कैश काउंटर बंद, बिल जमा करने पहुंचे लोग रहे परेशान
वक्त दोपहर के 1.30 बजे। स्थान घंटाघर स्थित विद्युत निगम के कैश काउंटर। कु ल चार खिड़कियों में से तीन बंद।
मेरठ, जेएनएन। वक्त दोपहर के 1.30 बजे। स्थान घंटाघर स्थित विद्युत निगम के कैश काउंटर। कु ल चार खिड़कियों में से तीन बंद। महज एक खिड़की खुली थी, जिसके सामने कतार में लगी महिला और पुरुषों में बिल के जमा कराने को होड़ मची रही। यह दृश्य नगरीय विद्युत वितरण खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता कार्यालय परिसर का है। साकेत स्थित बिजलीघर का भी कैश काउंटर बंद पड़ा रहा। शहर के अन्य विद्युत वितरण खंडों के कैश काउंटरों का हाल भी ऐसा ही है।
ऊर्जा भवन में पांच नवंबर से धरना चल रहा था। शुक्रवार को धरना न होने के कारण उम्मीद थी कि विद्युत कैश काउंटर समय पर खुलेंगे। कई दिनों से परेशान उपभोक्ता बिलों का भुगतान कराने पहुंचे, लेकिन ऐसा संभव नहीं हुआ। नगरीय विद्युत वितरण खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता कार्यालय परिसर में चार कैश काउंटर में से केवल एक ही खुला। वह भी दोपहर 12.30 बजे के बाद, जबकि सुबह 10 बजे खुल जाना चाहिए था। देर से काउंटर खुलने से सुबह आए उपभोक्ता वापस लौट गए। जबकि दोपहर बाद आए उपभोक्ताओं को बिलों का भुगतान जमा करने के लिए कतार में खड़ा होना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को उठानी पड़ी। वह भी उसी काउंटर से बिल का भुगतान करने को मजबूर हुई। दरअसल, पीएफ घोटाले को लेकर विद्युत कर्मचारी तो आंदोलनरत थे ही, कैश काउंटर पर ठेका एजेंसी के तैनात ऑपरेटरों को भुगतान नहीं होने से वह भी काम पर नहीं आ रहे थे। 18 और 19 को विद्युत कर्मचारी करेंगे कार्य बहिष्कार
उधर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संषर्घ समिति ने पीएफ घोटाले को लेकर 18 और 19 नवंबर को कार्य बहिष्कार की घोषणा की है। इसमें पीवीवीएनएल के सभी अनुभागों से जुड़े अफसर और कर्मचारी शामिल रहेंगे। इससे दो दिन विद्युत आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त हो सकती है। हालांकि अफसरों का कहना है कि बिजलीघर सुचारू रूप से चालू रहेंगे। एसएचओ तैनात रहेंगे।
कैश काउंटर न खुलने की दो वजहें थी। एक ठेका एजेंसी के ऑपरेटरों के भुगतान का मामला था, जो हल कर दिया गया है। दूसरा पीएफ घोटाले को लेकर विद्युत कर्मचारी अंादोलनरत थे। व्यवस्थाएं सुचारू रखने के लिए कहा गया है।
एसबी यादव, मुख्य अभियंता वितरण, मेरठ जोन