नोज रिंग में आए नियॉन कलर, हर आउटफिट के साथ मैच कर पहनें
सोलह श्रृंगार में नाक में पहनी जाने वाली नथ हमेशा से ही युवतियों को पसंद आती है, लेकिन जब से यह नथ ट्रेंडी हुई है युवतियाेें की फेवरेट बन गई है।
By Edited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 08:00 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 08:00 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। आजकल बॉलीवुड सेलेब्रिटी से लेकर कॉलेज गोइंग गल्र्स और कामकाजी महिलाएं तक आमतौर पर नोज रिंग पहने कम ही नजर आती हैं। लेकिन शादी और विशेष आयोजनों में अब भी सभी को डिजाइनर नोज रिंग पहने देखा जा सकता है। फिल्म रामलीला, बाजीराव मस्तानी और पद्मावत के बाद तो युवतियों में नोज ङ्क्षरग पहनने का खासा क्रेज बढ़ा है, लेकिन वह ऐसी नोज रिंग पहनना पसंद कर रही हैं जिसे बिना पियरसिंग के पहना जा सके। यही कारण है कि सोने-चांदी और डायमंड के अलावा अब आर्टिफिशियल नोज रिंग में पेंच वाली नोज रिंग की मांग ज्यादा है।
ट्रेंडी हुई नोज रिंग
सोलह श्रृंगार में माथे की बिंदिया से लेकर पांव में पहनी जाने वाली बिछिया तक का खास महत्व होता है। इसी में नाक की नथ के पहनने के पीछे भी धार्मिक मान्यता है। इसे विवाहित महिलाओं के लिए सौभाग्य की निशानी माना जाता है, यह नथनी आज के दौर से नहीं, बल्कि राजा-महाराजाओं के दौर से ही पहनी जाती थी। लेकिन अब नोज पियरसिंग करना लड़कियों को कम ही पसंद है।
नथ पहनने का वैज्ञानिक कारण
दिल्ली रोड स्थित संजीवनी योग एवं प्राकृतिक चिकित्सालय के डा. संजीव कुमार गोयल का कहना है कि महिलाओं की नाक में नथ पहनने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है, इसे पहनने का सीधा संबंध गर्भाशय से है। हमारी नाक की कुछ नसें गर्भाशय से जुड़ी होती हैं। जिसके कारण डिलीवरी के समय कम दर्द सहना पड़ता है। साथ ही आयुर्वेद में माना जाता है कि अगर किसी लड़की की नाक में पियरसिंग न हो तो मासिक धर्म के समय अधिक दर्द होता है। इसीलिए नाक में हमेशा बाईं ओर पियरसिंग की जाती है।
नोज पिन में छाए नियॉन कलर
सदर बाजार स्थित राजस्थानी बैंगल स्टोर के मालिक मुकेश का कहना है कि इस समय बाजार में आर्टिफिशियल नोज रिंग में राउंड शेप, फुट शेप, हार्ट शेप के अलावा पिंक, रेड, ग्रीन, ब्लू, सी-ग्रीन, मजेंटा और ऑरेंज कलर की नोज ङ्क्षरग की मांग अधिक है। इसके अलावा राउंड ओवल, नथ पैटर्न, नथ विद घुंघरू, स्टार, थ्री स्टोन, हाफ मून, बतख, चिडिय़ा, रोज और फ्लावर शेप वाली नोज रिंग कॉलेज गोइंग गल्र्स को काफी पसंद आ रही हैं।
भा रही पेंच वाली नथ
नील गली स्थित आकाश ज्वेलर्स के मालिक दिनेश रस्तौगी का कहना है पिछले कुछ सालों में शादी के सीजन में लड़कियां नोज पियरसिंग न होने की वजह से पेंच वाली नथ की डिमांड कर रही हैं। इसे कुछ समय के लिए आसानी से नाक में पहना जा सकता है। इन्हें काफी समय से सोने और डायमंड दोनों में बनाया जा रहा है। दूर से देखने पर इसका पता नहीं चलता है कि नोज पियरसिंग नहीं हुई है।
ट्रेंडी हुई नोज रिंग
सोलह श्रृंगार में माथे की बिंदिया से लेकर पांव में पहनी जाने वाली बिछिया तक का खास महत्व होता है। इसी में नाक की नथ के पहनने के पीछे भी धार्मिक मान्यता है। इसे विवाहित महिलाओं के लिए सौभाग्य की निशानी माना जाता है, यह नथनी आज के दौर से नहीं, बल्कि राजा-महाराजाओं के दौर से ही पहनी जाती थी। लेकिन अब नोज पियरसिंग करना लड़कियों को कम ही पसंद है।
नथ पहनने का वैज्ञानिक कारण
दिल्ली रोड स्थित संजीवनी योग एवं प्राकृतिक चिकित्सालय के डा. संजीव कुमार गोयल का कहना है कि महिलाओं की नाक में नथ पहनने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है, इसे पहनने का सीधा संबंध गर्भाशय से है। हमारी नाक की कुछ नसें गर्भाशय से जुड़ी होती हैं। जिसके कारण डिलीवरी के समय कम दर्द सहना पड़ता है। साथ ही आयुर्वेद में माना जाता है कि अगर किसी लड़की की नाक में पियरसिंग न हो तो मासिक धर्म के समय अधिक दर्द होता है। इसीलिए नाक में हमेशा बाईं ओर पियरसिंग की जाती है।
नोज पिन में छाए नियॉन कलर
सदर बाजार स्थित राजस्थानी बैंगल स्टोर के मालिक मुकेश का कहना है कि इस समय बाजार में आर्टिफिशियल नोज रिंग में राउंड शेप, फुट शेप, हार्ट शेप के अलावा पिंक, रेड, ग्रीन, ब्लू, सी-ग्रीन, मजेंटा और ऑरेंज कलर की नोज ङ्क्षरग की मांग अधिक है। इसके अलावा राउंड ओवल, नथ पैटर्न, नथ विद घुंघरू, स्टार, थ्री स्टोन, हाफ मून, बतख, चिडिय़ा, रोज और फ्लावर शेप वाली नोज रिंग कॉलेज गोइंग गल्र्स को काफी पसंद आ रही हैं।
भा रही पेंच वाली नथ
नील गली स्थित आकाश ज्वेलर्स के मालिक दिनेश रस्तौगी का कहना है पिछले कुछ सालों में शादी के सीजन में लड़कियां नोज पियरसिंग न होने की वजह से पेंच वाली नथ की डिमांड कर रही हैं। इसे कुछ समय के लिए आसानी से नाक में पहना जा सकता है। इन्हें काफी समय से सोने और डायमंड दोनों में बनाया जा रहा है। दूर से देखने पर इसका पता नहीं चलता है कि नोज पियरसिंग नहीं हुई है।
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