Bulandshahar violence: गोकशी के आरोपितों को भाकियू में शामिल करने की चर्चाओं ने मचाई हलचल
Bulandshahr violence गोकशी के आरोपित महबूब और अरविंद शर्मा हैं जिन्हें भारतीय किसान यूनियन में शामिल करने की चर्चाएं चल रही हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन।स्याना हिंसा के लिए जिम्मेदार गोकशी के दो आरोपितों को भारतीय किसान यूनियन में शामिल करने की चर्चाओं ने जिले में हलचल मचा दी है। दोनों को संगठन की सदस्यता ग्रहण कराने संबंधित फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। जबकि भाकियू के ही अन्य पदाधिकारियों ने दोनों को सदस्य बनाए जाने का विरोध करते हुए मोर्चा खेल दिया है। अब मामला बढ़ता देख संगठन के पदाधिकारियों ने जानकारी से इंकार करते हुए दोनों को संगठन से बाहर निकालने की बात कही है।
यह थी हिंसा
साल 2018 में तीन दिसंबर को स्याना कोतवाली क्षेत्र के जंगलों में गोवंश के अवशेष थे। जिसके बाद चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास हिंसा भड़क गई थी। हिंसा ने तत्कालीन स्याना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार शहीद हो गए थे, जबकि गांव चिंगरावठी निवासी सुमित की भी मौत हो गई थी। मामले बजरंग दल के द्वारा गाेकशी के लिए जिम्मेदार कई लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जिसमें स्याना निवासी महबूब खां और अरविंद शर्मा को भी आरोपित बनाया गया। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया और महबूब पर रासुका की कार्रवाई भी की गई। वर्तमान में दोनों आरोपित जेल से जमानत पर बाहर हैं। उधर, मंगलवार को दोनों आरोपितों के फोटो भाकियू पदाधिकारियों के साथ वायरल होने से संगठन में हलचल मच गई। चर्चा चली कि महबूब अौर अरविंद को भाकियू की सदस्यता ग्रहण कराई गई है। मामले को लेकर ठाकुर समाज के लोगों ने क्षेत्र के गांव भर्रा पंचायत भी की और विरोध जताया। हालांकि शाम के समय भाकियू के पदाधिकारियों ने मामले से किनारा करते हुए जानकारी से इंकार कर दिया।
इन्होंने बताया
भाकियू के स्याना तहसील अध्यक्ष और नगर अध्यक्ष द्वारा कुछ लोगों को सदस्यता दी गई है। उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि सदस्यता ग्रहण करने वाले लोग गोकशी के आरोपित हैं। भाकियू में किसी अपराधी के लिए जगह नहीं है। ऐसे लोगों को यदि संगठन में शामिल किया गया है तो बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
- गुड्डू प्रधान, जिलाध्यक्ष भाकियू
बाबा टिकैत की भाकियू एक पवित्र संगठन है, जिसमें किसी अपराधी की कोई जगह नहीं है। संगठन के आलाकमान के सामने मामले को रखा जाएगा और अपराधियों को शरण देने की मंशा रखने वाले पदाधिकारियों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
- मांगेराम त्यागी, एनसीआर महासचिव, भाकियू