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CBSE पैटर्न या रजिस्टर्ड लिखने वाले स्कूलों से रहे सावधान, 'संकट' में आ सकता है छात्रों का भविष्य

बहुत से ऐसे स्कूल हैं जिनके नाम के नीचे टू बि एफिलिएटेड विद सीबीएसई सीबीएसई पैटर्न लाइकली टू बि एफिलिएटेड विद सीबीएसई रनिंग अंडर द एजिस आफ सीबीएसई सीबीएसई कोर्स या करिकुलम सीबीएसई रजिस्टर्ड आदि लिखा होता है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Fri, 13 Aug 2021 02:29 PM (IST)Updated: Fri, 13 Aug 2021 02:29 PM (IST)
CBSE पैटर्न या रजिस्टर्ड लिखने वाले स्कूलों से रहे सावधान, 'संकट' में आ सकता है छात्रों का भविष्य
सीबीएसई पैटर्न व रजिस्‍टर्ड लिखने वाले स्‍कूलों से रहें सतर्क।

जागरण संवाददाता, मेरठ। बहुत से ऐसे स्कूल हैं जिनके नाम के नीचे, टू बि एफिलिएटेड विद सीबीएसई, सीबीएसई पैटर्न, लाइकली टू बि एफिलिएटेड विद सीबीएसई, रनिंग अंडर द एजिस आफ सीबीएसई, सीबीएसई कोर्स या करिकुलम, सीबीएसई रजिस्टर्ड आदि लिखा होता है। सीबीएसई ने अभिभावकों को ऐसे सभी स्कूलों से सावधान किया है। स्कूल के नाम के साथ स्कूल ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर अभिभावकों को आकर्षित करते हैं जबकि उन स्कूलों को सीबीएसई की मान्यता मिली ही नहीं होती है।

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मान्यता देखें, तब कराएं दाखिला

अभिभावकों की सहुलियत के लिए सीबीएसई ने मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी के अनुसार अभिभावकों को यदि स्कूल के नाम के साथ ऐसे शब्द दिखे अथवा किसी भी तरह का संदेह होने पर सीबीएसई की वेबसाइट पर स्कूल की मान्यता की स्थिति देख सकते हैं। अभिभावक सीबीएसई के इस पर स्कूल के एफिलिएशन की जांच कर सकते हैं। इस लिंक पर क्लिक करने पर नया पेज खुलेगा। उसमें पारस सेक्शन में जाने पर कीवर्ड, एफिलिएशन नंबर, स्टेट, रीजन, स्कूल का नाम आदि के जरिए स्कूलों की सूची देख सकते हैं।

आवेदन रद भी करती है सीबीएसई

सीबीएसई मानकों पर खरा उतरने के बाद ही मान्यता प्रदान करती है। मानक के अनुरूप स्कूल न होने से मान्यता के आवेदन रद भी कर दिए जाते हैं। सीबीएसई वेबसाइट पर मौजूद एप्लीकेशन डाटा के अनुसार वर्तमान में 5,939 आवेदन हुए हैं। इनमें से 2,355 को मान्यता दी जा चुकी है जबकि 804 आवेदन रद भी किए जा चुके हैं। जिनके आवेदन रद हो जाते हैं वह भी सीबीएसई का नाम व लोगो स्कूल के नाम के साथ इस्तेमाल करते रहते हैं।

नौवीं से मिलती है मान्यता

सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर सुधांशु शेखर के अनुसार सीबीएसई स्कूलों को कक्षा नौवीं से मान्यता प्रदान करती है। तब एफिलिएशन नंबर भी जारी होते हैं। आठवीं तक स्कूलों को प्रदेश सरकार से एनओसी लेनी होती है जो बेसिक शिक्षा विभाग से मिलती है। सीबीएसई मान्यता की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति बनाती है और उनकी रिपोर्ट पर मान्यता मिलती या रद होती है। मान्यता मिलने से पहले कोई भी स्कूल स्कूल का लोगो व नाम स्कूल के नाम के साथ इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। 


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