याकूब कुरैशी के टिकट के खिलाफ उतरे जिले के पुराने बसपाई
बसपा के मेरठ लोकसभा क्षेत्र प्रभारी बनाए गए याकूब कुरैशी का पार्टी के भीतर ही विरोध शुरू हो गया है। पुराने बसपाइयों ने बैठक कर याकूब को टिकट देने का विरोध किया।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 10:48 AM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 10:48 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। पुराने बसपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने सोमवार को बैजल भवन में प्रेस वार्ता की। उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती को पत्र भेजकर मांग की कि याकूब कुरैशी को मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से टिकट न दिया जाए।
अच्छी छवि का हो प्रत्याशी
इन लोगों ने कहा कि 2002 में बसपा से विधायक बनने के बाद 40 विधायक तोड़ने और बसपा सुप्रीमो को अपशब्द कहने का प्रकरण नहीं भूलना चाहिए। 2007 में बगावत की। लगातार कई चुनाव हारते रहे। उनकी कोई छवि नहीं है। दावा किया कि याकूब को प्रत्याशी के रूप में उतारने से अनुसूचित जातियों व मुस्लिमों के वोट कट जाएंगे। मांग की कि याकूब के बजाय ऐसे प्रत्याशी को उतारा जाए जिसकी छवि अच्छी हो।
ये नेता रहे मौजूद
प्रेस वार्ता करने वालों में बसपा के पूर्व जिला महासचिव डा. ओमप्रकाश जाटव, पूर्व जिला प्रभारी, ओमपाल खादर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष किठौर सुरेंद्र रछौती, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मेरठ कैंट, रतन पाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शहर लोकेश जाटव, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दक्षिण राजाराम भारती, गंगा प्रसाद, ओमपाल प्रधान, ईश्वर चंद मौर्या, रघुवीर सागर, दाताराम, महेंद्र सिंह, मेवालाल गौतम, नरेंद्र सिखैड़ा, डा. नेपाल सिंह, राजेंद्र सिंह खटीक आदि शामिल थे।
ये बसपाई नहीं कांग्रेसी हैं : बसपा जिलाध्यक्ष
बसपा जिलाध्यक्ष सुभाष प्रधान ने कहा कि जिन लोगों ने प्रेस कांफ्रेंस की है, वे बसपा में नहीं हैं। ये लोग अश्वनी जाटव के साथ बसपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे।
मायावती के जन्मदिन पर मिली थी जिम्मेदारी
बता दें कि 15 जनवरी को बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन पर हाजी याकूब कुरैशी को मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी घोषित किया गया था। बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी शमसुद्दीन राइन ने यह घोषणा की थी। इस अवसर पर पूर्व मंत्री याकूब ने अपने पुत्र इमरान कुरैशी के साथ शहर में रोड शो निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया था। इसके बाद से ही रह-रहकर उनके विरोध में पार्टी के भीतर से ही स्वर उठते रहे हैं।
अच्छी छवि का हो प्रत्याशी
इन लोगों ने कहा कि 2002 में बसपा से विधायक बनने के बाद 40 विधायक तोड़ने और बसपा सुप्रीमो को अपशब्द कहने का प्रकरण नहीं भूलना चाहिए। 2007 में बगावत की। लगातार कई चुनाव हारते रहे। उनकी कोई छवि नहीं है। दावा किया कि याकूब को प्रत्याशी के रूप में उतारने से अनुसूचित जातियों व मुस्लिमों के वोट कट जाएंगे। मांग की कि याकूब के बजाय ऐसे प्रत्याशी को उतारा जाए जिसकी छवि अच्छी हो।
ये नेता रहे मौजूद
प्रेस वार्ता करने वालों में बसपा के पूर्व जिला महासचिव डा. ओमप्रकाश जाटव, पूर्व जिला प्रभारी, ओमपाल खादर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष किठौर सुरेंद्र रछौती, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मेरठ कैंट, रतन पाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शहर लोकेश जाटव, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दक्षिण राजाराम भारती, गंगा प्रसाद, ओमपाल प्रधान, ईश्वर चंद मौर्या, रघुवीर सागर, दाताराम, महेंद्र सिंह, मेवालाल गौतम, नरेंद्र सिखैड़ा, डा. नेपाल सिंह, राजेंद्र सिंह खटीक आदि शामिल थे।
ये बसपाई नहीं कांग्रेसी हैं : बसपा जिलाध्यक्ष
बसपा जिलाध्यक्ष सुभाष प्रधान ने कहा कि जिन लोगों ने प्रेस कांफ्रेंस की है, वे बसपा में नहीं हैं। ये लोग अश्वनी जाटव के साथ बसपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे।
मायावती के जन्मदिन पर मिली थी जिम्मेदारी
बता दें कि 15 जनवरी को बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन पर हाजी याकूब कुरैशी को मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी घोषित किया गया था। बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी शमसुद्दीन राइन ने यह घोषणा की थी। इस अवसर पर पूर्व मंत्री याकूब ने अपने पुत्र इमरान कुरैशी के साथ शहर में रोड शो निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया था। इसके बाद से ही रह-रहकर उनके विरोध में पार्टी के भीतर से ही स्वर उठते रहे हैं।
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