ट्रैक पर टला बड़ा रेल हादसा
मेरठ : सिटी स्टेशन और परतापुर के बीच एक बार फिर बड़ा रेल हादसा टल गया। मार्च से अब तक ट्र
मेरठ : सिटी स्टेशन और परतापुर के बीच एक बार फिर बड़ा रेल हादसा टल गया। मार्च से अब तक ट्रैक से छेड़छाड़ की यह तीसरी हरकत है। सोमवार सुबह परतापुर के कुंडा रेलवे फाटक के पास स्थित ट्रैक से जोगल फिश प्लेट निकाल रहे दो सगे भाइयों पिंटू और मुकेश निवासी चौहानपुरी, नई बस्ती और फिश प्लेट खरीदने वाले कबाड़ी दिलशाद को आरपीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। तीनों के खिलाफ '3 रेलवे संपत्ति अवैध कब्जा अधिनियम' एक्ट और 'रेलवे एक्ट 153' के तहत मामला दर्ज किया है। सिटी स्टेशन स्थित आरपीएफ की पूछताछ में पता चला कि एक जोगल फिश प्लेट को उन्होंने पहले ही निकाल लिया है। यह प्लेट उन्होंने दिल्ली रोड स्थित रामलीला मैदान के पास स्थित कबाड़ी को 400 रुपये में बेची है। आरपीएफ ने कबाड़ी के यहां दबिश डालकर फिश प्लेट बरामद की और उसे भी गिरफ्तार कर लिया। क्या है जोगल फिश प्लेट
वैल्ड से पटरियों को आपस में जोड़ा जाता है। कमजोर वैल्ड के ऊपर बोल्ट की सहायता से जोगल फिश प्लेट को लगा दिया जाता है। रेलवे इंजीनियरों के अनुसार इसका वजन 60 किलोग्राम तक होता है। सुरक्षा के लिहाज से यह बेशकीमती है, लेकिन कबाड़ी के यहां 200 से 400 रुपये ही मिल पाते हैं।
इस रूट पर हो रही हरकत
पिछले छह महीनों में नया गाजियाबाद से सकौती टांडा तक के क्षेत्र में कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। इसी साल सात मार्च को पावीलखास के पास ट्रैक पर शरारती तत्वों ने लोहे का गेट गिरा दिया था। ट्रेन आती देख आरोपी भाग खड़े हुए। आरोपितों को आरपीएफ ने पकड़ लिया था। आठ जुलाई को भी परतापुर के पुट्ठा रेलवे फाटक के पास 17 फीट लंबा ग्रिर्डर रेलवे ट्रैक पर रख दिया था। इससे नंदा देवी के लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया और सैंकड़ों लोगों की जान बच गई। इस प्रकरण में अभी तक कोई पकड़ में नहीं आया है। स्थानीय पुलिस जांच में जुटी है।
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गश्त के दौरान दोनों सगे भाइयों को पकड़ा गया है। एक जोगल फिश प्लेट वह पहले ही निकालकर बेच चुके हैं। रेलवे मजिस्ट्रेट ने खरीदार समेत तीनों को जेल भेज दिया है।
जितेंद्र कुमार, आरपीएफ थाना प्रभारी