आरटीआइ लगाई तो सीबीएसई ने माफ की स्पोर्ट्स फीस
सीबीएसई ने बिना खेल गतिविधि क्रीड़ा शुल्क ले लिया। आरटीआइ के तहत सूचना मांगी गई तो गलती मानी।
मेरठ, जेएनएन। सत्र 2020-21 की शुरुआत से अब तक लाकडाउन के कारण सभी स्कूल बंद होने के बाद भी सीबीएसई ने हर स्कूल को स्पोर्ट्स फीस के तौर पर 10 हजार रुपये जमा कराने के निर्देश जारी किए थे। खेल गतिविधि न हो पाने के माहौल को देखते हुए भी सीबीएसई ने स्पोर्ट्स फीस को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया। इस पर डा. योगेश नामक व्यक्ति ने सूचना का अधिकार के तहत सूचना मांगी। इसपर सीबीएसई ने इस सत्र में कोई स्पोर्ट्स फीस नहीं लेने की बात कही है। सीबीएसई ने स्पोर्ट्स फीस जमा कराने वाले स्कूलों को बोर्ड से संपर्क करने के लिए कहा है।
हर स्कूल से 10 हजार : सीबीएसई हर साल खेल गतिविधियों में स्कूलों को हिस्सा लेने की अनुमति प्रदान करने के लिए 10 हजार रुपये शुल्क लेता है। मेरठ में सीबीएसई के 147 स्कूल हैं। इस हिसाब से जिले से स्पोर्ट्स फीस 14 लाख 70 हजार रुपये होती है। देशभर में सीबीएसई से मान्यता प्राप्त करीब 24 हजार स्कूल हैं। इन स्कूलों का केवल स्पोर्ट्स शुल्क ही 24 करोड़ रुपये होता है।
टीचर्स ट्रेनिग पर भी दुगना शुल्क : शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने और बनाए रखने के लिए सीबीएसई की ओर से शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। टीचर्स ट्रेनिग के लिए भी सीबीएसई हर स्कूल से 10 हजार रुपये एकमुश्त लेता है। इसके बाद जब प्रशिक्षण होता है तब भी एक से डेढ़ हजार रुपये प्रति शिक्षक प्रतिदिन प्रशिक्षण शुल्क लिया जाता है। इस सत्र में स्कूल बंद होने से शिक्षकों का प्रशिक्षण आनलाइन कराया गया। इसमें भी शुरुआती कुछ प्रशिक्षण निश्शुल्क रहे। बाद में सौ रुपये प्रति शिक्षक प्रतिदिन शुल्क लिया गया।
व्यय करने पर मांगी सूचना : चंडीगढ़ के डा. योगेश ने आरटीआइ के तहत पूछा कि सीबीएसई बिना किसी खेलकूद गतिविधि के इन रुपयों को कहां खर्च करना चाहती है। इसके जवाब में सीबीएसई के उप-सचिव स्पोर्ट्स डा. मंजीत सिंह ने बताया कि सीबीएसई ने इस सत्र में किसी स्कूल से स्पोर्ट्स फीस नहीं ली है। जिन स्कूलों ने जमा कराई है वह आगे उचित कार्यवाही के लिए सीबीएसई से संपर्क कर सकते हैं।