भाकियू की किसान क्रांति यात्रा से दूभर हो सकता है हाईवे का सफर
भाकियू की किसान क्रांति यात्रा मंगलवार को मेरठ जोन में प्रवेश कर जाएगी। इससे हाईवे के सफर में दिक्कत आना तय है।
मेरठ (जेएनएन)। किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन की किसान क्रांति यात्रा रविवार को हरिद्वार से दिल्ली के लिए निकल पड़ी। मंगलवार को यात्रा मेरठ जोन में प्रवेश कर जाएगी। सैकड़ों वाहन व हजारों किसानों का जमघट हाईवे को जाम कर देगा। हाईवे के सफर में दिक्कत आना तय है। अधिकारियों ने सोमवार को पुलिस-प्रशासन की संयुक्त बैठक में रणनीति बनाने का दावा किया है। किसानों की रणनीति जानने को खुफिया विभाग पल-पल की खबर रख रहा है।
यह रहेगा यात्रा का पड़ाव
23 व 24 सितंबर को हरिद्वार में रात्रि पड़ाव के बाद मुजफ्फरनगर में 25 सितंबर को बरला इंटर कॉलेज, 26 सितंबर को कूकड़ा मंडी और 27 सितंबर को भैंसी गांव, खतौली में किसानों का रात्रि पड़ाव होगा। किसान मेरठ में 28 सितंबर को दौराला 29 सितंबर को परतापुर में रात्रि पड़ाव डालेंगे। मेरठ के बाद यात्र का पड़ाव 30 सितंबर को गाजियाबाद के मुरादनगर और एक अक्टूबर को हिंडन घाट पर है। दो अक्टूबर को नई दिल्ली के किसान घाट पर यात्र का समापन होगा। भाकियू मुखिया नरेश टिकैत के मुताबिक हरिद्वार में यात्रा शुरू होने पर करीब 15 किलोमीटर तक वाहनों व किसानों का रेला था। यात्रा में 700 से अधिक ट्रैक्टर-ट्राली और सैकड़ों अन्य वाहन हैं। इसके अलावा करीब 50 हजार किसान पैदल हैं।
एक पड़ाव के बाद रणनीति बनाने का दावा
किसानों की रणनीति अभी गोपनीय है। जिलों से शामिल होने वाले किसान यात्रा संग आगे बढ़ेंगे या रुक जाएंगे, अभी यह स्पष्ट नहीं है। रात्रि विश्रम के लिए जो शहर या कस्बे चिह्नित किए गए हैं, उनमें ठहराव की सटीक लोकेशन भी अभी पता नहीं है। अधिकारियों का दावा है कि रविवार को हरिद्वार पड़ाव के बाद किसानों की रणनीति पता चल जाएगी।
हाईवे किसी सूरत में बंद नहीं होगा
एसएसपी अखिलेश कुमार ने बताया कि किसान यात्रा के दौरान सुरक्षा व ट्रैफिक की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी। बारी-बारी से ट्रैफिक रोककर यात्र आगे बढ़ाई जाएगी। हाईवे किसी भी सूरत में बंद नहीं होगा। रात्रि पड़ाव भी हाईवे पर नहीं, बल्कि स्कूल-कॉलेज या खाली जगह में होगा।
हम माफी मांगते हैं, दूसरा रास्ता नहीं है : टिकैत
भाकियू मुखिया नरेश टिकैत का कहना है कि यात्र से लोगों को परेशानी होगी। कोई मरीज परेशान होगा तो किसी जरूरतमंद को दिक्कत सहनी पड़ेगी। इस परेशानी के लिए किसान लोगों से माफी मांगते हैं, लेकिन किसानों के पास कोई दूसरा चारा भी नहीं है। इस सबके लिए सरकार जिम्मेदार है। मांगें नहीं मानी गईं तो 2019 के चुनाव में किसान सरकार की जड़ें उखाड़कर रख देगा। सरकार किसानों की बात मान लेती तो यह नौबत न आती।
यात्रा निकालें, लेकिन मर्यादा में रहकर : सांसद
किसान क्रांति यात्र से जनता की परेशानी को लेकर जनप्रतिनिधि पल्ला झाड़ते नजर आए। सांसद राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि प्रशासन लोगों की चिंता करें और यात्र निकालने वाले भी। सरकार किसानों की तरफ पूरा ध्यान दे रही हैं। मांग करना, आंदोलन करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन उन्हें मर्यादा में रहना चाहिए।
राजनीति से प्रेरित है आंदोलन : तोमर
राज्यसभा सदस्य विजयपाल तोमर का कहना है कि वर्तमान सरकार ने अधिकांश फसलों के रेट बढ़ाए, बंद चीनी मिलें चलवाईं, किसानों के लिए तमाम मदों में बजट सुनिश्चित किया है। यह किसान यात्र नहीं, बल्कि राजनीति से प्रेरित आंदोलन है। अब 2019 के चुनाव में राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए यह सब किया जा रहा है।
50 हजार से अधिक वाहन दो दिन रहेंगे प्रभावित
हाईवे से गुजरने वाली किसान क्रांति यात्र पुलिस के लिए सिरदर्द बन सकती है। दिल्ली से मेरठ और मुजफ्फरनगर के बीच करीब पचास हजार से अधिक वाहनों का रोजाना आवागमन है। सिवाया टोल प्लाजा से करीब 22 हजार वाहन रोजाना गुजरते हैं। इनसे करीब 20 लाख का राजस्व प्राप्त होता है। इन वाहनों में सफर करने वाले लाखों लोग किसानों के रेले में बिलबिलाने के लिए मजबूर हो सकते हैं।
इन्होंने कहा
जोन में किसान यात्रा का रात्रि ठहराव मुजफ्फरनगर, मेरठ और गाजियाबाद में प्रस्तावित है। हाईवे पर ट्रैफिक सुचारू रखना प्राथमिकता है। लोगों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।
प्रशांत कुमार, एडीजी मेरठ जोन
किसान क्रांति यात्रा के मद्देनजर प्रशासन भी तैयारियों में जुटा है। 28 व 29 सितंबर को मेरठ में यात्र का पड़ाव रहेगा। जल्दी ही पूरी रूपरेखा तैयार की जाएगी। हाईवे बंद करने के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
अनिल ढींगरा, डीएम मेरठ
यात्रा की जानकारी है। अभी तक प्रशासन से ऐसा कोई आदेश भी नहीं मिला है, जिससे यह तय किया जा सके कि यात्रा कैसे निकलेगी। 24 घंटे में 22 हजार वाहन टोल से गुजरते हैं।
श्रीधर नारायण, जीएम-वेस्टर्न यूपी टोल-वे लिमिटेड, सिवाया