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Actor Nawazuddin Siddiqui: खुरपी-फावड़े के साथ पूरे एक्शन में हैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी, जानिए कोरोना काल में कैसे बिता रहे समय

मुजफ्फरनगर में खेत में काली पैंट और आधी बांह वाली सफेद टी शर्ट पहने एक व्यक्ति को फावड़ा चलाते देख आप तब चौंक जाएंगे जब पता चलेगा कि वह दिग्गज कलाकार नवाजुद्दीन सिद्दीकी हैं।

By Prem BhattEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 03:00 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 03:00 PM (IST)
Actor Nawazuddin Siddiqui: खुरपी-फावड़े के साथ पूरे एक्शन में हैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी, जानिए कोरोना काल में कैसे बिता रहे समय
Actor Nawazuddin Siddiqui: खुरपी-फावड़े के साथ पूरे एक्शन में हैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी, जानिए कोरोना काल में कैसे बिता रहे समय

मुजफ्फरनगर, [दीपक राठी]। मुजफ्फरनगर जिले के बुढ़ाना में गन्ना और ज्वार के खेत में काली पैंट और आधी बांह वाली सफेद टी शर्ट पहने एक व्यक्ति को फावड़ा चलाते देख आप तब चौंक जाएंगे, जब पता चलेगा कि वह फिल्मों के दिग्गज कलाकार नवाजुद्दीन सिद्दीकी हैं। कोरोना काल में जब आम गतिविधियां बाधित हुईं, तब नवाजुद्दीन भी मुंबई से बुढ़ाना आ गए। मुजफ्फरनगर जिला मुख्यालय से 33 किलोमीटर दूर स्थित तहसील मुख्यालय बुढ़ाना में ही उनका पैतृक निवास है।

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खेती-बाड़ी का जिम्मा भी संभाला

घर में अपनों के बीच रमे नवाजुद्दीन ने इन दिनों खेती-बाड़ी का जिम्मा भी संभाल रखा है। सिर पर गमछे की पगड़ी बांध, हाथों में खुर्पी और फावड़ा लिए नंगे पैर खेत के टेल तक पानी पहुंचाने की कोशिश में जुटे नवाजुद्दीन को देख आंखों को जल्दी भरोसा नहीं होता। वह बताते हैं, बचपन से ही यह मेरा शौक हैं। हर बरस ईद पर अपने पैतृक घर आने पर मैं खेतों की ओर जरूर जाता हूं। कोशिश करता हूं कि मेरा अधिक समय खेत पर ही बीते। हां, थोड़ी गोपनीयता जरूर बरतता हूं ताकि लोग न जुट जाएं। अभी अक्टूबर तक यहीं रहने की योजना है, आगे की आगे देखेंगे। बहरहाल, इन दिनों नवाजुद्दीन अपने कई बीघे पैतृक खेत में खड़ी गन्ना व ज्वार की फसल की देखरेख कर रहे हैं। फसल को नलकूप से पानी देने की निगरानी करते हैं, पानी की कच्ची नाली कहीं टूट गई या जाम हो गई तो खुर्पी और फावड़े की मदद से उसे ठीक भी करते हैं, और हां, ट्रैक्टर भी तबीयत से चलाते हैं। बीते दिनों खेती-किसानी में रमे नवाजुद्दीन का एक वीडियो भी वायरल हुआ था।

जैविक खेती पर ही भरोसा

भई, मुझे तो जैविक खाद और जैविक खेती पर ही भरोसा है, नवाजुद्दीन हंसकर बताते हैं, हमने जैविक विधि से खेती करने की पूरी जानकारी हासिल की। यह पाया कि यह सर्वाधिक लाभकारी है। हमारे खेतों में जैविक खाद का ही इस्तेमाल होता है, क्योंकि रासायनिक खाद तो तरह-तरह की बीमारियों की जड़ है। जैविक खेती करने वाला हर किसान दरअसल अपनी फसल से सैकड़ों लोगों को बीमार होने से बचाता है। नवाजुद्दीन बताते हैं कि अपने बुढ़ाना कस्बे के कई किसानों को उन्होंने जैविक खेती के लिए प्रेरित किया और कर रहे हैं।

स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई

अभिनेता नवाजुद्दीन के किसान पिता नवाबुद्दीन की बुढ़ाना कस्बे में एक आरा मशीन भी थी। नवाजुद्दीन के छोटे भाई फैजुद्दीन भी खेती-बारी को लेकर खासे सजग रहते हैं। उन्होंने सफीपुर गांव के किसानों को पानी बचाने के लिए स्प्रिंकलर (फव्वारा) विधि से सिचाई करने के लिए प्रेरित किया। अब उनके खेतों में स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई करने के लिए सिस्टम लगाया जा रहा है।

घर में कर रहे व्यायाम देख रहे फिल्में

कोरोना काल में दिनचर्या बदल सी गई है। अभिनेता नवाजुद्दीन बताते हैं, सुबह पांच बजे उठकर कुछ देर टहलने के बाद एक घंटा हल्का-फुल्का योग-व्यायाम करते हैं। नाश्ते के साथ ही देश-दुनिया की खबरों से रूबरू होने का वक्त निर्धारित है। इसके बाद का अधिकांश समय देश-विदेश की फिल्में देखने में बीतता है। बीच में समय निकालकर कुछ किताबें भी पढ़ लेता हूं।


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