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भरपूर तवज्जो के बावजूद बैकफुट पर रहेगा मेरठ

विधानसभा चुनावों से पहले संगठन में फेरबदल करते हुए भाजपा ने नई क्षेत्रीय टीम उतार दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 04:00 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 04:00 AM (IST)
भरपूर तवज्जो के बावजूद बैकफुट पर रहेगा मेरठ
भरपूर तवज्जो के बावजूद बैकफुट पर रहेगा मेरठ

मेरठ, जेएनएन। विधानसभा चुनावों से पहले संगठन में फेरबदल के बीच भाजपा ने नई क्षेत्रीय टीम उतार दी है। 31 सदस्यीय टीम में मेरठ के आठ चेहरे शामिल हैं। चुनावी गणित देखते हुए पार्टी ने मेरठ को पश्चिम यूपी की राजनीतिक राजधानी बनाया है। इसकी झलक नई टीम में नजर आई। हालाकि महामंत्री पद पर पिछली बार की तरह इस बार भी मेरठ को मौका नहीं मिला। कई नए चेहरों को स्थान मिला है। महानगर इकाई को खास अहमियत नहीं मिली,जबकि जिला इकाई के पास छह पद गए हैं।

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पिछली क्षेत्रीय टीम में भी मेरठ को बड़ी तवज्जो मिली थी। अध्यक्ष अश्वनी त्यागी थे, जबकि उपाध्यक्ष पद पर विमल शर्मा, संजीव सिक्का और अरुण वशिष्ठ को मौका मिला। भूपेंद्र सिंह की टीम में उपाध्यक्ष रहे जितेंद्र वर्मा को क्षेत्रीय सदस्य बनाया गया था। कोषाध्यक्ष बिजेंद्र अग्रवाल बनाए गए थे। इस बार उपाध्यक्ष पद पर अकेले हरेंद्र काकरान चुने गए हैं। इनके लिए संघ ने राह आसान की। जिला महामंत्री इंद्रपाल बजरंगी को प्रजापति समाज को साधने के लिए क्षेत्रीय मंत्री बनाया गया। हालाकि इसके बाद जिला इकाई का अहम पद खाली होगा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की पृष्ठभूमि से निकले युवा नेता अंकुर राणा को सुनील बंसल की नजदीकियों का फायदा मिला, और जाट समीकरण साधते हुए क्षेत्रीय मंत्री बनाए गए हैं। संयुक्त व्यापार संघ में प्रभावशाली राजनीतिक पारी खेलने के बाद क्षेत्रीय इकाई में पिछली बार कोषाध्यक्ष बनाए गए बिजेंद्र अग्रवाल को आयोग का चेयरमैन बनाने की चर्चा थी, लेकिन उन्हें दोबारा कोषाध्यक्ष बनाया गया है। हवा का रुख परखते हुए सधे कदमों से आगे बढ़ने वाले गजेंद्र शर्मा दोबारा मीडिया प्रभारी बनाए गए हैं।

हाशिए पर रह गए दिग्गज

पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं वर्तमान प्रदेश महामंत्री के नजदीकी नरेश गुर्जर को महज सदस्य पद से संतोष करना पड़ा। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। वह जिलाध्यक्ष की रेस में थे। जिला इकाई में अहम ओहदों पर लंबी पारी खेलने वाले जमीनी नेता हरवीर पाल को कुछ दिग्गजों की नाराजगी भारी पड़ी थी। उन्हें जिलाध्यक्ष नहीं बनाया गया। इस बार भी उन्हें सिर्फ सदस्य बनाया गया। उनके कई जूनियर बड़े पदों पर गए हैं। पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष व कैबिनेट भूपेंद्र सिंह के नजदीकी माने जाने वाले जितेंद्र वर्मा का नाम महामंत्री और बाद में उपाध्यक्ष की रेस में था। उनके नाम पर दिग्गजों ने अड़ंगा लगा दिया। जिला पंचायत सदस्य व प्रदेश महिला मोर्चा में मंत्री मीनाक्षी भराला का नाम क्षेत्रीय टीम में चर्चा में था, लेकिन बिजनौर की सुमन त्यागी व हापुड़ की कविता को मौका मिला।


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