Jun 2019 06:29 AM (IST)
ऐसी हुई सफाई कि फिर जाम हो गया ओडियन नाला
ऐसी हुई सफाई कि फिर जाम हो गया ओडियन नाला

मेरठ,जेएनएन। ओडियन नाले से सिल्ट निकाले जाने के बाद भी उसकी स्थिति वैसी ही हो गई है जैसी एक माह पहले थी। नाला गोबर व कूड़े से इस कदर अटा पड़ा है कि यदि बारिश हो गई तो यह उफन जाएगा। नाले की बदहाली बता रही है कि सफाई के नाम महज खानापूर्ति की गई थी।

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दैनिक जागरण के नालानामा अभियान के तहत चार मई के अंक में ओडियन नाले की स्थिति तस्वीर समेत प्रकाशित की गई थी। उसके बाद नाले से सिल्ट तो निकाली गई पर अब एक महीने बाद हालात फिर लगभग उसी तरह हो गए हैं। इसमें यह बताया गया था कि इस नाले में 500 डेयरियों का गोबर आता है। घंटाघर से लेकर हापुड़ रोड तक कई बाजार का और घरों का कूड़ा-कचरा भी इसी नाले में बहाया जाता है। फिर भी इसके लिए विशेष योजना नहीं बनाई गई। यहां कभी-कभार मशीन खड़ी दिखाई दे जाती है। 30 लाख रुपये साला खर्च होने के बाद भी 10 फीट गहरा यह नाला गोबर व कूड़े से अटा हुआ है। बहाव न होने से यह गोबर सूखकर ठोस हो गया है, जिस पर आसानी से चला जा सकता है।

ऐसे हालात में शहर को डुबो देगा यह नाला

दावा किया जाता है कि यह मशीन रोजाना सफाई करती है, पर जो स्थिति इस नाले की है उससे यही लगता है कि यदि रोजाना सफाई होती है तो योजना बदलनी चाहिए। रोजाना एक नहीं बल्कि कई मशीनें लगाई जानी चाहिए। इस नाले पर वैसे तो जाल डालना चाहिए ताकि कूड़ा न डाला जा सके और गोबर डालने वाली डेयरियों को रोका जाना चाहिए पर यह कदम उठाने को नगर निगम पीछे हट जाता है। यह नाला पुराने शहर की लाइफलाइन है। इससे कई नाले मिलते हैं। घंटाघर का कोटला नाला ब्रह्मापुरी में आकर ओडियन नाला हो जाता है। ईदगाह, ओडियन सिनेमा, भूमिया का पुल, पिलोखड़ी, हापुड़ रोड स्थित कमेला पुल, एल-ब्लॉक तिराहा होते हुए काली नदी में जाकर गिरता है।

इस साल फिर आफत बनेगा यह नाला

पिछले साल 27 जुलाई को शहर जलभराव से त्राहि-त्राहि कर उठा था, फिर भी उससे सबक नहीं लिया जा रहा है। कहने को तो नगर स्वास्थ्य अधिकारी भी बदले जा चुके हैं पर सफाई के हालात में बदलाव नहीं दिखाई दे रहा है। यही स्थिति रही तो इस साल भारी बारिश पर शहर फिर डूबेगा। इन्होंने कहा-

ओडियन नाले की सफाई नियमित रूप से कराई जाती है। इस बार भारी बारिश में जलभराव की स्थिति नहीं आने दी जाएगी। जल निकासी के लिए नियमित सफाई कराई जा रही है। ''

-डा. गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी


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