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नगर निगम की कार्यकारिणी में 557 करोड़ के बजट को मंजूरी

वित्तीय वर्ष 2019-20 में शहर के विकास को गति देने के लिए नगर निगम कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई। इसमें 557 करोड़ के मूल बजट को मंजूरी मिल गई। आय-व्यय के कई मदों पर सदस्यों की अधिकारियों से नोकझोंक भी हुई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 07:00 AM (IST)
नगर निगम की कार्यकारिणी में 557 करोड़ के बजट को मंजूरी
नगर निगम की कार्यकारिणी में 557 करोड़ के बजट को मंजूरी

मेरठ। वित्तीय वर्ष 2019-20 में शहर के विकास को गति देने के लिए नगर निगम कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई। इसमें 557 करोड़ के मूल बजट को मंजूरी मिल गई। आय-व्यय के कई मदों पर सदस्यों की अधिकारियों से नोकझोंक भी हुई।

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महापौर सुनीता वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 55712.43 लाख का मूल बजट पेश किया गया, वहीं इतना अनुमानित व्यय भी निर्धारित किया गया है। राजस्व लेखा के मद में 248 करोड़ की आय का लक्ष्य और 219 करोड़ व्यय रखा गया है। पूंजी लेखा के मद में 78 करोड़ की आय के सापेक्ष नगर निगम ने 118 करोड़ खर्च करने का लक्ष्य रखा है। इस मद से विकास कार्यो को देखते हुए आय से अधिक व्यय निधार्रित किया है। बैठक में खुली भूमि, स्टैंड शुल्क, जलकर, डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, ब्याज के मद में, नक्शा शुल्क, केंद्रीय योजनाओं से प्राप्त ब्याज, समेत कई मदों में आय-व्यय में संशोधन किया गया है। कार्यकारिणी से पास बजट को 11 मार्च को होने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। इसमें अपर नगर आयुक्त अमित कुमार सिंह, मुख्य लेखा एवं वित्त नियंत्रक संतोष कुमार शर्मा, कार्यकारिणी समिति उपाध्यक्ष इकरामुद्दीन समेत कार्यकारिणी के सभी सदस्य और नगर निगम के अधिकारी मौजूद रहे। नगर आयुक्त मनोज चौहान बैठक में मौजूद नहीं रहे।

35 करोड़ में होगा वार्ड वार कूड़ा निस्तारण

निगम प्रशासन ने पहली बार सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का मद बनाया है, जिसमें 35 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। सॉलिड मैनेजमेंट एक्ट 2016 के तहत शहर में वार्ड स्तर पर कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी। वार्ड में ही कंपोस्टिंग यूनिट स्थापित कर वैज्ञानिक विधि से कूड़ा निस्तारण किया जाएगा। वहीं, सफाई के अतिरिक्त अन्य आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन में 2000 रुपये तक की वृद्धि का निर्णय लिया गया है।

ये भी किए गए सुधार

-बजट में सभी विभागों में आउटसोर्स व अस्थायी कर्मचारियों पर संभावित व्यय को अलग-अलग कर दिया गया है।

-डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में प्रयुक्त गाड़ियों में ईधन पर व्यय भी अलग किया गया है। यूजर चार्ज भी आय का एक नया मद डाला गया है।

-बोर्ड फंड से नए कार्यो और अनुरक्षण में लगभग 7.5 करोड़ निर्माण में, तीन करोड़ जलकल, पेंशन पर 10 करोड़ की कटौती की गई है। पुनरीक्षित बजट पर एक घंटे नियमों में उलझी बैठक

भाजपा पार्षद ललित नागदेव ने बैठक शुरू होते ही पुनरीक्षित बजट और मूल बजट की बैठक एक दिन करने पर सवाल खड़े किए। पूछा कि क्या नियम है, जिसे लेकर कार्यकारिणी सदस्यों और महापौर, अधिकारियों में नोकझोंक हुई। विधिक सलाह भी ली गई। उपाध्यक्ष इक रामुद्दीन ने कहा कि शहर के विकास के लिए बैठक होनी चाहिए। आचार संहिता की बात भी रखी गई। इसके बाद दोपहर 12 बजे तय हुआ कि 27 फरवरी को पास हुए पुनरीक्षित बजट पर जो आपत्ति या चर्चा करनी हो कर ली जाए। इसके बाद मूल बजट पर चर्चा होगी। कुछ मिनट में ही पुनरीक्षित बजट 595 करोड़ के बजट को ही मंजूरी दे दी गई।

ये भी उठे मुद्दे

पार्षद कासिम ने कहा कि ठेकेदारों ने काम नहीं किया। मूल बजट का बड़ा हिस्सा खर्च हो गया। वार्डो की जनता पार्षद के कपड़े फाड़ने को तैयार है। पार्षद धर्मवीर सिंह ने कहा कि जो ठेकेदार काम नहीं कर रहे हैं, उनको काम नहीं दिया जाए। आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए चिकित्सक की नियुक्ति के मामले में पार्षद ने कहा कि पहले से नगर निगम की चार डिस्पेंसरी बंद पड़ी हैं। बिना डिग्री के डॉक्टरों को वेतन नगर निगम दे रहा है। इस मामले में जांच कराने की बात कही गई। इन्होंने कहा-

लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने की संभावना को देखते हुए शहर के विकास के लिए विशेष बोर्ड बैठक 11 मार्च को बुलाई है। सदन में कार्यकारिणी में मंजूर पुनरीक्षित बजट और मूल बजट को चर्चा के लिए रखा जाएगा।

सुनीता वर्मा, महापौर


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