दारुल उलूम का फतवा : कोरोना महामारी के दौरान मस्जिद या घरों में अदा करें ईद की नमाज Saharnpur News
दारुल उलूम का फतवा में कहा कि ईद की नमाज अदा न कर पाने वाले चाश्त की नमाज पढ़ें। मजबूरी में नमाज अदा न करने वालों की ईद की नमाज माफ होती है।
सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना संकट के दौर में इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम देवबंद ने ईदुल फितर को लेकर फतवा जारी किया है। कहा है कि ईदुल फितर की नमाज भी जुमा की नमाज की तरह ही शासन-प्रशासन के निर्देशानुसार मस्जिद या घरों में अदा की जाए। फतवे में साफ किया गया है कि मजबूरी में नमाज अदा न कर पाने वाले लोगों की नमाज ए ईद माफ होगी।
दारुल उलूम के मुफ्तियों की खंडपीठ ने जारी फतवे में कहा है कि ईद की नमाज वाजिब है। इसके लिए वही शर्त हैं जो जुमा की नमाज के लिए है। अगर ईदुल फितर तक लॉकडाउन जारी रहता है और मस्जिदों में पांच लोगों से ज्यादा नमाज की इजाजत नहीं होती है तो लॉकडाउन में पढ़ी जा रही जुमा की नमाजों की तरह ही ईद की नमाज भी अदा की जाएगी। ऐसे लोग जो नमाज ए ईद न पढ़ पाए, वह अपने घर में दो या चार रकाअत चाश्त की नमाज पढ़ सकते हैं।
मजबूरी में नमाज पर नहीं होती कोई परेशानी
दारूल उलूम के फतवे में यह कहा गया है कि अगर किसी कारण से ईद की नमाज अदा नहीं हो पाती है या फिर घर पर ही रहकर करना पड़ता है तो यह किसी तरह की परेशानी नहीं है। साथ ही कहा कि घर या मस्जिदों में नमाज अदा के दौरान बाहर के लोगों से गले मिलने से बचे ताकि इस महामारी से बचा जा सके।