नौकरी के बजाए शुरू किया कारोबार, अब दे रहे रोजगार
सपना तो हवाई जहाज उड़ाने का था। पायलट का कोर्स भी किया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्टार्ट-अप इंडिया उनके मन में इस कदर बस गया कि नौकरी के बजाए खुद का व्यवसाय शुरू करने की ठान ली। उनके इस फैसले से न केवल ग्रामीण क्षेत्र में एक फर्म खड़ी हो गई, बल्कि बेरोजगारों को रोजगार भी मिल गया।
मेरठ । सपना तो हवाई जहाज उड़ाने का था। पायलट का कोर्स भी किया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्टार्ट-अप इंडिया उनके मन में इस कदर बस गया कि नौकरी के बजाए खुद का व्यवसाय शुरू करने की ठान ली। उनके इस फैसले से न केवल ग्रामीण क्षेत्र में एक फर्म खड़ी हो गई, बल्कि बेरोजगारों को रोजगार भी मिल गया।
हम बात कर रहे हैं मेरठ के राधा गार्डन निवासी कैप्टन सर्वेश शर्मा की। उन्होंने करीब तीन माह पहले दो सहयोगियों अर्जुन और अमित के साथ परीक्षितगढ़ के बहादरपुर गांव में मेसर्स इंडियन एग नाम से फर्म शुरू की। करीब सवा तीन एकड़ क्षेत्र में फैली फर्म में 60 हजार मुर्गियों को पालने की व्यवस्था है। बेहतर उत्पादन के लिए जर्मनी की तकनीक अपनाई है।
नौकरी में नहीं लगा मन
उन्होंने बताया कि 2007-08 में अमेरिका के एपिक एविएशन फ्लोरिडा से कामर्शियल पायलट का कोर्स किया था। इसके बाद 2009 में इंडियन कामर्शियल पायलट लाइसेंस प्राप्त किया। इसी बीच मन में व्यवसाय की ललक जाग उठी। बिजनेस करने के उद्देश्य से 2012 में एमबीए किया। इसके बाद दो साल तक अलग-अलग व्यवसाय के बारे में जानकारी जुटाई। लेकिन लोन न मिलने की वजह से शुरू नहीं कर पा रहे थे। यह सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्टार्टअप अभियान से पूरा हुआ। कुक्कुट पालन योजना के तहत एग फार्म्स खोलने के लिए पशु पालन विभाग में संपर्क किया। उनकी मदद से सवा दो करोड़ लोन लेकर इंडियन एग फार्म्स नाम की फर्म खड़ी कर दी है। अपनी फर्म में बारह लोगों को अच्छे पैकेज पर रोजगार प्रदान किया है। कैप्टन सर्वेश शर्मा कहते हैं कि नौकरी आप अपने लिए करते हैं लेकिन व्यवसाय रोजगार प्रदान करता है। जो गरीबी उन्मूलन की दिशा में बेहतर कदम है। बताया कि उनके यहां मैनेजर से लेकर सुरक्षा गार्ड की नौकरी है। आने वाले दिनों में व्यवसाय को बढ़ाएंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर सकें।
-एमबीए, बीटेक पास युवा स्वरोजगार की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। कुक्कुट पालन सहित कई योजनाएं हैं जो इनको मुकाम दे रही हैं। यह बदलाव बीते तीन सालों में देखने को मिला है। इसे गरीबी उन्मूलन की दिशा में बड़ा कदम माना जा सकता है। क्योंकि रोजगार मिलेगा तो लोगों की आर्थिक स्थिति भी ठीक होगी।
एके सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पशु पालन विभाग।