Corona Vaccine In Meerut: वैक्सीन लगने के 42 दिन बाद सुरक्षित होगा शरीर, जानें-डाक्टरों की राय
मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग का कहना है कि 70 फीसद आबादी में टीका लग गया तो वायरस की चेन रुक जाएगी। भारत में बनी दोनों वैक्सीन 75 से 90 फीसद तक कारगर हैं। कोई भी वैक्सीन सौ फीसद कारगर नहीं हो सकती।
मेरठ, जेएनएन। कोविड-19 की वैक्सीन जल्द ही हेल्थवर्करों को लगाई जाएगी। मेरठ में पहले चरण में 18 हजार लोगों को वैक्सीन लगेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि टीका लगने के कम से कम 42 दिन बाद शरीर में पर्याप्त एंटीबाडी बन पाएगी। ऐसे में मास्क, शारीरिक दूरी एवं हाथ धोने की आदत जारी रखना होगा। 28 दिन में दो डोज लगाई जाएगी, जिसके 14 दिन बाद एंटीबाडी जांच से पता किया जाएगा कि प्रतिरोधक क्षमता बनी या नहीं। इसी से हर्ड इम्युनिटी भी बनेगी। डाक्टरों का दावा है कि इससे संक्रमण की चेन ब्रेक हो जाएगी।
मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग का कहना है कि 70 फीसद आबादी में टीका लग गया तो वायरस की चेन रुक जाएगी। भारत में बनी दोनों वैक्सीन 75 से 90 फीसद तक कारगर हैं। कोई भी वैक्सीन सौ फीसद कारगर नहीं हो सकती। डा. गर्ग ने बताया कि इस वैक्सीन से ताउम्र की प्रतिरोधक क्षमता तो नहीं मिल पाएगी, कारण वायरस में लगातार बदलाव हो रहा है। जिन्हें कोरोना होकर ठीक हो गया, उनमें तीन से पांच, जबकि वैक्सीन लगवाने वालों में नौ माह से एक साल तक प्रतिरोधक क्षमता बन सकती है।
ऐसे में मरीजों को छह माह बाद अपना एंटीबाडी टाइटर की जांच कराना चाहिए। अगर उनमें पर्याप्त टाइटर है तो वैक्सीन की दोबारा जरूरत नहीं होगी। आइएमए अध्यक्ष डा. अनिल कपूर का कहना है कि मेरठ में करीब 40 फीसद हेल्थवर्कर वायरस के संपर्क में आ चुके हैं, ऐसे में उनमें एंटीबाडी की जांच की जानी चाहिए। मेडिकल कालेज के फिजिशियन डा. अरविंद का कहना है कि कोवैक्सीन एवं कोविशील्ड दोनों करीब 80 फीसद कारगर हैं। सिर्फ एक डोज लेना काफी नहीं होगा। पूरा कोर्स लेना ठीक होगा। वायरस अब तक 30 प्रकार के रूप बदल चुका है, ऐसे में वैक्सीन काम करेगी कि नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। ऐसे में बचाव एवं सतर्कता बरतना होगा।