CBSE देगा आसान या कठिन गणित चुनने का विकल्प
सीबीएसई आसान या कठिन गणित में किसी एक को चुनने की आजादी देने जा रहा है। यदि कोई छात्र बेसिक गणित में फेल होता है तो वह बेसिक गणित की कंपार्टमेंट परीक्षा दे सकता है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 04:47 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 04:47 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। सर्वाधिक कठिन पेपर की परीक्षा से पहले और परीक्षा के दौरान विद्यार्थी ज्यादा तनाव में रहते हैं। उनके इसी तनाव को कम करने के मकसद से बोर्ड परीक्षा के दौरान सीबीएसई उन्हें ‘आसान’ या ‘कठिन’ गणित में से किसी एक की परीक्षा में शामिल होने का विकल्प देगी। यह व्यवस्था साल 2020 की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा से लागू होगी। छात्रों के लिए सीबीएसई मैथमैटिक्स स्टैंडर्ड और मैथमैटिक्स बेसिक में से कोई एक चुनने का मौका मिलेगा। स्टैंडर्ड गणित वर्तमान में संचालित गणित है जबकि बेसिक गणित का पेपर इससे आसान होगा। इस बाबत सीबीएसई ने सर्कुलर जारी कर दिया है।
पढ़ेंगे पूरा, परीक्षा में होगी छूट
यह व्यवस्था केवल 10वीं व12वीं की बोर्ड परीक्षा में लागू होगी। इसमें नौवीं व 11वीं में कोई बदलाव नहीं होगा। 10वीं व 12वीं के अभ्यर्थियों के लिए भी स्टैंडर्ड व बेसिक गणित का सिलेबस, क्लास में शिक्षण पद्धति और इंटर्नल असेसमेंट एक जैसा ही होगा। यह व्यवस्था इसलिए दी गई है ताकि छात्रों को पूरे साल हर टॉपिक को पढ़ने का अवसर मिले और अंत में अपनी क्षमता के अनुसार गणित के दोनों स्तरों में से किसी एक को चुन लें। स्टैंडर्ड लेवल का गणित उन छात्रों के लिए होगा जो 11वीं-12वीं व उच्च शिक्षा में गणित के साथ पढ़ाई करना चाहते हैं। वहीं बेसिक गणित उन छात्रों के लिए जो 10वीं के बाद गणित नहीं पढ़ना चाहते।
मन बदले तो मिलेगा कंपार्टमेंट में मौका
बोर्ड परीक्षा के लिए बनने वाली लिस्ट ऑफ कैंडिडेट में छात्रों को दोनों गणित में से एक को चुनने का अवसर मिलेगा। यदि कोई छात्र बेसिक गणित में फेल होता है तो वह बेसिक गणित की कंपार्टमेंट परीक्षा दे सकता है। यदि कोई छात्र स्टैंडर्ड गणित में फेल होता है तो वह बेसिक या स्टैंडर्ड में से किसी एक में कंपार्टमेंट दे सकता है। इसके साथ ही यदि बेसिक गणित में सफल होने वाले छात्र यदि बाद में भी गणित के साथ आगे बढ़ने का मन बनाते हैं और स्टैंडर्ड गणित की परीक्षा देना चाहते हैं तो वह कंपार्टमेंट में दे सकेंगे।
अब जान सकेंगे ‘क्या’ कर सकता है आपका बच्चा
एनसीईआरटी ने कक्षा नौवीं व 10वीं के बच्चों का एप्टीट्यूड जांचने के लिए पद्धति विकसित की है। एप्टीट्यूड वह विशेष क्षमता होती है जिसमें उनकी क्षमता, उनके विचार, प्रवृत्ति आदि का समन्वय होता है, जो कौशल को प्रदर्शित करता है। बच्चों में आगे बढ़कर क्या करने की क्षमता है और वह क्या करना चाहते हैं, यह बच्चों व परिजनों के लिए बड़ा सवाल होता है। उसी सवाल के जवाब के तौर पर एनसीईआरटी ने यह पद्धति विकसित की है, जिसमें बच्चों में सीखने की क्षमता और कौशल को परखा जा सके।
नोइंग योर एप्टीट्यूड
एनसीईआरटी की ओर से तैयार की गई इस पद्धति को शिक्षकों के लिए दिशा-निर्देश, तकनीकी जानकारी, टेस्ट बुकलेट और उत्तर पुस्तिका तैयार की गई है। इसके जरिए बच्चों का टेस्ट लिया जाएगा, जिससे उनकी मानसिक स्थिति और लर्निग एबिलिटी को परखने में आसानी होगी। स्कूल ‘नोइंग योर एप्टीट्यूड’ यानी क्या मैटेरियल 29 जनवरी से सीबीएसई वेबसाइट से डाउनलोड कर सकेंगे।
पढ़ेंगे पूरा, परीक्षा में होगी छूट
यह व्यवस्था केवल 10वीं व12वीं की बोर्ड परीक्षा में लागू होगी। इसमें नौवीं व 11वीं में कोई बदलाव नहीं होगा। 10वीं व 12वीं के अभ्यर्थियों के लिए भी स्टैंडर्ड व बेसिक गणित का सिलेबस, क्लास में शिक्षण पद्धति और इंटर्नल असेसमेंट एक जैसा ही होगा। यह व्यवस्था इसलिए दी गई है ताकि छात्रों को पूरे साल हर टॉपिक को पढ़ने का अवसर मिले और अंत में अपनी क्षमता के अनुसार गणित के दोनों स्तरों में से किसी एक को चुन लें। स्टैंडर्ड लेवल का गणित उन छात्रों के लिए होगा जो 11वीं-12वीं व उच्च शिक्षा में गणित के साथ पढ़ाई करना चाहते हैं। वहीं बेसिक गणित उन छात्रों के लिए जो 10वीं के बाद गणित नहीं पढ़ना चाहते।
मन बदले तो मिलेगा कंपार्टमेंट में मौका
बोर्ड परीक्षा के लिए बनने वाली लिस्ट ऑफ कैंडिडेट में छात्रों को दोनों गणित में से एक को चुनने का अवसर मिलेगा। यदि कोई छात्र बेसिक गणित में फेल होता है तो वह बेसिक गणित की कंपार्टमेंट परीक्षा दे सकता है। यदि कोई छात्र स्टैंडर्ड गणित में फेल होता है तो वह बेसिक या स्टैंडर्ड में से किसी एक में कंपार्टमेंट दे सकता है। इसके साथ ही यदि बेसिक गणित में सफल होने वाले छात्र यदि बाद में भी गणित के साथ आगे बढ़ने का मन बनाते हैं और स्टैंडर्ड गणित की परीक्षा देना चाहते हैं तो वह कंपार्टमेंट में दे सकेंगे।
अब जान सकेंगे ‘क्या’ कर सकता है आपका बच्चा
एनसीईआरटी ने कक्षा नौवीं व 10वीं के बच्चों का एप्टीट्यूड जांचने के लिए पद्धति विकसित की है। एप्टीट्यूड वह विशेष क्षमता होती है जिसमें उनकी क्षमता, उनके विचार, प्रवृत्ति आदि का समन्वय होता है, जो कौशल को प्रदर्शित करता है। बच्चों में आगे बढ़कर क्या करने की क्षमता है और वह क्या करना चाहते हैं, यह बच्चों व परिजनों के लिए बड़ा सवाल होता है। उसी सवाल के जवाब के तौर पर एनसीईआरटी ने यह पद्धति विकसित की है, जिसमें बच्चों में सीखने की क्षमता और कौशल को परखा जा सके।
नोइंग योर एप्टीट्यूड
एनसीईआरटी की ओर से तैयार की गई इस पद्धति को शिक्षकों के लिए दिशा-निर्देश, तकनीकी जानकारी, टेस्ट बुकलेट और उत्तर पुस्तिका तैयार की गई है। इसके जरिए बच्चों का टेस्ट लिया जाएगा, जिससे उनकी मानसिक स्थिति और लर्निग एबिलिटी को परखने में आसानी होगी। स्कूल ‘नोइंग योर एप्टीट्यूड’ यानी क्या मैटेरियल 29 जनवरी से सीबीएसई वेबसाइट से डाउनलोड कर सकेंगे।
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