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Asian Games और वर्ल्ड चैंपियनशिप है वुशू के इस खिलाड़ी का लक्ष्य, छह बार रह चुकी हैं नेशनल मेडलिस्‍ट

छवि छह बार नेशनल मेडलिस्ट रही हैं। जिसमें चार स्वर्ण और दो रजत पदक जीते हैं। दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण और रजत पदक जीत चुकी हैं। अब उनकी नजर एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप में वुशू का पदक देश के नाम जीतने पर टिकी हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 12:39 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 12:39 PM (IST)
Asian Games और वर्ल्ड चैंपियनशिप है वुशू के इस खिलाड़ी का लक्ष्य, छह बार रह चुकी हैं नेशनल मेडलिस्‍ट
मेरठ की खिलाड़ी छवि की नजर अब एशियन और वर्ल्‍ड चैपिंयनशिप पर टीकी है।

[अमित तिवारी] मेरठ। युद्ध कौशल यानी मार्शल आर्ट के खेलों में जुनून, जोश और जांबाजी तीनों कूट-कूट कर भरी होनी चाहिए। तभी खिलाड़ी प्रतिद्वंद्वी के सामने फाइट में खड़े होकर आंखों में आंखें डाल कर अपने बेहतरीन प्रदर्शन को अंजाम दे सकता है और जो ऐसा कर पाते हैं वही पदकों की सीढ़ियां चढ़ते हुए आगे बढ़ जाते हैं। मेरठ की उभरती हुई वुशू की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी छवि रुहेला के साथ भी कुछ ऐसा ही है। आत्मविश्वास से भरी छवि कभी भी अपने प्रतिद्वंद्वी को खुद पर हावी नहीं होने देती। यह उनका आत्मविश्वास ही है कि छवि छह बार नेशनल मेडलिस्ट रही हैं। जिसमें चार स्वर्ण और दो रजत पदक जीते हैं। दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण और रजत पदक जीत चुकी हैं। अब उनकी नजर एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप में वुशू का पदक देश के नाम जीतने पर टिकी हैं। अपने लक्ष्य की दिशा में ही आगे बढ़ते हुए छवि निरंतर प्रशिक्षण कर रही हैं।

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इलेक्ट्रीशियन पिता की बेटी के किक आसमान पर

रोहटा गांव की रहने वाली छवि रुहेला के पिता मुनेश कुमार गांव में ही इलेक्ट्रिशियन है और विद्युत उपकरणों की दुकान चलाते हैं। बेटी के हुनर को देखते हुए उन्होंने आगे बढ़ने को प्रोत्साहित किया तो छवि ने भी पिता को निराश नहीं किया। छवि का प्रदर्शन देख पिता का सीना और गर्व से और चौड़ा हो जाता है। छवि ने साल 2014 में वुशू का प्रशिक्षण कंकरखेड़ा स्थित वॉरियर्स फाइट क्लब में कोच कपिल कुमार के मार्गदर्शन में शुरू किया था। कपिल स्वयं भी अंतरराष्ट्रीय वुशू खिलाड़ी रहे हैं और अब उनके मार्गदर्शन में और भी खिलाड़ी तैयार हो रहे हैं। छवि के अनुसार वह एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप जैसी प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए पदक जीतकर लाना चाहती हैं। छवि अपनी अब तक की सफलता का सबसे ज्यादा श्रेय अपने पिता को ही देती हैं। उसके बाद कोच के मार्गदर्शन और अपनी मेहनत को देती हैं। लगातार प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन पर छवि को भारतीय वुशू संघ के सीईओ सुहेल अहमद का प्रोत्साहन भी मिलता रहा है।

पहली बाजी ही स्वर्ण पदक पर मारी

छवि ने साल 2014 में वुशू का प्रशिक्षण शुरू करने के साथ है प्रतियोगिताएं खेलना भी शुरू कर दिया था। आठ से 10 मार्च 2015 तक प्रयागराज में आयोजित 14वें सब जूनियर स्टेट वुशू चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए छवि ने स्वर्ण पदक जीता था। उसी महीने 15 से 28 मार्च तक रोहतक में आयोजित 14 वें सब जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीतकर अपनी स्वर्णिम शुरुआत कर दी थी। इसके बाद पदकों का सिलसिला बढ़ता गया और पदक जीततीं गई। दूसरी प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता 10 से 13 सितंबर 2015 में आगरा में 15वीं सब जूनियर स्टेट चैंपियनशिप थी। इसमें भी छवि ने स्वर्ण पदक जीता। 27 से 30 मार्च 2016 हरिद्वार में हुई। 15वीं सब जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में छवि ने रजत पदक पर हाथ मारा। तीसरी प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता भी सब जूनियर स्टेट वुशू चैंपियनशिप एक से तीन सितंबर तक सहारनपुर में हुई थी। इसमें भी छवि ने स्वर्ण पदक जीता। उसी साल आठ से 12 अक्टूबर तक तमिलनाडु में हुए 16वें सब जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक लेकर लौटीं।

जूनियर स्तर पर भी कायम रहा छवि का दबदबा

सन 2017 में पांच से आठ सितंबर तक कानपुर में हुई जूनियर स्टेट वुशू चैंपियनशिप में छवि ने बेहतरीन प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक जीता। उसी साल जूनियर नेशनल वुशू चैंपियनशिप का आयोजन 18 से 22 मार्च तक 2018 में कुरुक्षेत्र में हुआ था। इसमें छवि पदक नहीं जीत सकी पर उनके प्रदर्शन को खूब सराहना मिली। 24 से 26 अक्टूबर 2018 तक सहारनपुर में आयोजित 15वें जूनियर स्टेट वुशू चैंपियनशिप में एक बार फिर छवि ने स्वर्ण पदक जीता। उसी साल एक से छह दिसंबर तक तमिलनाडु में आयोजित 17वीं जूनियर नेशनल में भी रजत पदक जीतकर लौटी। उसके बाद 25 से 28 अगस्त तक 2019 में बड़ौत में आयोजित 16 जूनियर स्टेट चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने का सिलसिला जारी रखा। उसी साल 15 से 20 सितंबर 2019 चंडीगढ़ में आयोजित 18वें जूनियर नेशनल वुशू चैंपियनशिप में भी छवि ने स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। साल 2020 में कोई प्रतियोगिता उसके बाद देश में नहीं हुई थी। इसके बाद छवि ने 11 से 15 फरवरी 2021 में बड़ौत में आयोजित 17वीं जूनियर स्टेट चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया और अब नेशनल प्रतियोगिता की तैयारी कर रही हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीत चुकी हैं दो पदक

छवि रुहेला ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी दो पदक जीते हैं। छवि की पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता 10वीं एशियन जूनियर वुशू चैंपियनशिप प्रतियोगिता साल 2019 में ब्रूने में आयोजित की गई थी। इस प्रतियोगिता में भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए छवि ने रजत पदक जीता था। इसके बाद 24 से 29 फरवरी 2020 में रसिया में आयोजित मॉस्को वुशू स्टार प्रतियोगिता में भी छवि ने हिस्सा लिया और स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। छवि इस खेल में मेरठ के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की तरह मेरठ के साथ ही प्रदेश और देश का नाम रोशन करना चाहती हैं। छवि रुहेला के आइकन अंतरराष्ट्रीय वुशू खिलाड़ी उचित शर्मा, कपिल कुमार और रोसीबीना है। यह सब उनके सीनियर हैं और वह उन्हीं का अनुसरण करते हुए आगे बढ़ रही हैं। 


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