ऊंची उड़ान भरना चाहता था उज्ज्वल, गरीबी ने काट दिए थे पंख
होटल हारमनी इन में फांसी लगाकर जान देने वाला उज्ज्वल दीवान अपने दम पर ऊंची उड़ान भरना चाहता था। मगर गरीबी ने उसके पंख काट दिए थे।
मेरठ, जेएनएन। होटल हारमनी इन में फांसी लगाकर जान देने वाला उज्ज्वल दीवान अपने दम पर ऊंची उड़ान भरना चाहता था। मगर, गरीबी ने उसके पंख काट दिए थे। 15 हजार रुपये की नौकरी पर खुद को असहाय महसूस करता था। उसने सुसाइड नोट में भी लिखा है कि मां और बहन के सपने पूरे नहीं कर पा रहा था। बहन को कह गया कि जो काम मैं नहीं कर पाया, तुम्हें करना होगा। अभी तक परिवार के लोगों को जानकारी मिली है कि उज्ज्वल पर सिर्फ आठ हजार रुपये का कर्ज था। रकम मांगने के लिए उसके मोबाइल पर रुकमणी नाम के व्यक्ति की काल भी आई थी।
हापुड़ के रेलवे रोड स्थित मोहल्ला श्रीनगर निवासी कमल दीवान के बेटे उज्ज्वल दीवान ने गढ़ रोड स्थित होटल हारमनी इन में बुधवार को फांसी लगाकर जान दे दी थी। उज्ज्वल दीवान हिदुस्तान लिवर लि. में एरिया सेल्स मैनेजर पद पर 15 हजार की नौकरी कर रहा था। उज्ज्वल के पिता कमल ने बताया कि उसके सपने बड़े थे। अपनी नौकरी से सभी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता था। इसलिए तनाव में भी रहने लगा था। अपनी बहन को अच्छी पढ़ाई कराने के लिए हमेशा सोचता रहता था। उसने अपने सुसाइड नोट में भी बहन पूर्वा दीवान से कहा कि वह स्ट्रांग होकर उसके और अपने सपनों को पूरा करेगी। पुलिस और परिवार भी उज्ज्वल की मौत का कोई दूसरा कारण ही मान रहे हैं। इंस्पेक्टर संजय वर्मा का कहना है कि पुलिस ने जीडी में उज्ज्वल की मौत का तस्करा डाल दिया है। अभी जांच में स्पष्ट हो चुका है कि उसने खुद ही फांसी लगाकर जान दी है। इसके बाद भी पुलिस खुद ही सभी तथ्यों की जानकारी जुटा रही है।
ब्रजघाट पर हुआ अंतिम संस्कार
गुरुवार को परिवार के लोग उज्ज्वल के शव को ब्रजघाट पर ले गए, जहां उसका अंतिम संस्कार कर सभी देर शाम घर लौट आए। कमल दीवान का कहना है कि इकलौते बेटे को खोने के बाद उनके पास अब कुछ नहीं बचा है। अब बेटी को ही बेटा मानकर जीवन यापन करेंगे।