'मेरठ का हूं, यह भारत का ही हिस्सा रहेगा'
मेरठ का नाम देश-विदेश में चर्चाओं में है। 15 अगस्त को रिलीज हुई फिल्म 'गोल्ड' में मेरठ को यह सौभाग्य मिला है।
दीपक भारद्वाज, मेरठ
मेरठ का नाम देश-विदेश में चर्चाओं में है। 15 अगस्त को रिलीज हुई फिल्म 'गोल्ड' में मेरठ को यह सौभाग्य मिला है। 157 मिनट की इस फिल्म के पहले हॉफ में दिखाए गए विभाजन के सीन में खिलाड़ियों की चर्चा में मेरठ का नाम लिया गया है। फिल्म देशभक्ति और इतिहास से सराबोर है। इसमें 1948 में इंग्लैंड में हुए ओलंपिक खेलों में हॉकी में भारत के गोल्ड जीतने का फिल्मांकन किया गया है। मुख्य किरदार अक्षय कुमार ने शानदार अभिनय किया है। रीमा कगति के निर्देशन में बनी फिल्म में भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी के महत्व पर फोकस किया गया है। इसी फिल्म के माध्यम से क्रांतिकारी शहर एक बार फिर देश में छा गया है।
विभाजन का दिखाया गया दृश्य
1948 में इंग्लैंड में हुए ओलंपिक खेलों में हॉकी में जीते गोल्ड मेडल की पटकथा दिखाई गई है। पहले हाफ में अक्षय कुमार हॉकी टीम बनाने के लिए हॉकी इंडिया फेडरेशन से गुजारिश करता है। इसके बाद वह देश के अलग-अलग कोनों में जाकर टीम तैयार करता है लेकिन आजादी के वक्त हुए विभाजन दो महत्वपूर्ण खिलाड़ी पाकिस्तान का हिस्सा हो जाते हैं। इसके बाद टीम बिखर जाती है। इस दृश्य में ही टीम में शामिल शकूर अवस्थी (फिल्म में पात्र) कहता है कि मेरठ तो भारत का हिस्सा रहेगा और मैं तो भारत की टीम में बना रहूंगा। इस दृश्य में वह पाकिस्तान का हिस्सा बने एक खिलाड़ी से बात करता है।
सेमीफाइनल में मेरठ के खिलाड़ियों का जलवा
1948 में ओलंपिक खेलने गई भारत की टीम में आत्मविश्वास भरा हुआ था। सेमीफाइनल में नीदरलैंड के साथ हुए मुकाबले में भारतीय टीम मजबूती के साथ मैदान में उतरी थी। यहां एक पास ने मैच का पासा पलट दिया। मेरठ के खिलाड़ी (पात्र) शकूर अवस्थी के पास से भारत ने नीदरलैंड के खिलाफ गोल दाग कर मैच में मजबूत पकड़ बना ली थी।