ये कहीं छिप गया है.. बताने वाले को ईनाम मिलेगा
दो भाइयों के बीच का विवाद बन रहा चर्चा का विषय। अपहरण का आरोप लगा तो भाई ने ही अपने भाई की गुमशुदगी का पोस्टर चिपका दिया।
मेरठ। ये कहीं छिप गया है। पता बताने वाले को पांच हजार रुपये नकद मिलेंगे। ये शब्द चौंकाने वाले जरूर हैं, लेकिन लिसाड़ी गेट क्षेत्र में चिपके पोस्टरों पर यही लिखा है। पोस्टर लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल, एक व्यक्ति पर अपने भाई के अपहरण का मुकदमा लिखा गया। उसने मुकदमे को झूठा बताते हुए ये पोस्टर चिपका डाले। बहरहाल, दोनों पक्षों के आरोपों को लेकर पशोपेश में पड़ी लिसाड़ी गेट पुलिस मामले की जांच कर रही है।
लिसाड़ी गेट के एक मीनार वाली मस्जिद इस्लामाबाद निवासी सलीम पुत्र इस्तियाक की अपने भाई शकील निवासी गली नंबर-16 अहमदनगर से मुकदमेबाजी चल रही है। सलीम की पत्नी का आरोप है कि गत 28 अगस्त को सलीम अपने बहनोई साहबुद्दीन के साथ मुकदमे की तारीख पर कचहरी गया था। वहां, शकील ने हत्या व काट डालने की धमकी दी। आरोप है कि एक सितंबर को सलीम संदिग्ध हालात में लापता हो गया। सलीम की पत्नी ने शकील, उसके दो बेटों व पत्नी के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था।
सजा के डर से छिपा, इसलिए चिपकाए पोस्टर
अपहरण के आरोपित शकील का कहना है कि उसके भाई सलीम ने तीन साल पहले उसके परिवार पर गोली चलाई थी। गोली लगने से उसका बेटा नदीम घायल हो गया था। इस मामले में सलीम को सजा होने वाली है। एक अन्य मामले में उसे वारंट जारी होने वाले हैं। वह सजा से बचने और उसे झूठे मुकदमे में फंसाने के लिए कहीं छिप गया है। इसी संबंध में पोस्टर चिपकाए गए हैं।
सीओ कोतवाली दिनेश कुमार शुक्ला का कहना है कि एक पक्ष ने अपहरण का आरोप लगाया है तो दूसरे ने इसे झूठा बताया है। पोस्टर किसने और क्यों चिपकाए हैं, इसकी जांच की जा रही है।