सादगी से मना भगवान ऋषभदेव का जन्मकल्याणक
थापर नगर स्थित नवनिर्मित जैन मंदिर के पंचकल्याणक के तीसरे दिन तीर्थकर भगवान ऋषभदेदव के जन्मोत्सव पर शोभायात्रा निकाली गई।
मेरठ,जेएनएन। थापर नगर स्थित नवनिर्मित जैन मंदिर के पंचकल्याणक के तीसरे दिन तीर्थकर भगवान ऋषभदेव के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में सांकेतिक शोभायात्रा अयोध्यापुरी (भैंसाली मैदान) से निकाली गई।
यात्रा सौधर्म इंद्र व शचि इंद्राणी बालक आदिकुमार को ऐरावत हाथी पर लेकर व धनपति कुबेर, धनश्री तथा अन्य इंद्र इंद्राणी के साथ पुलिस स्ट्रीट सदर सराफा आबूलेन होती हुई सुमेरू पर्वत पर पहुंची। यहां पर बालक आदिकुमार का सौधर्म इंद्र व अन्य इंद्रों ने 108 कलशों से अभिषेक किया। सौधर्म इंद्र व शचि इंद्राणी ने बालक आदिकुमार को राजा नाभिराय व माता मरू देवी को सौंप दिया। भगवान ऋषभदेव के दाएं पैर के अंगूठे पर निशान देखकर भगवान का चिह्न बैल निर्धारित हुआ। रात्रि में राजा नाभिराय के महल में इंद्र व इंद्राणियों ने आकर बाल भगवान को पालना झुलाया। आचार्य वसुनंदी महाराज व समस्त मुनि संघ ने जन्मकल्याणक की सभी धार्मिक क्रियाएं संपन्न कराईं। दिनेश चंद जैन, अंकुर जैन, संजय जैन, धन जैन, रिशु जैन, सुनील जैन सर्राफ का विशेष सहयोग रहा।
मां दुर्गा की आराधना कर नवरात्र का किया समापन : मां दुर्गा के भक्तों ने आठ दिन से चल रहे नवरात्र का बुधवार को विशेष पूजा-अर्चना के साथ समापन किया। नवरात्र पर पर कहीं कन्याओं को भोजन कराया गया तो कहीं कन्या नहीं मिलने पर उनके बजाय गायों को खाना देकर भक्तों ने व्रत खोला।
नवरात्र का बुधवार को रामनवमी के दिन विधिवत समापन हो गया। आठ दिन व्रत रखने के बाद भक्तों ने मां दुर्गा की आराधना के साथ विधिवत रूप से अनुष्ठान का समापन किया। इस अवसर पर परिवार में सुख समृद्धि के लिये कामना की। कोरोना महामारी की लहर के चलते इस बार जिमाने के लिये कन्याओं का अभाव दिखा। कहीं आसपड़ोस से बुलवाकर कन्याओं को भोजन कराकर व्रत खोला गया। अधिकांश लोगों ने कन्याओं की जगह गायों को खाना दिया। इसी के साथ आठ दिन से चल रहे नवरात्र का मां दुर्गा के भक्तों ने विधिवत समापन किया।
मवाना के अलावा कस्बा फलावदा, बहसूमा, हस्तिनापुर व परीक्षितगढ़ व आसपास गांवों में भी मां दुर्गा के भक्तों ने नवरात्र की नवमी का पूजा-अर्चना के साथ विधिवत समापन किया।