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हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीशों की जड़ें जब मेरठ से सींची जा रही हैं तो अपार है मेरठ की क्षमता: गोविंद माथुर

मुख्‍य न्यायाधीश गोविंद माथुर समेत 8 न्यायमूर्ति मेरठ बार के समारोह में शामिल हुए। उन्‍होंने पंडित नानक चंद सभागार में पूर्व डीजीसी कृपाल सिंह के तैलीय चित्र का अनावरण किया।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 03:36 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 03:36 PM (IST)
हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीशों की जड़ें जब मेरठ से सींची जा रही हैं तो अपार है मेरठ की क्षमता: गोविंद माथुर
हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीशों की जड़ें जब मेरठ से सींची जा रही हैं तो अपार है मेरठ की क्षमता: गोविंद माथुर

मेरठ, जेएनएन। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने कहा कि न्याय व्यवस्था से किसी भी सूरत में आम आदमी का भरोसा ना टूटने पाए। समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को न्याय मिले। वह कोर्ट आये तो उसे पूर्ण विश्वास हो कि न्यायालय से उसे इंसाफ जरूर मिलेगा। इसके लिए उन्होंने सभी न्यायाधीश और अधिवक्ताओं से पूर्ण निष्ठा के साथ काम करने की अपील की। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर शनिवार को कचहरी परिसर स्थित पंडित नानक चंद सभागार में मेरठ बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने हाईकोर्ट के अन्य सात न्यायाधीशों के साथ पूर्व डीजीपी व वरिष्ठ अधिवक्ता चौधरी कृपाल सिंह के तैलीय चित्र का अनावरण किया।
मेरठ आने की लंबे समय से थी इच्‍छा
समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मेरठ भारत देश और विश्व का एक प्रमुख शहर है। इस शहर में आने की मेरी लंबे समय से इच्छा थी। अभी तक हमने केवल इतना जाना था कि 1857 के आजादी के आंदोलन की शुरुआत मेरठ से हुई। लेकिन मेरठ आकर इसके प्राचीनतम इतिहास की जानकारी हुई। पता चला कि मेरठ कई क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान कर रहा है। इंडियन माइथोलॉजी मैं भी मेरठ का प्रमुख नाम है। मेरठ की बार 1883 में स्थापित हुई। 136 साल पुराना इसका इतिहास है। ऐसी बार देश और विदेशों में भी चुनिंदा ही होंगी। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद अधिवक्ताओं और न्यायाधीशों से अपील की कि इस विरासत को कायम रखें और उसे समृद्ध करें। बार की समृद्धि तभी हो सकती है जब समाज के अंतिम छोर पर खड़े गरीब व्यक्ति को न्यायपालिका पर भरोसा हो। वह कितने भी संकट में हो लेकिन उसे विश्वास होता है कि न्यायालय में उसे इंसाफ मिलेगा। उसका यह भरोसा कायम रहे। हमारे कृत्यों उसे उसे आघात न पहुंचे। उन्होंने कहा कि इतने वरिष्ठ और युवा अधिवक्ताओं की फौज जिस बार में होगी वहां पूरे भारत देश के लिए न्याय प्रक्रिया का उदाहरण बन सकती है। मुख्य न्यायाधीश ने सभागार में लगे चौधरी चरण सिंह का चित्र देखकर उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीशों की जड़ें जब मेरठ से सींची जा रही हैं तो मेरठ की क्षमता का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। इसी के साथ समाज की भी उम्मीदें मेरठ से हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश के युवा वर्ग में क्षमता अपार है। राजस्थान के एक साक्षात्कार में हम पश्चिम उत्तर प्रदेश के युवाओं की क्षमता को साक्षात परख चुके हैं।

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निर्भिकता से करना होगा कार्य
अधिवक्ता हो या न्यायाधीश दोनों को निष्ठा और निर्भीकता से काम करना होगा तभी सफलता और सार्थकता साबित होगी। सफलता एक अलग चीज है लेकिन सार्थकता तभी है जब वह व्यक्तिु खुद संतुष्ट हो कि वह जो करना चाहता था वह उसने कर दिखाया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि निर्भीकता ऐसी हो कि अधिवक्ता और न्यायाधीश सामने वाले की आंखों में आंखें डाल कर कह सके कि क्या झूठ है और क्या सच है। उन्होंने सभी से आग्रह किया की अपने हितों को पीछे रख कर काम करें। समाज की पहली आवश्यकता इंसाफ है। आपकी भी प्राथमिकता इंसाफ हो। आम आदमी का न्यायपालिका से भरोसा न टूटे यह विश्वास बनाए रखें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मृत्यु दंड को माफ कर सकते हैं लेकिन मृत्युदंड केवल एक न्यायाधीश ही सुना सकता है। न्यायपालिका का विश्वास और बेदाग छवि को कायम रखना अब आपके ही कंधों पर है।
ईमानदारी से करें न्‍याय
हाईकोर्ट के न्यायाधीश सिद्धार्थ कुमार ने भी न्यायाधीश और अधिवक्ता दोनों क्षेत्र से जुड़े लोगों को उनका दायित्व याद दिलाया। उन्होंने कहा कि आम आदमी निराश हुआ तो न्यायपालिका से भरोसा उठ जाएगा। जिला स्तर के न्यायाधीश छोटे-छोटे मामलों को हाईकोर्ट न भेजें। उन्होंने उदाहरण दिया कि मोबाइल चोरी के मामले में जमानत के लिए हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र आता है। यह उचित नहीं है। ईमानदारी से न्याय करें। उन पर कोई उंगली नहीं उठेगी। आप खुद को आम आदमी के स्थान पर रख कर देखें कि उस पर क्या बीतती है। उन्होंने कहा कि जहां राहत देनी उचित समझें राहत जरूर दें। न्याय दिखाई दे। विवेक चौधरी, पंकज मित्तल समेत हाईकोर्ट के सभी सातों न्यायाधीशों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में चौधरी कृपाल सिंह के पुत्र न्यायमूर्ति अजीत कुमार और उनकी पुत्री ने चौधरी कृपाल सिंह के जीवन परिचय से सभी को अवगत कराया। मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मांगेराम ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा संचालन महामंत्री नरेश शर्मा ने किया। 


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