सुभाष नगर नाले की सफाई इस बार भी अधर में
स्थानीय लोग पिछले कई साल से सुभाषनगर नाले की सफाई की मांग कर रहे हैं।
जेएनएन, मेरठ : स्थानीय लोग पिछले कई साल से सुभाषनगर नाले की सफाई की मांग कर रहे हैं। जरा सी बारिश में घरों में गंदा पानी भर जाता है। नगर निगम अधिकारियों के ढुलमुल रवैये से इस बार भी लोगों को जलभराव से जूझना ही होगा।
जनता और क्षेत्रीय पार्षदों के बढ़ते दवाब के चलते नगर निगम ने सुभाषनगर-हाशिमपुरा नाले की सफाई का टेंडर 11 जून को फाइनल कर दिया था। वर्क आर्डर के लिए 17 जून को नगर आयुक्त के पास फाइल पहुंची। नगर आयुक्त के यहां से महापौर के पास फाइल पहुंची। अभी तक निर्माण विभाग में वापस नहीं आई। लगभग 16 दिन बीत चुके हैं। अभी तक ठेकेदार को वर्क आर्डर ही नहीं मिला है। मानसून ने दस्तक दे दी है। नाले की सफाई पर लगभग 13.22 लाख रुपये खर्च होने हैं। निगम अधिकारियों की उदासीनता के चलते सुभाषनगर, हाशिमपुरा, लक्ष्मीनगर, हनुमानपुरी और आर्य नगर में जलभराव होना तय है। सफाई करना बहुत कठिन
नाला सफाई का ठेका एसआर कंस्ट्रक्शन को मिला है। ठेकेदार ने नाले का स्थलीय निरीक्षण किया है। उसका कहना है कि नाले की सफाई मैन्युअल होनी है। कोरोना महामारी में कौन मजदूर सफाई करने नाले में उतरेगा। मशीन जा नहीं सकती है। नाले का जल प्रवाह डायवर्ट करने का विकल्प है नहीं। नाले की गहराई आदमी की लंबाई से अधिक है। पार्षदों और नगर निगम अधिकारियों के साथ बात कर हल निकालेंगे। इनका कहना है
- मुख्य अभियंता निर्माण को निर्देश दिया है। वर्क आर्डर की प्रक्रिया पूरी कर तत्काल नाले की सफाई शुरू कराएं। अगर ठेकेदार मना करता है तो दूसरे ठेकेदार को काम सौंप दिया जाएगा।
डा. अरविद चौरसिया, नगर आयुक्त। लोगों ने नाला सफाई की लगाई गुहार
वार्ड 44 सिल्ट व कचरे से अटे नाले की सफाई की गुहार लोगों ने नगर निगम अधिकारियों से लगाई। सारथी सोशल वेलफेयर सोसाइटी के महानगर अध्यक्षमयंक वर्मा ने बताया कि सफाई एवं खाद्य निरीक्षक रविशेखर निरीक्षण पर आए थे, लेकिन समस्या का समाधान नहीं बता सके। निगम अधिकारियों से बात रखेंगे। क्षेत्रीय लोगों ने कहा कि नाला साफ न हुआ तो वार्ड 44 में जलभराव तय है।
16 विद्युत पोल और तीन ट्रांसफार्मर कोटला नाले की जद में
लॉकडाउन से पहले किशनपुरा नाले की दीवार का निर्माण शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो सका है। मानसून को लेकर ठेकेदार और निर्माण विभाग के इंजीनियर दोनों ही परेशान हैं। दरअसल, दीवार के काम में बिजली के पोल बाधा बन रहे हैं। नगर निगम निर्माण विभाग की अधिशासी अभियंता नीना सिंह ने शुक्रवार को नगरीय विद्युत वितरण मंडल के अधिकारियों को रिमाइंडर भेजा है। इसमें किशनपुरा कोटला नाले की जद में 16 विद्युत पोल और तीन ट्रांसफार्मर होने का उल्लेख किया गया है। अधिशासी अभियंता ने बिजली अधिकारियों से कहा है कि बारिश में जलभराव होने की संभावना है। घंटाघर क्षेत्र की जलनिकासी का प्रमुख नाला है। तत्काल प्रभाव से विद्युत पोल व ट्रांसफार्मर शिफ्ट किए जाएं ताकि नाले की दीवार का काम पूरा किया जा सके। ठेकेदार अनुज कंस्ट्रक्शन ने कहा कि जहां विद्युत पोल नहीं है, वहां पर दीवार बनाई जा रही है।