बुलंदशहर हिंसा : सुरक्षा कवच की कमी के कारण जान गंवा रहे हैं पुलिसकर्मी
पुलिसकर्मी को गोली से बचाने के लिए आधुनिक हेलमेट, बड़े मिशन के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट, पत्थर से बचाने के लिए बॉडी प्रोटेक्टर, पत्थर व लाठी डंडों से बचाने के लिए केन शिल्ड मिलती है।
मेरठ, जेएनएन। बुलंदशहर में भीड़ के बीच बिना उचित सुरक्षा उपकरण के जाना जांबाज इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की बहादुरी पर भारी पड़ गया। बिना तैयारी के एनकाउंटर या किसी बवाल पर अंकुश लगाने की पुलिस की आदत उनकी जान की दुश्मन बन रही है। प्रदेश पुलिस के पास सुरक्षा उपकरण की कमी के कारण ही बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी जान गंवा रहे हैं।
कैराना के साबिर एनकाउंटर में बिना हेलमेट के सिपाही की मौत के बाद बुलंदशहर के स्याना थाने के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह काल के गाल में समा गए। कुछ साल के आंकड़े देखे तो दर्जनों पुलिसकर्मी सुरक्षा कवच के अभाव में मारे गए हैं। पुलिसकर्मी को पत्थर से बचाने के लिए हेलमेट, गोली से बचाने के लिए आधुनिक हेलमेट, बड़े मिशन के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट, पत्थर से बचाने के लिए बॉडी प्रोटेक्टर, पत्थर व लाठी डंडों से बचाने के लिए केन शिल्ड मिलती है। इसके बावजूद आलस्य के चलते पुलिस अधिकारी इन साधनों का प्रयोग नहीं करते।
डीजीपी के आदेश हवा में
डीजीपी ओपी सिंह ने प्रदेश की कमान संभालते ही सरकूलर जारी किया था कि जब भी कोई अधिकारी थाना या फिर पुलिस लाइन का निरीक्षण करने के लिए जाएगा तो वह सिपाही व और दारोगाओं से अपने सामने दंगा नियंत्रण का अभ्यास कराएंगे। अधिकारियों का निरीक्षण तो होता है, लेकिन दंगा नियंत्रण अभ्यास पर बात तक नहीं होती। केवल कागजों की खानापूर्ति कर दी जाती है।
अब सख्ती से लागू होगा नियम
एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने बताया कि यह सही बात हैं। अक्सर देखने में आता है कि पुलिस टीमें बिना बॉडी कवच के एनकाउंटर या फिर बवाल को नियंत्रण करने लगती है। अब इसे सख्ताई से लागू कराया जाएगा। जो लापरवाही बरतेगा। उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के दौरान दंगा नियंत्रण का अभ्यास समय-समय पर होता है।
पश्चिम में मुठभेड़ व बवाल में यह मारे जा चुके पुलिसकर्मी।
- मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर के एसओ बिजेंद्र सिंह यादव की हत्या।
- मुरादनगर गंग नहर पर सिपाही सलेकचंद की हत्या।
- मुजफ्फरनगर के खतौली के थाना प्रभारी ठाकुर उदयप्रताप सिंह की हत्या।
- बागपत के रटौल में सिपाही राजकुमार और महेंद्र प्रताप की हत्या।
- मुजफ्फरनगर के मीरापुर थाने में तैनात रहे सिपाही तुलाराम की हत्या।
- बुलंदशहर में एसओजी के सिपाही की हत्या।
- मुजफ्फरनगर के झिंझाना में एसओजी के सिपाही सचिन की हत्या।
- बिजनौर में दारोगा सहरोज की गर्दन काटकर हत्या।
- साहिबाबाद कोतवाल जियाउल हक की सहारनपुर में दबिश के दौरान हत्या।
- मुजफ्फरनगर के भौरा कला में दिल्ली पुलिस के सिपाही अंकुर की हत्या।
- शामली के कैराना के गांव जहानपुरा में सिपाही अंकित की गोली मारकर हत्या।
- मुजफ्फरनगर के चरथावल एसओ मुनिराज सिंह की हत्या।
- अब बुलंदशहर के स्याना कोतवाल सुबोध कुमार की गोली मारकर हत्या।