Move to Jagran APP

भारत के लिए चुनौती बनकर खड़ा हो रहा है चीन

विश्व की एकमात्र शक्ति बनने के लिए लालायित चीन भारत को चारों तरफ से घेरने की कोशिश में है। पश्चिम में वह पाकिस्तान के साथ मिलकर आगे बढ़ रहा है जबकि नेपाल के रास्ते चिटगांव तक पहुंचने की कोशिश में है। चीन भारत के साथ सीमा विवाद कायम रखने के साथ -साथ अन्य क्षेत्रों में बेहतर संबंध बनाने की जद्दोजहद में जुटा है। मेरठ कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग में 'इंडिया चायना स्ट्रेटजिक रिलेशन' विषय पर हुए शोध में चीन के लगातार बदलते पैंतरों से भारत सरकार को आगाह किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 05:00 AM (IST)
भारत के लिए चुनौती बनकर खड़ा हो रहा है चीन
भारत के लिए चुनौती बनकर खड़ा हो रहा है चीन

मेरठ । विश्व की एकमात्र शक्ति बनने के लिए लालायित चीन भारत को चारों तरफ से घेरने की कोशिश में है। पश्चिम में वह पाकिस्तान के साथ मिलकर आगे बढ़ रहा है जबकि नेपाल के रास्ते चिटगांव तक पहुंचने की कोशिश में है। चीन भारत के साथ सीमा विवाद कायम रखने के साथ -साथ अन्य क्षेत्रों में बेहतर संबंध बनाने की जद्दोजहद में जुटा है। मेरठ कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग में 'इंडिया चायना स्ट्रेटजिक रिलेशन' विषय पर हुए शोध में चीन के लगातार बदलते पैंतरों से भारत सरकार को आगाह किया गया है।

loksabha election banner

रक्षा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर संजय कुमार अपने शोध के हवाले से कहते हैं कि चीन भारत के साथ सीमा विवाद को कभी खत्म नहीं करना चाहता। वह दबाव की राजनीति पर आगे बढ़ रहा है। ¨हद महासागर में बेस बना रहा है जबकि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में रेल लाइन और सड़क का निर्माण करा चुका है। इसी के साथ भारतीय सीमा तिब्बत के पठार में सीएसएस-3 को हटाकर ठोस ईधन वाली सीएसएस-5 जैसी मिसाइलें लगा चुका है, जिसकी रेंज मध्य प्रदेश तक है।

लेह के दक्षिण पूर्व में स्थित भारतीय चौकी देम को वह अपनी सीमा पर लगे बोर्ड पर दर्शा रहा है। सीमावर्ती क्षेत्रों से मिली कुछ रिपोर्ट के आधार पर बताया गया है कि सतलुज नदी के उत्तर स्थित वारहोती, नीलांग जाघांग दर्रा, शिपली दर्रे को भी चीन अपने नक्शे में दिखा रहा है।

भारत को दबाव की राजनीति अपनाने की जरूरत

इंडियन काउंसिल आफ सोशल साइंस रिसर्च (आइसीएसएसआर) के माध्यम से भारत सरकार को कई सुझाव भी दिए गए हैं। इसमें भारत को तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने, परमाणु विकल्प नीति को खुलकर घोषित करने, जल और थल में अपना सैन्यबल बढ़ाने, तिब्बत में स्वतंत्रता के विद्रोह को पुरजोर समर्थन देने की बात कही गई है। अरुणाचल प्रदेश में चीन की हलचल को देखते हुए स्थानीय प्रशासनिक सुधार पर जोर देने को कहा गया है।

सीमावर्ती लोगों के सर्वे पर रिपोर्ट

मेरठ कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर संजय कुमार, धीरेंद्र द्विवेदी और नीलम कुमारी ने शोध रिपोर्ट तैयार करने के लिए लेह, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश सहित चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों का सर्वे किया। करीब एक हजार से अधिक सेना के अधिकारी, रिटायर्ड अफसर, प्रशासनिक अधिकारी, सैन्य विशेषज्ञों और आम लोगों के साथ प्रश्नावली पद्धति के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.