इंटर स्कूल डिबेट प्रतियोगिता की चैंपियन बनी वंशिका-शिवांगी
स्कूलों में पढ़ रही देश की भावी पीढ़ी को संस्कारों से जोड़ने के लिए दैनिक जागरण की ओर से संस्कारशाला की पाठशाला आयोजित की गई। इस वर्ष संस्कारों की पाठशाला की अंतिम कड़ी में शहर के स्कूलों के बीच इंटर स्कूल डिबेट प्रतियोगिता आयोजित की गई।
मेरठ । स्कूलों में पढ़ रही देश की भावी पीढ़ी को संस्कारों से जोड़ने के लिए दैनिक जागरण की ओर से संस्कारशाला की पाठशाला आयोजित की गई। इस वर्ष संस्कारों की पाठशाला की अंतिम कड़ी में शहर के स्कूलों के बीच इंटर स्कूल डिबेट प्रतियोगिता आयोजित की गई। दो दिनी का प्रतियोगिता का समापन शनिवार को मेरठ पब्लिक स्कूल फॉर गर्ल्स कैंट में हुआ। विभिन्न स्कूलों की टीमों के बीच दिए गए विषयों में अपना पक्ष और विपक्ष का मत मजबूती से रखते हुए वंशिका भगत और शिवांगी तोमर प्रतियोगिता की विजेता बनी। दोनों छात्राएं मेरठ पब्लिक गर्ल्स स्कूल शास्त्रीनगर में कक्षा 12वीं की छात्रा हैं।
दमदार टॉपिक, शानदार तर्क
संस्कारशाला की डिबेट प्रतियोगिता में बच्चों के लिए चुने गए टॉपिक जीवन मूल्यों पर आधारित रहे। हर टॉपिक पर बच्चों ने भी पक्ष और विपक्ष दोनों में शानदार तर्क रखते हुए अपनी बातों को स्पष्ट किया। फाइनल मुकाबले में शामिल एमपीजीएस कैंट, एमपीजीएस शास्त्रीनगर, ट्रांसलेम एकेडमी इंटरनेशनल और आइआइएमटी एकेडमी के बच्चों के बीच तीन राउंड में प्रतियोगिता हुई। इनमें क्लासिकल डिबेट राउंड, टर्नकोट डिबेट राउंड और एक्सटेंपोर डिबेट राउंड शामिल रहा। तीनों राउंड में टीमों के बीच कड़ा मुकाबला रहा। प्रतिद्वंद्वी प्रतिभागियों के पक्ष व विपक्ष पर काटने के लिए अन्य टीमों के प्रतिभागियों ने सवालों में घेरने की पूरी कोशिश की। क्लासिकल राउंड का टॉपिक बच्चों को एक दिन पहले ही मिल गया था। वहीं टर्नकोट राउंड में चारों टीमों के आठों प्रतिभागियों को मौके पर ही अलग-अलग टॉपिक दिया गया। उन्हें उसी टॉपिक पर एक-एक मिनट पक्ष और विपक्ष में बोलना था। वहीं एक्सटेंपोर में हर टीम को एक-एक टॉपिक मिला जिस पर बोलने के बाद अन्य टीमों ने सवाल-जवाब किया।
जजेज ने की बच्चों की तारीफ
संस्कारशाला की डिबेट प्रतियोगिता निर्णायक की भूमिका केंद्रीय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य डा. शिवचरण शर्मा 'मधुर', डीएन डिग्री कालेज में बीएड विभागाध्यक्ष डा. अनिता चौधरी और असीम कायस्था ने निभाई। तीनों जजेज ने कहा कि स्कूली बच्चों में विषयों पर पकड़ और प्रस्तुत करने के तरीके के कारण उन्हें निर्णय लेने में काफी कठिनाई हुई। फाइनल की चारों टीमों के प्रथम से चतुर्थ स्थान में अंकों का मामूली अंतर ही देखने को मिला। डा. मधुर ने बच्चों को लक्ष्य निर्धारित कर अपने संस्कारों के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। एमपीजीएस कैंट की प्रिंसिपल मधु सिरोही ने निर्णायक मंडल के सदस्यों के साथ विजेता छात्र-छात्राओं को ट्रॉफी व किताबें प्रदान की। दैनिक जागरण टीम की ओर से सभी का आभार प्रकट किया गया।
फाइनल मुकाबले में ये रहे टॉपिक
क्लासिकल डिबेट राउंड
-क्या विज्ञान ईश्वर से ऊपर है?
टर्नकोट डिबेट राउंड
-संयुक्त परिवार प्रणाली पाश्चात्य संस्कृति में उपयोगी नहीं।
-क्या खुद को प्यार करना स्वार्थ है?
-बढ़ता औद्योगीकरण, पर्यावरण का नाश और देश का विनाश।
-क्या परोपकार करना शक्ति विशेषाधिकार का प्रदर्शन है?
-ईमानदार निर्धन, बेईमान अमीर।
-भारत में देशभक्ति की भावना को भुला दिया गया है।
-शिक्षा से ही व्यक्तिगत उन्नति संभव है।
-क्या सहिष्णु जीवों को असहिष्णु होना चाहिए?
एक्सटेंपोर डिबेट राउंड
-¨हदी को पूर्ण राजभाषा का स्थान दिया जाना चाहिए।
-क्या अनुशासन नवीनता में रुकावट है?
-सरकार को देश की सुरक्षा या स्वास्थ्य पर ज्यादा खर्च करना चाहिए।
-वोट देना अनिवार्य हो। डिबेट में इन टीमों ने मारी बाजी
प्रथम : एमपीजीएस शास्त्रीनगर : वंशिका भगत व शिवांगी तोमर
द्वितीय : ट्रांसलेम एकेडमी : ओजस्वी साहनी व युक्ति गोयल
तृतीय : आइआइएमटी एकेडमी : अनुभव त्यागी व अर्चिता त्यागी
चतुर्थ : एमपीजीएस कैंट : नितिषा तिवारी व कशिश जैन