कर्फ्यू की अफवाह पर बाजारों में अफरा-तफरी
बुधवार को दोपहर बाद जैसे ही मेरठ को सील कर कर्फ्यू लगाने की आधी-अधूरी सूचना फैली तो लोग बेताब हो उठे।
मेरठ, जेएनएन। बुधवार को दोपहर बाद जैसे ही मेरठ को सील कर कर्फ्यू लगाने की आधी-अधूरी सूचना फैली तो लोग बेताब हो उठे। बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर निकलकर बाजारों में जा पहुंचे। पेट्रोल पंप, एटीएम व मेडिकल स्टोरों पर कतारें लग गईं। गली-मोहल्लों की दुकानें भी देखते ही देखते खुल गई और ग्राहकों की भीड़ जमा हो गई। कुछ दुकानों से आधा शटर खोल कर ही बिक्री शुरू कर दी गई। कोटला बाजार, अनाज मंडी, सदर दाल मंडी में अफरातफरी का आलम रहा। विडंबना यह रही कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए हो रही तमाम कवायद मिनटों में धराशायी हो गईं। शारीरिक दूरी की फिक्र छोड़ जल्द सामान लेने की होड़ पर दूसरे को पीछे धकेलते हुए सामान खरीदा।
सदर बाजार थाने की तीन गाड़ियों ने क्षेत्र में मूवमेंट किया। एसओ विजय कुमार ने बताया कि हल्का बल प्रयोग करने के बाद ही लोगों की भीड़ को बाजार से दौड़ाया जा सका। कुछ ऐसा ही हाल टीपीनगर की नवीन मंडी का रहा। शाम के समय यहां भी बड़ी संख्या में खरीदारी करने के लिए लोग उमड़ पड़े। एसओ दिनेश चंद्र ने बताया कि पुलिस की टीम लेकर मंडी में जमा भीड़ को घरों तक दौड़ाया गया। सभी को समझाया गया कि उनकी जरूरत का सामान लगातार मिलता रहेगा। फुटकर दुकानदारों का जमावड़ा, लाठीचार्ज
नवीन मंडी, जो 10 बजे ही बंद हो गई थी, वहां पर कई लोग पहुंच गए। लोगों ने दुकानदारों को फोन कर बुलाया। छोटा हाथी व बाइकों पर लोग अनाज व आटे के बोरे लाद कर ले जाते देखे गए। नवीन मंडी के महामंत्री गिरीश अग्रवाल ने बताया कि लोगों में यह असमंजस था कि पूरा शहर सील कर दिया जाएगा। अफवाहों ने आग में घी काम किया। नवीन सब्जी मंडी से भी आलू, प्याज, टमाटर के लिए मारामारी मच गई। एक समय में मंडी में चार से पांच सौ लोग एकत्र हो गए। अधिकांश फुटकर दुकानदार थे। आलू का 50 किलो का कट्टा जो 700 से 800 का था, वह 1000 से 1200 रुपये का बिका। जिसे जो मिला, वही लेकर चलता बना। मंडी में भीड़ जुटने की सूचना पर एसीएम ब्रह्मापुरी कमलेश कुमार और सीओ पुलिस और आरएएफ के जवानों के साथ मौके पर पहुंचे व लाठियां फटकार लोगों को भगाया गया। मंडी के गेट बंद कर फोर्स तैनात कर दी गई। कुछ देरी में ही खाली हो गई दुकानें
इस्लामाबाद, श्यामनगर, फतेहउल्लापुर रोड का माहौल ऐसा हो गया कि एक बारगी यह लगा कि लॉकडाउन समाप्त हो गया है। लोगों की भीड़ सड़कों पर उतर आई। यहां पर आटे और सब्जियों के दाम औने-पौने वसूले गए। जागृति विहार, फूलबाग, शास्त्रीनगर, माधवपुरम के अंदर के इलाकों में घर में बनी दुकानों पर जमकर खरीदारी हुई। सेंट्रल मार्केट में डेयरी पर ब्रेड लेकर आई वैन में भरा कंफैक्शनरी का आयटम आधे घंटे में साफ हो गया। शहर दाल मंडी में भी कुछ दुकानें खुल गईं, जिनमें भीड़ टूट पड़ी। कोटला बाजार में अधिकांश सब्जी विक्रेताओं की ठीहे और घर पास पास ही हैं। सुनसान पड़ी मार्केट गुलजार हो गई। देखते-देखते ही अधिकांश ठेले खाली हो गए। पल्लवपुरम में चौहान मार्केट और पल्हेड़ा सब्जी मंडी में लोगों की भीड़ एकत्र हो गई। बाद में पुलिस पहुंची और दुकानें बंद कराई। कबाड़ी बाजार, खैरनगर व साकेत यही हाल रहा। मशीन खराब होने का बहाना बनाकर बंद किए पेट्रोल पंप
जैसे ही शहर को सील करने की सूचना फैली कई संचालकों ने पेट्रोल पंप बंद कर दिया। लोगों को लौटाना शुरू कर दिया। मेवला फ्लाईओवर के पास एचपी पंप व शारदा रोड के पास पंजाब ऑयल सेंटर समेत कई का ऐसा ही हाल रहा। पेट्रोल पंप से हाईवे तक लगी कतार
मोदीपुरम : क्षेत्र के पेट्रोल पंपों पर शाम को दोपहिया और चौपहिया वाहनों की कतार लग गई। हालात यह हो गई पंप से सर्विस रोड और हाईवे तक वाहनों की लंबी लाइन लग गई। आपाधापी के बीच कुछ युवकों की आपस में कहासुनी तक हुई। पंप स्वामी और कई कर्मचारियों को झगड़ा न करने व कतार में खड़े होने पर ही तेल देने की बात की। पुलिस मौके पर पहुंची और शारीरिक दूरी बनाने के बाद ही तेल लेने को कहा। वहीं पेट्रोल पंप संचालकों व कर्मचारियों से भी पुलिस ने सख्ती से कहा कि बोतल में किसी को तेल दिया तो कार्रवाई तय है। एसओ पल्लवपुरम दिग्विजय सिंह शाही का कहना है कि बेतरतीब खड़े वाहनों की लाइन लगवाई गई है। किसी तरह की कोई भगदड़ नहीं है।