Good News: ‘बीमार’गांवों को सेहत का आशीर्वाद देंगे CCSU के गुरुजी Meerut News
अब टीबी ग्रस्त बच्चों और अति पिछड़े गांवों के सुधरेंगे हालात। गांव गोद लेने के लिए सभी विभागों की चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में बैठक हुई।
मेरठ,[जागरण स्पेशल]। चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय के सभी विभागों के प्रोफेसर अति पिछड़े गांवों को गोद लेंगे। उस गांव में टीबी से पीड़ित बच्चों की सेहत सुधारेंगे, साथ ही गांव में साफ- सफाई से लेकर लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने में अपना योगदान करेंगे।
बैठक में मांगी सूची
चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय में मंगलवार को इसे लेकर सभी विभागों की बैठक हुई। कुछ महीने पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय से गांव गोद लेने और टीबी पीड़ित बच्चों के इलाज व पोषण के लिए कदम उठाने की बात कही थी। इसमें विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों को अपनी क्षमता के अनुसार गांव की मदद करनी है। कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने क्षय रोग विभाग से टीबी से पीड़ित बच्चों की सूची मांगी थी।
हर विभाग करेगा दवा और पोषण प्रबंध
मंगलवार को बैठक में तय हुआ कि हर विभाग पांच-पांच बच्चों के लिए दवा और उनके पोषण का प्रबंध करेंगे। जनवरी में इसके लिए कार्यक्रम किया जाएगा। इसके अलावा जिले में अति पिछड़े गांव का चुनाव करने के लिए एक कमेटी गठित की गई है। इसमें डा. वीरपाल सिंह, डा. आलोक, डा. एसएस गौरव, डा. मनोज श्रीवास्तव की टीम एक सप्ताह में गोद लेने वाले गांवों को चुनकर रिपोर्ट देगी। इससे विवि के छात्रों को भी जोड़ा जाएगा।
पोषण का खर्च 500 रुपये
क्षय रोग विभाग ने टीबी से पीड़ित 18 साल के बच्चों के पोषण के लिए जो मैन्यू विश्वविद्यालय को दिया है, उसमें प्रति दिन एक बच्चे पर 500 रुपये खर्च आएगा। इसमें बच्चों के लिए मूंग की दाल, चावल, चना, दलिया, सोयाबीन की बड़ी, मूंगफली दाना, बादाम, केला आदि हैं। जो प्रोफेसर टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेंगे, वह उनकी दवा के साथ मैन्यू के हिसाब से भोजन का प्रबंध भी करेंगे।