सीबीएसई चेयरपर्सन ने बोर्ड परीक्षार्थियों को लिखा पत्र, ‘परीक्षा के अंक तय नहीं करेंगे आपका करियर’ Meerut News
सीबीएसई चेयरपर्सन अनिता करवाल ने पत्र में कहा है कि आप 21वीं सदी के बच्चे हैं आपके भविष्य के नियोक्ता या इम्प्लॉयर को स्कूल में मिले अंकों से बहुत ज्यादा सरोकार नहीं होगा है।
मेरठ, जेएनएन। बोर्ड परीक्षा में अंकों के पीछे दौड़ने वाले परीक्षार्थियों के लिए सीबीएसई चेयरपर्सन अनिता करवाल ने पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि आप 21वीं सदी के बच्चे हैं, आपके भविष्य के नियोक्ता या इम्प्लॉयर को स्कूल में मिले अंकों से बहुत ज्यादा सरोकार नहीं होगा। वह यह जरूर जानना चाहेंगे कि आप कठिन परिश्रम करते हैं या नहीं। रचनात्मक व्यक्ति हैं कि नहीं। वह आपमें गहन सोच, समस्या सुलझाने की काबिलियत, अच्छा कम्यूनिकेशन और सहयोग कौशल को देखना चाहेंगे।
ऐसे समझाया व्यक्तित्व
हर कोई यह जरूर जानना चाहेगा कि आप व्यवहार से ईमानदार और सिद्धांतवादी है या नहीं, अच्छे नागरिक हैं या नहीं, टीम का हिस्सा बनकर कैसे काम करेंगे आदि। यही स्कूलों से सीखनी होती हैं और यदि आपने यह सीख लिया है तो जीवन की कई परीक्षाएं पहले ही पास कर चुके हैं। सीबीएसई चेयरपर्सन ने बच्चों से कहा है कि आपने रेंगने से चलना सीखा, तुतलाने से बात करना सीखा, दोस्त बनाना सीखा, टीम में काम करना सीखा, पढ़ना, लिखना, खेलना, डांस, खाना बनाना, बड़ों का आदर करना आदि पहले ही सीख लिया हैं। यह सभी आपके व्यक्तित्व का हिस्सा हैं। परीक्षा भी ऐसे ही सैकड़ों उपलब्धियों की सूची में एक नाम है। यह उतना बड़ा हौवा नहीं है जितना इसे बनाया जाता है। यह आपमें छिपे हुनर को तलाशने का एक जरिया है। आप यदि यह मान लें कि ‘आप ऐसा कर सकते हैं’,तो यह भी मुश्किल नहीं है।
हम जो बन सके, वह अंकों के कारण नहीं
कहा कि स्कूल में हर विषय में अच्छा रहने और गतिविधियों में अव्वल रहने के कारण आज हम यहां नहीं पहुंचे हैं जहां हैं। स्कूलों में विभिन्न विषयों से हम रूबरू होते हैं लेकिन यहां जीवनभर सीखने की सीख मिलती है। यहां से हमें मूल्यों और कौशल को विकसित करने की सीख लेनी चाहिए।
साझा किए अपने स्कूली अनुभव
सीबीएसई चेयरपर्सन ने अपने स्कूली अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें स्कूल दिनों की यादों में पिकनिक, वार्षिकोत्सव व खेल समारोह, दोस्तों के साथ मस्ती आदि याद है। वहीं पढ़ाई में अस्पष्ट यादें हैं जिनमें इतिहास में बहुत सारी तिथियां, जो अब बिलकुल याद नहीं हैं, भूगोल में इस बात पर नाराज होना कि अमेरिका में अफ्रीका से पूरी तरह अलग फ्लोरा और फावना क्यों हैं। कहा कि बायोलॉजी मेरा पसंदीदा विषय था जिसे मैं खूब पढ़ती थी।