होली पर अपनी सेहत बचाएं, मिलावटखोरों से रहें सावधान
होली के त्योहार में बाजार में मांग बढ़ने के साथ ही मिलावट खोरों को अच्छा बाजार मिल जाता है। ऐसे में यह मिलावट घर पर बनाने वाली सामग्री को भी दूषित कर देती है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 03:44 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 03:44 PM (IST)
मेरठ,जेएनएन। त्योहार लोगों के जीवन में खुशियां लेकर आते हैं। ऐसे मौके पर तरह-तरह के पारंपरिक खान-पान की बहार रहती है। लोग जितना अपने घर में बनाते हैं, उतना ही बाजार से भी खरीदारी होती है। बाजार में मांग बढ़ने के साथ ही मिलावट खोरों को अच्छा बाजार मिल जाता है। ऐसे में यह मिलावट बाजार के साथ ही घर पर बनाने वाली सामग्री को भी दूषित कर देती है।
बढ़ जाती है मांग
विशेष तौर पर मिठाई बनाने के लिए दूध व दूध से बने उत्पादों की मांग अधिक होती है तो मिलावट भी इसी में अधिक होती है। बाजार से सामान खरीदते समय थोड़ी जागरूकता और थोड़ी सावधानी से स्वयं को बचा सकते हैं। अपनों की सेहत के लिए गृहणियां फूड इंस्पेक्टर का किरदार निभाते हुए अपनी रसोई में ही मिलावट की जांच कर सकती हैं।
इस तरह करें जांच
लोगों को जागरूक करने और समय-समय पर खाद्य पदार्थो में मिलावट की जांच करने वाले जिला विज्ञान क्लब के जिला समन्वयक दीपक शर्मा के अनुसार बाजार में सामान्य तरीके से जांच करने के लिए दूध को हाथ पर रखकर रगड़ने से अगर चिकनाई आए तो समझें दूध मिलावटी है। काली चिकनी टाइल पर दूध की लंबी धार डालने पर सफेदी रहे तो समझें दूध शुद्ध है। मिलावट रहने पर सफेद धार नहीं रह जाती है। मावा की जांच के लिए आम दवा की दुकान में आयोडीन टिंचर की छोटी सीसी मिलती है। मावा पर दो-तीन बूंद डालने से 25-30 सेकेंड में अगर रंग नीला पड़ जाए तो समझें मिलावटी है। शुद्ध होगा तो रंग नहीं बदलेगा। इसी तरह पनीर की जांच भी कर सकते हैं।
थामे नहीं थम रही मिलावटखोरी
त्योहारों के आसपास मिलावटखोरी को लेकर भले ही तेजी से छापामारी हुई,लेकिन तब तक बाजार में प्रदूषित खाद्य सामग्री पहुंच चुकी थी। राजकीय जनविश्लेषक प्रयोगशाला लखनऊ ने मेरठ में हुई सेंपलिंग की रिपोर्ट जारी की तो अधिकारियों के होश उड़ गए। 45 में से 22 सेंपल मानकों पर फेल पाए गए। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अर्चना धीरान ने बताया कि 22 फेल सेंपलों में पांच में खतरनाक रसायन की मिलावट की गई थी। 13 अधोमानक मिले,जबकि चार मिमब्रांडे पाए गए। विभागीय अधिकारियों की मानें तो मिठाइयों, सरसों के तेल, घी एवं सॉस जैसे उत्पादों में कई कैंसरकारक रसायन मिलाए जा रहे हैं। इधर, होली से एक पखवाड़े पहले छापेमारी तेज की गई। कई प्रतिष्ठित ब्रांडों और मिठाई की दुकानों में भी मिलावटखोरी पाई गई। खाद्य उत्पाद बनाने की प्रक्रिया भी प्रदूषित मिल चुकी है।
बढ़ जाती है मांग
विशेष तौर पर मिठाई बनाने के लिए दूध व दूध से बने उत्पादों की मांग अधिक होती है तो मिलावट भी इसी में अधिक होती है। बाजार से सामान खरीदते समय थोड़ी जागरूकता और थोड़ी सावधानी से स्वयं को बचा सकते हैं। अपनों की सेहत के लिए गृहणियां फूड इंस्पेक्टर का किरदार निभाते हुए अपनी रसोई में ही मिलावट की जांच कर सकती हैं।
इस तरह करें जांच
लोगों को जागरूक करने और समय-समय पर खाद्य पदार्थो में मिलावट की जांच करने वाले जिला विज्ञान क्लब के जिला समन्वयक दीपक शर्मा के अनुसार बाजार में सामान्य तरीके से जांच करने के लिए दूध को हाथ पर रखकर रगड़ने से अगर चिकनाई आए तो समझें दूध मिलावटी है। काली चिकनी टाइल पर दूध की लंबी धार डालने पर सफेदी रहे तो समझें दूध शुद्ध है। मिलावट रहने पर सफेद धार नहीं रह जाती है। मावा की जांच के लिए आम दवा की दुकान में आयोडीन टिंचर की छोटी सीसी मिलती है। मावा पर दो-तीन बूंद डालने से 25-30 सेकेंड में अगर रंग नीला पड़ जाए तो समझें मिलावटी है। शुद्ध होगा तो रंग नहीं बदलेगा। इसी तरह पनीर की जांच भी कर सकते हैं।
थामे नहीं थम रही मिलावटखोरी
त्योहारों के आसपास मिलावटखोरी को लेकर भले ही तेजी से छापामारी हुई,लेकिन तब तक बाजार में प्रदूषित खाद्य सामग्री पहुंच चुकी थी। राजकीय जनविश्लेषक प्रयोगशाला लखनऊ ने मेरठ में हुई सेंपलिंग की रिपोर्ट जारी की तो अधिकारियों के होश उड़ गए। 45 में से 22 सेंपल मानकों पर फेल पाए गए। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अर्चना धीरान ने बताया कि 22 फेल सेंपलों में पांच में खतरनाक रसायन की मिलावट की गई थी। 13 अधोमानक मिले,जबकि चार मिमब्रांडे पाए गए। विभागीय अधिकारियों की मानें तो मिठाइयों, सरसों के तेल, घी एवं सॉस जैसे उत्पादों में कई कैंसरकारक रसायन मिलाए जा रहे हैं। इधर, होली से एक पखवाड़े पहले छापेमारी तेज की गई। कई प्रतिष्ठित ब्रांडों और मिठाई की दुकानों में भी मिलावटखोरी पाई गई। खाद्य उत्पाद बनाने की प्रक्रिया भी प्रदूषित मिल चुकी है।
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