जाम-प्रदूषण से कराहते मेरठ के लिए संजीवनी बन सकती है केबल कार
जाहिर है मेरठ महानगर में जाम और प्रदूषण एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शहरों में केबल कार के संचालन का सुझाव दिया है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 11:21 AM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 11:21 AM (IST)
मेरठ,जेएनएन। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महानगरों की परिवहन व्यवस्था को आधुनिक और सुलभ बनाने की दिशा में नए-नए साधनों के उपयोग पर जोर दिया है। ऐसा ही एक साधन केबल कार है। सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन विदेशों में कई बड़े शहरों में आवागमन का यह महत्वपूर्ण संसाधन बना हुआ है। मेट्रो की अपेक्षा कई गुना सस्ते इस संसाधन को अपनाने की वकालत नितिन गडकरी ने बुधवार को अपने भाषण में की थी। मेरठ में जाम की समस्या विकराल रूप लिए हुए है। ऐसे में केबल कार महत्वपूर्ण साधन बन सकती है।
सात गुनी सस्ती
एक किलोमीटर केबल कार के निर्माण में पचास करोड़ का खर्च होगा,जबकि मेट्रो में 350 करोड़ का खर्च होता है। अर्थात केबल कार का संचालन सात गुना सस्ता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस साधन के लिए भूमि अधिग्रहीत करने का झंझट नहीं है। गुवहाटी में ब्रह़मपुत्र नदी पर दो किलोमीटर लंबा केबल कार नेटवर्क पर कार्य तेजी से चल रहा है। इसमें एक बार में 30 यात्री बैठ सकते हैं। अप्रैल में इसका संचालन आरंभ हो जाएगा। स्विस कंपनी गारावंटा एजी इसके कमीशनिंग और तकनीकी सहयोग कर रही है। इसके केबिन स्विटजर लैंड में तैयार किए गए हैं,जबकि बाकी सामान मुंबई और दिल्ली की कंपनियों ने तैयार किया है।
प्रजेंटेशन देखने के लिए किया आमंत्रित
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हवा में चलने वाली केबल कार का जिक्र करते हुए कहा कहा कि विश्व में 27 प्रतिशत शेयर रखने वाली विदेशी फर्म से इस बारे में एमओयू हुआ है। कंपनी का प्रजेंटेशन देखने के लिए उन्होंने उप मुख्यमंत्री नितिन गडकरी और सांसद राजेंद्र अग्रवाल को आमंत्रित किया।
क्या है केबल कार
शहरों में केबल कार खंभों पर तार खींच कर दौड़ाई जाती हैं। बढ़ती आबादी और दिनों दिन कम होती जमीन के मद्देनजर विदेशों में केबल कारों चलन बढ़ता जा रहा है। पहले जहां इनका प्रयोग पर्यटन के मद्देनजर लोगों को लुभाने के लिए होता था वहीं अब व्यस्त ट्रैफिक वाले इलाकों में आवागमन के साधन के रूप में हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार केबल कारों में परस्पर आठ सौ मीटर दूरी पर स्टेशन होते हैं।
रफ्तार 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा
इनकी रफ्तार 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। एक केबल कार सिस्टम से प्रति घंटा दो हजार लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। लैटिन अमेरिकी देश बोलीविया की राजधानी ला पाज में केबल कारें 65 हजार लोगों को प्रतिदिन एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाती हैं। यहां पर 16 किलोमीटर का केबल कार का नेटवर्क है।
प्रदूषण रहित और भूमि अधिग्रहण का झंझट नहीं
शहर के अंदर केबल कार जहां जाम से निजात दिलाएगी वहीं इसके लिए भूमि का झंझट नहीं है। बिजली से चलने के कारण नासूर बन चूका प्रदूषण भी इससे नहीं होगा। परिवहन मंत्री ने हाईवे के किनारे इसे चलाने के सहर्ष अनुमति देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि निर्माण करने वाली कंपनी इसको लगाने में होने वाला खर्च वहन करने को तैयार है।
सात गुनी सस्ती
एक किलोमीटर केबल कार के निर्माण में पचास करोड़ का खर्च होगा,जबकि मेट्रो में 350 करोड़ का खर्च होता है। अर्थात केबल कार का संचालन सात गुना सस्ता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस साधन के लिए भूमि अधिग्रहीत करने का झंझट नहीं है। गुवहाटी में ब्रह़मपुत्र नदी पर दो किलोमीटर लंबा केबल कार नेटवर्क पर कार्य तेजी से चल रहा है। इसमें एक बार में 30 यात्री बैठ सकते हैं। अप्रैल में इसका संचालन आरंभ हो जाएगा। स्विस कंपनी गारावंटा एजी इसके कमीशनिंग और तकनीकी सहयोग कर रही है। इसके केबिन स्विटजर लैंड में तैयार किए गए हैं,जबकि बाकी सामान मुंबई और दिल्ली की कंपनियों ने तैयार किया है।
प्रजेंटेशन देखने के लिए किया आमंत्रित
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हवा में चलने वाली केबल कार का जिक्र करते हुए कहा कहा कि विश्व में 27 प्रतिशत शेयर रखने वाली विदेशी फर्म से इस बारे में एमओयू हुआ है। कंपनी का प्रजेंटेशन देखने के लिए उन्होंने उप मुख्यमंत्री नितिन गडकरी और सांसद राजेंद्र अग्रवाल को आमंत्रित किया।
क्या है केबल कार
शहरों में केबल कार खंभों पर तार खींच कर दौड़ाई जाती हैं। बढ़ती आबादी और दिनों दिन कम होती जमीन के मद्देनजर विदेशों में केबल कारों चलन बढ़ता जा रहा है। पहले जहां इनका प्रयोग पर्यटन के मद्देनजर लोगों को लुभाने के लिए होता था वहीं अब व्यस्त ट्रैफिक वाले इलाकों में आवागमन के साधन के रूप में हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार केबल कारों में परस्पर आठ सौ मीटर दूरी पर स्टेशन होते हैं।
रफ्तार 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा
इनकी रफ्तार 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। एक केबल कार सिस्टम से प्रति घंटा दो हजार लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। लैटिन अमेरिकी देश बोलीविया की राजधानी ला पाज में केबल कारें 65 हजार लोगों को प्रतिदिन एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाती हैं। यहां पर 16 किलोमीटर का केबल कार का नेटवर्क है।
प्रदूषण रहित और भूमि अधिग्रहण का झंझट नहीं
शहर के अंदर केबल कार जहां जाम से निजात दिलाएगी वहीं इसके लिए भूमि का झंझट नहीं है। बिजली से चलने के कारण नासूर बन चूका प्रदूषण भी इससे नहीं होगा। परिवहन मंत्री ने हाईवे के किनारे इसे चलाने के सहर्ष अनुमति देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि निर्माण करने वाली कंपनी इसको लगाने में होने वाला खर्च वहन करने को तैयार है।
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