सिख युवक से अभद्रता का मामला : कोरोना काल में पुलिस का मानवीय चेहरा देखा है,अब कठोर मत बनिए Meerut News
अब पुलिस-पब्लिक के बीच विश्वास की एक डोर बंधने लगी है हालांकि बुधवार को हापुड़ अड्डे पर जो हुआ वह पुलिस की हालिया कार्यशैली के विपरीत था।
मेरठ, [सुशील कुमार]। अनुशासन के लिए कड़ाई करने वाली पुलिस का कोरोना संक्रमण काल में मानवीय चेहरा भी सामने आया है। मेरठ पुलिस के कई ऐसे वीडियो भी वायरल हुए जिनकी प्रधानमंत्री ने भी तारीफ की। इसके चलते पुलिस-पब्लिक के बीच विश्वास की एक डोर बंधने लगी। हालांकि बुधवार को हापुड़ अड्डे पर जो हुआ, वह पुलिस की हालिया कार्यशैली के विपरीत था।
दारोगा के निलंबन की मांग
कोविड-19 से बचाव के लिए पुलिस को सरकार की गाइडलाइन पर काम करने का आदेश है। बिना मास्क लगाए और शारीरिक दूरियां न बनाने पर जुर्माना लगाने का नियम है। रात्रि कफ्यरू का उल्लंघन करने पर भी मुकदमा दर्ज किया जा सकता है, लेकिन हापुड़ अड्डे पर पुलिस ने यह सब नहीं किया। ब्रह्रमपुरी के इंदरा नगर निवासी गगनदीप अपनी पत्नी के साथ कार से दवा लेने जा रहे थे। आरोप है कि पुलिस द्वारा उनके साथ मारपीट की गई, और पगड़ी तक उछाल दी गई। इसे लेकर गुरुवार को सिख समाज के लोगों ने गुरुद्वारे में एकत्र होकर दारोगा के निलंबन की मांग तक कर डाली।
गगनदीप ने नहीं लगाया था मास्क
इधर एसआइ प्रमोद कुमार का कहना है कि गगनदीप रात्रि कफ्यरू में पत्नी के साथ निकले थे और उन्होंने मास्क नहीं लगाया था। दारोगा के अनुसार गगनदीप ने शराब पी रखी थी, पुलिस के साथ अभद्रता भी की, इसलिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। गगनदीप नशे में थे तो उनका मेडिकल कराकर दफा 34 की कार्रवाई क्यों नहीं की गई? अहम बात यह भी कि जब गगनदीप ने रात्रि कफ्यरू का उल्लंघन कर पुलिस से अभद्रता की तो मुकदमा क्यों नहीं किया गया। किया गया तो सिर्फ मास्क लगाने के मामले में चालान, जबकि दंपती कार के अंदर बैठे थे। दंपती घर में भी एक साथ रहते हैं। क्या घर में भी मास्क लगाकर रखें। पुलिस की यही कार्रवाई उसको कठघरे में खड़ा करती है।
जमकर हंगामा किया
ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर फेज वन निवासी गगनदीप सिंह बुधवार रात पत्नी दीप कौर के साथ दवाई लेने के लिए कार से जा रहे थे। हापुड़ अड्डे पर पुलिस ने उनको रोक लिया। उन्होंने बताया कि दवाई लेने जा रहा हैं। इस पर उनकी दारोगा से कहासुनी हो गई। आरोप है कि दारोगा ने पिटाई कर दी। पगड़ी भी उतार दी थी। इसकी सूचना पर स्वजन और बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग पहुंच गए थे और जमकर हंगामा किया था। थापर नगर स्थित गुरुद्वारे में गुरुद्वारा सिंह सभा के सदस्यों ने बैठक की। इस दौरान उन्होंने दारोगा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। बैठक के बाद सीओ को ज्ञापन देने का भी प्रयास किया, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। एसपी सिटी डा. अखिलेश नारायण सिंह से फोन पर बात की। उन्होंने शुक्रवार को कार्यालय आने के लिए कहा।
मारपीट के बजाय समझाकर रास्ता निकालें
मानव स्वभाव है कि संकट की शुरुआत में तो घबराता है, लेकिन फिर अताíकक आशावादिता उसे जीने का सहारा देती है। लोग काफी दिनों से घरों में रहकर परेशान भी हैं। हर कोई यह पहली बार फेस कर रहा है। ऐसे में जनसहयोग के बिना मास्क, शारीरिक दूरी या समय पालन आदि का पालन नहीं कराया जा सकता। यह काम समझाकर ही हो सकता है, रौब झाड़कर या मारपीट कर नहीं। पुलिस को चाहिए कि लोगों को समझाकर जागरूक करे, स्वयं भी कानून हाथ में न ले। एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच सीओ दिनेश शुक्ला को दी गई है। उनकी जांच रिपोर्ट के बाद ही आगे निर्णय लिया जाएगा। सभी पुलिसकर्मी मित्र पुलिस बनकर ही काम करें।