मेरठ में बाजार और सरकारी कार्यालय बंद कराने की तैयारी में भारतीय किसान यूनियन, जानिए क्या है पूरा मामला
संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का एलान किया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता और कार्यकर्ता इसकी सफलता के लिए जनसंपर्क कर रहे हैं। भाकियू नेताओं का दावा है कि इस बार मेरठ जिले में प्रमुख राजमार्गों बाजारों व सरकारी कार्यालयों को भी बंद कराया जाएगा।
मेरठ, जागरण संवाददाता। कृषि कानूनों के विरोध में 27 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा भारत बंद की तैयारी में जुट गया है। मेरठ जिले में किसान बाजार बंद करने के साथ सरकारी दफ्तरों व मुख्य राजमार्गों पर चक्का जाम करने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के पूर्व जिलाध्यक्ष का कहना है कि बुधवार को भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष से वार्ता कर निर्णय लिया जाएगा।
सरकारी दफ्तर भी बंद कराएंगे किसान : त्यागी
भाकियू के पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने बताया कि 27 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद का ऐलान किया था। यह घोषणा पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर की महापंचायत में की गई थी। उन्होंने बताया कि इस बार मेरठ जिले में प्रमुख राजमार्गों के साथ-साथ बाजारों व सरकारी कार्यालयों को भी बंद कराया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि इस पर अंतिम निर्णय होना बाकी है। प्रदेशाध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन से वार्ता कर बंदी के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
बंद के लिए भाकियू ने जनसंपर्क किया तेज
मवाना में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 27 सितंबर को तीनों कृषि कानून, बिजली की बढ़ी दरों व नई शिक्षा नीति के विरोध में भारत बंद के ऐलान के बाद भाकियू ने गांव में जनसंपर्क तेज कर दिया। बुधवार को भी कई गांवों में जनसंपर्क करने के लिए टीमें गठित की हैं। उक्त जानकारी देते हुए भाकियू के पूर्व मेरठ मंडल प्रभारी एवं मुबारिक पुर निवासी नरेश चौधरी ने बताया कि उक्त मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आगामी 27 सितंबर को भारत बंद को पूर्ण रूप से सफल बनाया जायेगा। इस दिन सुबह 11 बजे मवाना खुर्द में भाकियू कार्यकर्ता व किसान पुलिस चौकी के पास धरना देकर हाईवे जाम किया जायेगा। इसको लेकर गांवों में किसानों व कार्यकर्ताओं से संपर्क किया जा रहा है। कई टीमें जनसंपर्क के लिए गठित कर विभिन्न गांव में जा रही हैं।