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Merry Christmas आधी रात को जन्मे यीशु, नमन तुम्हे-नमन तुम्हे Meerut News

आज क्रिसमस के अवसर पर शहर के चर्च में उल्‍लास का माहौल है। कड़ाके की ठंड के बावजूद मंगलवार की देर रात चली प्रार्थना सभाओं में भीड़ रही।

By Prem BhattEdited By: Published: Wed, 25 Dec 2019 10:58 AM (IST)Updated: Wed, 25 Dec 2019 11:30 AM (IST)
Merry Christmas आधी रात को जन्मे यीशु, नमन तुम्हे-नमन तुम्हे Meerut News
Merry Christmas आधी रात को जन्मे यीशु, नमन तुम्हे-नमन तुम्हे Meerut News

मेरठ, जेएनएन। गिरिजाघरों में आधी रात के सन्नाटे घंटों की ध्वनि गूंजी और यीशु के जन्म की खुशी के गीत वातावरण में तैरने लगे। ख्रीस्त जयंती पर लाइटों से झूमरों से भव्य रूप से सजे चर्च किसी दूसरे लोक का अहसास कर रहे थे। कड़ाके की ठंड के बावजूद देर रात चली प्रार्थना सभाओं में भीड़ रही। प्रार्थना के बाद मसीही समाज के लोगों ने एक दूसरे को गले लगाकर क्रिसमस की बधाई दी और केक खिलाया। आज सुबह भी प्रमुख चर्चो में विशेष प्रार्थना होगी। ठंड में राहत देने के मकसद से दैनिक जागरण ने बच्चा पार्क स्थित सेंट थॉमस चर्च के बाहर चाय का स्टॉल लगाया। वहीं सरधना के चर्च में बुधवार की सुबह से ही बड़ी संख्‍या में लोग प्रार्थना सभा के लिए पहुंचे। यहां पर दूर दूर से लोग प्रार्थना के लिए आते हैं। 

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लोगों के बीच भाईचारा कायम रहे

संत जोजफ कैथीड्रल में बिशप स्वामी फ्रांसिस कालिस्ट ने संदेश दिया। कहा कि ख्रीस्त जयंती की शुभकामना तभी सार्थक होगी जब अलग-अलग संस्कृतियों के लोगों के बीच भाईचारा कायम रहे। भाईचारा ऐसा होना चाहिए जो विभन्न प्रकार की विचारधाराओं के बावजूद एक दूसरे का सम्मान करने और परस्पर सुनने की क्षमता प्रदान करे। इस अवसर पर देश के मौजूदा हालात को लेकर अमन और शांति की प्रार्थना की गई। रात 12 बजे मिस्सा बलिदान हुआ। फादर जान चिमन, फादर रोज, बनेडिक्ट, फादर थामस, फादर राय आदि मौजूद रहे। चर्च के क्वायर ग्रुप के साथ सुर में सुर मिलाते हुए कलीसियाओं ने बालक यीशु नमन तुम्हे, हम चरवाहे नाचे झूमके, आया मसीहा चरनी में तू पापियों को बचाने को आदि गीतों का गायन किया।

हृदय के आकार की बनाई गई चरनी

पल्ली पुरोहित जान चिमन ने बताया कि बेथलहम की गौशाला में यीशु का जन्म हुआ था। चर्च में हृदय के आकार की चरनी बनाई गई। एक ओर यीशु के जन्म को दर्शाया गया और दूसरी ओर झरने का दृश्य था। फादर बनेडिक्ट ने बताया कि 10 दिन में चरनी का दृश्य तैयार हुआ। शर्मानगर के पास स्थित सेंट लुक्स चर्च के परिसर में फादर सहाय राज ने कहा कि क्रिसमस ईश्वर और इंसान के मिलन का प्रतीक है। यह संदेश देता है कि मनुष्य भी ईश्वर बन सकता है। आज के माहौल में सबसे ज्यादा शांति, भाईचारा और सेवा की जरूरत है। फादर येशु अमृतम ने भी विशेष प्रार्थना सभा में भाग लिया। चर्च विश्वासियों से खचाखच भरा रहा।

हैप्पी क्रिसमस कहा

बच्चा पार्क स्थित सेंट थामस चर्च में फादर पारितोष अभिषेक नोएल ने होली कम्यूनियन सर्विस संपादित की। रंगीन परदों से चर्च सजाया गया। 12 बजते ही लोगों ने एक दूसरे को हैप्पी क्रिसमस कहा और केक खिलाया। रुड़की रोड स्थित सेंट पाल मैथोडिस्ट चर्च में फादर रेव्ह. डेविड मसीह ने कहा कि परमेश्वर ने यीशु के रूप में अपना इकलौता पुत्र लोगों को पापों से मुक्त करने के लिए धरती पर भेजा है। साकेत स्थित सिटी मेथोडिस्ट चर्च में भी प्रार्थना हुई।

सरधना चर्च में हुई विशेष प्रार्थना

सरधना में क्रिसमस डे पर चर्च में मंगलवार की देर रात मुख्य प्रार्थना की गई। बुधवार सुबह भी साढ़े आठ चर्च में प्रार्थना की जाएगी। इसके बाद ही आम लोगों के लिए चर्च खोला जाएगा। मंगलवार रात साढ़े 11 बजे से डेढ़ बजे तक चर्च में फादर सिसिन बाबू, फादर पाकिया नाथन और फादर आल्विन ने मुख्य प्रार्थना कराई, जिसमें बड़ी संख्या में ईसाई समाज के लोगों ने भाग लिया और समाज व विश्व में शांति के लिए प्रार्थना की। 


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