सर्वेश्रेष्ठ प्रदर्शन भी नहीं दिला पाया सोना-चांदी
विदेशी धरती पर सीमा पूनिया ने कायम किया 62.26 मीटर रिकार्ड। 35 की उम्र के पड़ाव पर भी किया प्रदर्शन में सुधार।
मेरठ (संतोष शुक्ल)। उम्र को मात देते हुए सीमा पूनिया ने छह साल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। हालांकि इसके बावजूद एशियन गेम्स में वह सोना-चांदी से चूक गई। 62.26 मीटर का रिकार्ड छूने पर भी उसे कांस्य से ही संतोष करना पड़ा। हालांकि उन्होंने ओलंपिक में पदक हासिल कर रिटायर होने की तमन्ना जाहिर की है। 2014 इंचियोन एशियाड में सिर्फ 61.03 मीटर पर ही सीमा ने स्वर्ण जीता था।
तीन ओलंपिक व चार कामनवेल्थ
35 साल की सीमा का एशियाड में यह दूसरा पदक है। 2014 में इंचियोन एशियाड में उन्होंने आसानी से सोना जीत लिया था। इस बार मुकाबला कड़ा रहा। चीनी एथलीटों की तैयारी बेहतर थी। दोनों लगातार 65 मीटर से ज्यादा थ्रो लगा रही थीं। मेरठ की सीमा पूनिया ने भी ओलंपिक पोडियम के तहत विदेशों में ट्रेनिंग ली। अपने बेहतरीन एवं नियमित प्रदर्शन के बल पर वह 2008, 2012 एवं 2016 ओलंपिक खेल चुकी हैं। 2006, 2010, 2014 व 2018 के कामनवेल्थ खेलों में तमाम धुरंधरों को पछाड़कर सीमा पदक जीत चुकी हैं। 2010 दिल्ली कामनवेल्थ के बाद सीमा की फिटनेस खराब हुई। तमाम खेल पंडितों ने करियर खत्म होने की आशंका जाहिर कर दी थी, लेकिन 2012 ओलंपिक के फाइनल तक का सफर तय कर लिया। 2014 एशियाड एवं कामनवेल्थ में पदक जीतने के बाद फिर सीमा ट्रैक से दूर हो गई। 2018 गोल्डपोस्ट कामनवेल्थ में फिर से रजत पदक जीतकर आलोचकों का मुंह बंद कर दिया।
2020 ओलंपिक पर नजर
एथलीट की नजर 2020 ओलंपिक पर टिकी है। वह कहती हैं कि उम्र से कोई फर्क नहीं पड़ता। किंतु अब थ्रो करने से ज्यादा फिटनेस पर फोकस कर रही हैं। किसी भी स्पर्धा में उनका थ्रो 61.9 मीटर से ज्यादा नहीं गया। जकार्ता में उन्होंने अपना अब तक का शानदार प्रदर्शन किया।