खूब हुआ धूम-धड़ाका लेकिन अफसरों को न दिखाई दिया न सुनाई
पर्यावरण प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी सरकारी तंत्र ने बेमानी कर दिए। सड़कों पर बारूद वाली आतिशबाजी की खूब बिक्री हुई। रातभर जिले में खूब धूम-धड़ाका भी होता रहा, परंतु अफसरों को न तो कुछ दिखाई दिया और न ही सुनाई।
मेरठ। पर्यावरण प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी सरकारी तंत्र ने बेमानी कर दिए। सड़कों पर बारूद वाली आतिशबाजी की खूब बिक्री हुई। रातभर जिले में खूब धूम-धड़ाका भी होता रहा, परंतु अफसरों को न तो कुछ दिखाई दिया और न ही सुनाई।
शहरी और देहात क्षेत्र में बुधवार सुबह से ही अवैध पटाखों की सार्वजनिक स्थलों पर बिक्री शुरू हो गई थी। एक भी दुकान पर ग्रीन पटाखा नजर नहीं आया। पुराने ढर्रे पर चले आए रहे पटाखों को ही बेचा गया। अग्निशमन विभाग की अनुमति के बाद प्रशासन ने जिले में 72 लोगों को ग्रीन पटाखे बेचने की स्वीकृति दी थी। एक भी जगह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया गया। दिन में बिक्री के बाद शाम ढलते ही आसमान रंग-बिरंगी आतिशबाजी से चमकने लगा था। तेज आवाज के साथ रातभर पटाखे जलाए जाते रहे। दर्जनों जगह आग भी लगी। बावजूद इसके, पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई शून्य रही।
आखिर, क्या है वजह
अवैध आतिशबाजी बिकने के साथ जलाई जाती रही, फिर भी कार्रवाई नहीं करना पुलिस की कार्यशैली को संदेह के दायरे में खड़ा करती है। चर्चा तो यहां तक है कि पुलिसकर्मियों की शह पर ही पटाखों की बिक्री हुई। इसके पीछे की वजह क्या है, यह समझना कोई मुश्किल नहीं है।
इन जगहों पर सबसे अधिक बिके पटाखे
शहर के अलावा देहात क्षेत्र के सरधना, मवाना, परीक्षितगढ़, हस्तिनापुर, खरखौदा, दौराला आदि स्थानों पर सबसे अधिक पटाखों की बिक्री हुई। संबंधित थानों की पुलिस को भी जानकारी थी कि यहां अवैध पटाखे बिक रहे हैं, परंतु कार्रवाई शून्य रही। हालांकि, शहर में पुलिस का दावा है कि तीन लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।
इनका कहना--
अवैध पटाखे बेचने के मामले में तीन लोगों पर मुकदमा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का कतई उल्लंघन नहीं होने दिया गया।
-रणविजय सिंह, एसपी सिटी
देहात क्षेत्र में अवैध पटाखे बेचने और रातभर में धूम-धड़ाका करने की कोई सूचना नहीं मिली। यदि कहीं मिली तो पुलिस ने मौके पर जाकर तस्दीक की।
-राजेश कुमार, एसपी देहात